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सालों से बंद पड़ी फैक्ट्री बनी खनन का अवैध भंडारण, किया सील

देहरादून के प्रेमनगर क्षेत्र में सालों से बंद पड़ी अमिताभ टैक्सटाइल मिल का परिसर खनन का अवैध भंडारण केंद्र बना था। फिलहाल फैक्ट्री को सील कर दिया गया है।

By Edited By: Published: Tue, 15 Sep 2020 07:22 PM (IST)Updated: Wed, 16 Sep 2020 06:16 PM (IST)
सालों से बंद पड़ी फैक्ट्री बनी खनन का अवैध भंडारण, किया सील
सालों से बंद पड़ी फैक्ट्री बनी खनन का अवैध भंडारण, किया सील

देहरादून, जेएनएन। प्रेमनगर क्षेत्र में सालों से बंद पड़ी अमिताभ टैक्सटाइल मिल का परिसर खनन का अवैध भंडारण केंद्र बना था। जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव को मिली शिकायत पर प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम ने मंगलवार देर रात छापा मारा। मौके से एक जेसीबी और दो डंपर सीज कर दिए। फैक्ट्री परिसर में करीब 50 ट्रक खनिज सामग्री (रेत, बजरी आदि) डंप किए गए थे। इस स्थिति को देखते हुए पूरे परिसर को सील कर दिया गया है।

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छापे की यह कार्रवाई तहसीलदार सदर दयाराम के नेतृत्व में की गई। तहसीलदार ने बताया कि छापे के दौरान भी डंपर में खनिज सामग्री भरी जा रही थी। हालांकि, स्थल पर कोई नहीं पाया गया। न ही इस भंडारण स्थल का कोई रिकॉर्ड ही पाया गया। इससे स्पष्ट हुआ कि आसपास की नदियों ने अवैध रूप से खनन कर यहां पर डंप किया जाता है। तहसीलदार के मुताबिक खनन कार्यालय को फैक्ट्री परिसर में पड़ी सामग्री का आकलन करने के निर्देश दिए गए हैं। ताकि इस पर रॉयल्टी वसूल किए जाने के साथ जुर्माना भी लगाया जा सके। कैंट बोर्ड की सीईओ तनु जैन ने बताया कि अमिताभ टैक्सटाइल मिल को लेकर मिल रही शिकायत के बाद वहां बोर्ड ने अपना ताला लगवा दिया था। बोर्ड अनियमितता रोकने के लिए अपनी तरफ से पूरी कार्रवाई कर रहा है।
प्रेमनगर थाने को नहीं दी सूचना
बताया गया कि छापा मारने गई टीम ने प्रेमनगर थाने को इसकी सूचना ही नहीं दी, जिससे मुखबिरी की आशंका को दूर किया जा सके। खनन के अवैध भंडारण को लेकर पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
बंदी फैक्ट्री की गतिविधियों पर कैंट बोर्ड की शह
यह फैक्ट्री देहरादून कैंट बोर्ड के क्षेत्र में पड़ती है। फैक्ट्री के भवन से बोर्ड को अच्छा खासा राजस्व भवन कर के रूप में मिलता है, लेकिन कुछ समय से इस भवन को प्लॉटिंग के लिए तोड़े जाने की शिकायत मिल रही थी। हालांकि, यहां पर प्लॉटिंग भी पास नहीं है। जब बोर्ड के अधिकारियों के से स्तर से कार्रवाई नहीं की गई तो बोर्ड अध्यक्ष (सैन्य अधिकारी) को भी शिकायत की गई। तब जाकर दो-तीन दफा भवन तोड़ने की कार्रवाई पर रोक लगाई गई। कैंट की टीम ने आगे के गेट की बंद कराए, लेकिन एक गेट को खुला रखा गया। हालांकि, इसके बाद भी भवन का अधिकांश हिस्सा ध्वस्त किया जा चुका है। 

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