आईएमए में कैडेट की मौत, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल; जांच शुरू
देहरादून आईएमए में प्रशिक्षण के दौरान कैडेट की मौत से सुरक्षा मानकों पर सवाल उठ रहे हैं। केरल के कैडेट बालू एस का शव स्विमिंग पूल में मिला। पूर्व में भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं जिससे सुरक्षा प्रोटोकॉल पर चिंता जताई जा रही है। आईएमए प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है और सुरक्षा उपायों की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं।

जागरण संवाददाता, देहरादून। भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए ) में सैन्य प्रशिक्षण के दौरान कैडेट की मौत की घटना ने एक बार फिर सुरक्षा प्रोटोकाल को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना अकादमी में पिछले कुछ वर्षों में हुई मौतों की श्रृंखला में एक और दुखद हादसा है।
बुधवार शाम आईएमए में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे केरल के तिरुवनंतपुरम निवासी कैडेट बालू एस का स्विमिंग पूल में शव मिला। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि कैडेट की मौत पानी में डूबने से हुई है। यह पहली बार नहीं है जब प्रशिक्षण के दौरान इस तरह की घटना हुई है। अगस्त 2017 में अकादमी के दो कैडेटों की 10 किलोमीटर लंबी दौड़ के दौरान मौत हो गई थी। वहीं वर्ष 2019 में एक कैडेट लांघा रोड के पास रात में नेविगेशन ट्रेनिंग के दौरान गहरी खाई में गिर गया था, जिससे उसकी मृत्यु हो गई थी।
सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि सैन्य प्रशिक्षण अत्यंत कठिन और जोखिमपूर्ण होता है, लेकिन लगातार होने वाली मौतें संकेत देती हैं कि सुरक्षा प्रोटोकाल में खामियां रह सकती हैं। उनके अनुसार, सुरक्षा नियमों का पालन और कैडेटों की लगातार निगरानी दोनों ही अत्यंत जरूरी हैं।
इधर, आईएमए प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। जांच में यह स्पष्ट किया जाएगा कि कैडेट की मौत लापरवाही के कारण हुई या किसी अन्य कारण से। इसके साथ ही अकादमी ने सभी प्रशिक्षण सत्रों में सुरक्षा उपायों की समीक्षा करने के निर्देश भी जारी किए हैं।
अकादमी सूत्रों ने बताया कि इस घटना के बाद प्रशिक्षकों और कैडेट्स को अतिरिक्त सतर्क रहने के लिए कहा गया है, ताकि आगे किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके। अधिकारियों का कहना है कि आईएमए ने हमेशा सुरक्षा को सर्वोपरि रखा है, लेकिन इस तरह की घटनाएं यह दर्शाती हैं कि सुरक्षा प्रोटोकाल को और मजबूत करने की आवश्यकता है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।