IMA POP: श्रीलंका सेना प्रमुख ने ली परेड की सलामी, भावुक होकर बोले ‘यही से शुरू हुआ था मेरा सफर’
देहरादून में भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) की 156वीं पासिंग आउट परेड में 419 युवा अफसर भारतीय सेना में शामिल हुए। श्रीलंका के सेना प्रमुख जो आइएमए के पूर्व कैडेट हैं ने परेड की सलामी ली। उन्होंने कहा कि आइएमए में सीखा अनुशासन जीवन भर काम आएगा। परेड में 9 मित्र देशों के 32 कैडेट भी शामिल थे। अधिकारियों को अनुशासन ईमानदारी और देश के प्रति वफादारी का पाठ पढ़ाया गया।

जागरण संवाददाता, देहरादून। भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में शनिवार को आयोजित 156वीं पासिंग आउट परेड खास बन गई। पहली बार आइएमए के एक पूर्व कैडेट ने बतौर श्रीलंका सेना प्रमुख परेड की सलामी ली।
निरीक्षण अधिकारी श्रीलंका सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बीकेजीएम लासंथा रोड्रिगो ने कहा कि वह यहां आकर भावुक हैं। उनके सैन्य जीवन की शुरुआत भी इसी धरती से हुई थी। यहीं अनुशासन सीखा और जीवन के मायने समझे। कहा कि आप सभी में मुझे अपना ही अक्स दिखाई दे रहा है।
परेड में कुल 451 आफिसर कैडेट शामिल हुए। इनमें 9 मित्र देशों के 32 कैडेट भी शामिल थे। इन युवा सैन्य अधिकारियों ने शानदार परेड प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लिया। मार्चिंग के दौरान ‘सारे जहां से अच्छा’ और ‘कदम कदम बढ़ाए जा’ की धुन गूंज रही थी और कदमों में आत्मविश्वास झलक रहा था।
इस दौरान आरट्रैक कमांडर ले जनरल देवेंद्र शर्मा, आइएमए कमांडेंट ले जनरल नागेंद्र सिंह, डिप्टी कमांडेंट मेजर जनरल आलोक नरेश सहित बड़ी संख्या में सेवारत व सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी, विभिन्न देशों के प्रतिनिधि व कैडेट के स्वजन उपस्थित थे।
सम्मान वर्दी से नहीं, आचरण से अर्जित होता है
समीक्षा अधिकारी ने कहा कि अफसर बनना सिर्फ एक रैंक पहन लेना नहीं है, बल्कि जीवनभर की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि आपका असली सफर आज से शुरू हो रहा है। अब से आप केवल अपने लिए नहीं, बल्कि अपने देश, अपने जवानों और उन परिवारों के लिए जिएंगे जिन्होंने अपनों को देश के लिए कुर्बान किया है।
उन्होंने अनुशासन, ईमानदारी, वफादारी और सम्मान को एक सैनिक का सबसे मजबूत आधार बताया। कहा कि अनुशासन आत्मानुशासन है, ईमानदारी तब साबित होती है जब कोई देख न रहा हो, वफादारी सिर्फ अपने वरिष्ठों तक सीमित नहीं, और सम्मान उस वर्दी का है जिसे पहनकर पूरी जिंदगी देश के लिए समर्पित कर देनी होती है।
उन्होंने कहा कि आप सभी अब उस विरासत का हिस्सा बन चुके हैं, जो देशभक्ति और बलिदान की मिसाल रही है। कहा कि यह संस्थान सिर्फ सैन्य प्रशिक्षण का केंद्र नहीं है, बल्कि जीवनभर के लिए मजबूत रिश्तों की नींव डालता है। विदेशी कैडेटों का जिक्र करते कहा कि वे आइएमए के उन मूल्यों के राजदूत बनकर अपने देश लौटेंगे, जो सरहदों से परे जाकर पूरी दुनिया में सम्मान और भाईचारे का संदेश देते हैं।
सच्चे, ईमानदार और निडर बनो
लेफ्टिनेंट जनरल रोड्रिगो ने फील्ड मार्शल सैम मानेकशा के शब्दों को याद करते कहा कि सच्चे, ईमानदार और निडर बनो। उन्होंने कहा कि आइएमए सिर्फ सैनिक तैयार नहीं करता, बल्कि ऐसे नागरिक तैयार करता है जो भविष्य में राष्ट्र के मार्गदर्शक बनें। उन्होंने कहा कि अब युवा अधिकारी भारतीय सेना की उस विरासत का हिस्सा बनने जा रहे हैं, जो सिर्फ लड़ाई नहीं, बल्कि सत्य और न्याय के लिए पहचानी जाती है।
पुरस्कार विजेताओं ने बढ़ाया गौरव
- स्वार्ड आफ आनर : अन्नी नेहरा (हरियाणा)
- गोल्ड मेडल : रोनित रंजन नायक (ओडिशा)
- सिल्वर मेडल : अन्नी नेहरा (हरियाणा)
- ब्रान्ज मेडल : अनुराग वर्मा (उत्तर प्रदेश)
- टीजी कोर्स सिल्वर : आकाश भदौरिया (मध्यप्रदेश)
- टीईएस सिल्वर : कपिल
- सर्वश्रेष्ठ विदेशी कैडेट : निशान बलामी (नेपाल)
- चीफ आफ आर्मी स्टाफ बैनर : केरन कंपनी
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