धनुष तोप के निर्माण में दून आयुध निर्माणी का अहम योगदान
धनुष तोप के निर्माण में दून स्थित आयुध निर्माणी फैक्ट्री का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इस उच्च गुणवत्ता की तोप के निर्माण में जो भी ऑप्टीकल यूनिट लगी वह भी यहीं बनाई गई।
देहरादून, जेएनएन। बोफोर्स से ताकतवर धनुष तोप के निर्माण में दून स्थित आयुध निर्माणी फैक्ट्री का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। तोप के न केवल पूरे साइटिंग सिस्टम आयुध निर्माणी में तैयार किए गए, बल्कि इस उच्च गुणवत्ता की तोप के निर्माण में जो भी ऑप्टीकल यूनिट लगी हैं, वह भी यहीं बनाए गए हैं।
धनुष तोप आज सेना को सौंप दिया गया है। यह तोप बोफोर्स का स्वदेशी वर्जन है। धनुष तोप भारतीय सेना की अब तक की सबसे ताकतवर तोप मानी जा रही है। इसकी मारक क्षमता 38 किमी है। जबलपुर की गन कैरेज फैक्ट्री खमरिया में तैयार की गई स्वदेशी धनुष तोपों की पहली खेप गन कैरेज फैक्ट्री ने सेंट्रल ऑर्डनेंस डिपो को सौंप दी है। जबलपुर गन फैक्ट्री के लिए तो यह गौरव का दिन था ही, दून स्थित आयुध निर्माणी फैक्ट्री के लिए भी यह महत्वपूर्ण था, क्योंकि धनुष तोप के निर्माण में आयुष निर्माणी फैक्ट्री रायपुर का भी योगदान रहा है।
आयुध निर्माणी के बोर्ड सदस्य चंद्र शेखर विश्वकर्मा ने बताया कि इस तोप के निर्माण में आयुध निर्माणी देहरादून की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि इसके पूरे साइटिंग सिस्टम दून आयुध निर्माणी फैक्ट्री में तैयार किए गए हैं। तोप के निर्माण में जो भी आप्टीकल यूनिट लगी हैं, वह भी यही बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि फैक्ट्री को 114 बनाने का ऑर्डर दिया गया है।
2011 में तोप निर्माण का कार्य शुरू हुआ था 2014 में पूरा हो गया था। उसके बाद लगातार 4 साल से तोप का परीक्षण चल रहा था। उन्होंने कहा कि फिलहाल छह धनुष तोप सेना को सौंपी गई है। अन्य का निर्माण तेजी से चल रहा है। उन्हें उम्मीद है कि अन्य तोपों को भी जल्द सेना को सौंप दिया जाएगा। बताया कि तोप में 80 प्रतिशत पार्ट भारत में निर्मित हैं।
भारतीय सेना की ताकत है आयुध निर्माणी
आयुध निर्माणी देहरादून की प्लेटिनम जुबली धूमधाम से मनाई गई। इस मौके पर आयुध निर्माणी में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। सुबह जहां आयुध पैदल मार्च (वाक फॉर आर्डनेंस फैक्ट्री) का आयोजन किया गया, वहीं शाम को सास्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। प्लेटिनम जुबली समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आयुध निर्माणी बोर्ड के सदस्य चंद्र शेखर विश्वकर्मा मौजूद रहे।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि भारतीय आयुध निर्माणी फैक्ट्रियां भारतीय सेना की ताकत है। कहा कि सौभाग्य की बात है कि आज ही के दिन गन फैक्ट्री जबलपुर भारतीय सेना को धनुष तोप सौंप रही है और आयुध निर्माणी देहरादून अपना प्लेटिनम जुबली समारोह मना रही है। कहा कि इस तोप के निर्माण में आयुध निर्माणी देहरादून की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। इसलिए फैक्ट्री के लिए भी यह गर्व का दिन है।
उन्होंने सभी कर्मचारियों व अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि आज प्रतियोगिता का युग है और हमें हर परिस्थिति का सामना करने की क्षमता विकसित करनी होगी। उन्होंने कहा कि हमें अपने आप को और अधिक सबल और सक्षम बनाना है, ताकि आने वाले दिनों में हमारी ग्रोथ सही रहे। आज हमें प्रतियोगिता को देखते हुए आधुनिक तकनीक को अपनाना होगा। आयुध निर्माणी के वरिष्ठ महाप्रबंधक डीएम पुरी ने कहा कि आयुध निर्माणी देहरादून में हर तरह के यंत्र बनाने की क्षमता है।
फैक्ट्री ऐसे यंत्र बनाती हैं जो कि भारतीय सेना के लिए आख का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि यहा के कर्मचारियों की कार्यकुशलता का ही परिणाम है कि हम अपने टारगेट समय से पूरा करते हैं। इस दौरान निर्माणी परिसर में रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया। इसमें निर्माणी कर्मचारियों ने प्रस्तुतिया दीं। इससे पहले आयुध पैदल मार्च का शुभारंभ आयुध निर्माणी के वरिष्ठ महाप्रबंधक डीएम पुरी ने झंडा दिखाकर किया।
मार्च निर्माणी के मुख्य द्वार से शुरू होकर दुल्हनी नदी, ओएलएफ एस्टेट होते हुए वापस निर्माणी में आकर समाप्त हुई। इस दौरान वरिष्ठ महाप्रबंधक ने पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया। इस दौरान बड़ी संख्या में आयुध निर्माणी के अधिकारी, कर्मचारी मौजूद थे।
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