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कोरोना संक्रमित की 24 घंटे में मृत्यु होने पर जिलाधिकारी होंगे जिम्मेदार

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि यदि कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने के 24 घंटे के भीतर किसी की मृत्यु होती है तो इसके लिए जिलाधिकारी स्वयं जिम्मेदार होंगे।

By Edited By: Published: Sat, 13 Jun 2020 10:14 PM (IST)Updated: Sun, 14 Jun 2020 11:11 AM (IST)
कोरोना संक्रमित की 24 घंटे में मृत्यु होने पर जिलाधिकारी होंगे जिम्मेदार
कोरोना संक्रमित की 24 घंटे में मृत्यु होने पर जिलाधिकारी होंगे जिम्मेदार

देहरादून, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोरोना के कारण मृत्यु होने के मामले में जिलाधिकारियों की जवाबदेही तय की है। उन्होंने कहा कि यदि कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने के 24 घंटे के भीतर किसी की मृत्यु होती है तो यह सर्विलांस की कमी मानी जाएगी। यह लापरवाही मानी जाएगी। इसके लिए जिलाधिकारी स्वयं जिम्मेदार होंगे। उन्होंने जिलाधिकारियों को क्वारंटाइन सेंटरों में सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने होम आइसोलेशन में सभी मानकों के अनुपालन और डिस्चार्ज कर घर भेजे गए लोगों की काउंसिलिंग के भी निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कोविड केयर सेंटरों में भी सारी आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना सुनिश्चित करने को कहा है।

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शनिवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सभी जिलाधिकारियों के साथ कोरोना की स्थिति को लेकर समीक्षा की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सहायता से सर्विलांस बढ़ाने के निर्देश दिए। इसके लिए बच्चों व बुजुर्गों के स्वास्थ्य की समय-समय पर जानकारी लेने को कहा गया। मुख्यमंत्री ने कोरोना के लक्षण वाले सभी लोगों की अनिवार्य रूप से सैंपलिंग करने के भी निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को आवश्यकता के अनुसार थर्मल स्कैनर, फेस शील्ड, पीपीई किट, मास्क आदि जरूरी उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे। ओपीडी में ड्यूटी करने वाले चिकित्सकों को भी फेस शील्ड दी जाए। कहा, वर्तमान परिस्थिति के अनुरूप लोगों में व्यवहारात्मक परिवर्तन लाने होंगे। इसके लिए आइइसी (इंफॉरमेशन, एजुकेशन एंड कम्यूनिकेशन) कार्यक्रम संचालित किए जाएं।

शारीरिक दूरी, मास्क का अनिवार्य प्रयोग व नियमित रूप से हाथ धोने आदि को आदत में लाना होगा। बाजार में एक जगह भीड़ को सख्ती से नियंत्रित किया जाए। उन्होंने कहा कि धन की कोई समस्या नहीं है। आवश्यकता के अनुसार कार्मिकों की नियुक्ति के अधिकार जिलाधिकारियों को दिए गए हैं। इसी प्रकार आवश्यक चिकित्सा संबंधित उपकरणों के क्रम के लिए भी अधिकार दिए गए हैं। 

मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि हर केस को पूरी गंभीरता से लिया जाए। मरीज को डिस्चार्ज करने से पहले यह सुनिश्चित किया जाए कि घर में मानकों के अनुरूप सभी चीजें उपलब्ध हों।

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सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने कहा कि अगले 15-20 दिन सभी के लिए महत्वपूर्ण हैं। रिकवरी रेट और डबलिंग रेट में सुधार हो रहा है। यह ध्यान रखा जाए कि कोरोना के कारण सामान्य चिकित्सा भी प्रभावित न हो। लोगों को सामान्य इलाज मिलता रहे। बैठक में सचिव आपदा प्रबंधन एवं परिवहन शैलेश बगोली, आयुक्त कुमाऊं अरविंद सिंह ह्यांकि, आयुक्त गढ़वाल रविनाथ रमन, प्रभारी सचिव स्वास्थ्य डॉ. पंकज कुमार पांडेय सहित अन्य अधिकारी व जिलाधिकारी उपस्थित थे। 

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