अगर स्मार्ट मीटर से आ रहा है ज्यादा बिल, तो आजमाएं ये तरीका; मिलेगा हल
ऊर्जा निगम ने स्मार्ट मीटरों में गड़बड़ी से इनकार किया है, लेकिन गलत बिलिंग की एक घटना स्वीकार की है। अधिकारियों ने शिकायतों के त्वरित समाधान और मीटर सीलिंग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। निगम ने कहा कि बिल वास्तविक खपत के अनुसार हैं और गलत रीडिंग को सुधारा गया है। उपभोक्ताओं को मीटर परिवर्तन के दौरान उपस्थित रहने और संदेह होने पर चेक मीटर लगवाने की सलाह दी गई है।

सालावाला क्षेत्र की एक महिला को गलत रीडिंग पर भेज दिया था कई गुना बिल। प्रतीकात्मक तस्वीर
जागरण संवाददाता, देहरादून। ऊर्जा निगम ने स्मार्ट मीटर पर उठ रहे सवालों को नकारा है। बिलिंग या मीटर में खामी की बात से इन्कार करते हुए पारदर्शिता का दावा किया। ऊर्जा निगम के उच्चाधिकारियों ने अधीनस्थों को निर्देश दिए हैं कि मीटर से संबंधित शिकायतों का त्वरित निस्तारण किया जाए और उपभोक्ताओं की समस्त शंकाओं को दूर किया जाए। हालांकि, उन्होंने एक महिला उपभोक्ताओं को गलत रीडिंग के कारण कई गुना अधिक बिल भेजे जाने की बात स्वीकार की। उन्होंने सभी से संदेह की स्थिति में चेक मीटर लगाने की अपील की है।
बीते मंगलवार को ऊर्जा निगम के ईसी रोड स्थित अधिशासी अभियंता कार्यालय में पार्षदों और क्षेत्रवासियों ने शिकायतों को लेकर आक्रोश व्यक्त किया। अधिकारियों ने बुधवार को विभिन्न बिंदुओं पर स्थिति स्पष्ट की है। बताया कि अधिकांश शिकायतें दून विहार और जाखन क्षेत्र से संबंधित थीं, जहां हाल ही में स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि कुछ उपभोक्ताओं की शिकायत मीटर सीलिंग न मिलने से जुड़ी थी।
इस पर संबंधित परीक्षण खंड को तत्काल मीटर सीलिंग उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों के अनुसार, जिन उपभोक्ताओं के मीटर बदले गए थे, उन्हें बाद में सितंबर माह में बिल जारी किए गए। इनमें कुछ बिल तीन से चार महीने की अवधि के हैं, जिससे राशि अधिक प्रतीत हो रही है। निगम ने स्पष्ट किया कि उपभोक्ताओं के बिल उनकी वास्तविक खपत के अनुरूप ही बने हैं।
ऊर्जा निगम ने यह भी स्वीकार किया कि सालावाला क्षेत्र की एक महिला उपभोक्ता के बिल में गलत रीडिंग दर्ज हो गई थी, जिसे संशोधित कर सही कर दिया गया है। इसके साथ ही उपभोक्ताओं के आग्रह पर निगम ने निर्देश जारी किए हैं कि भविष्य में मीटर परिवर्तन की प्रक्रिया उपभोक्ता की उपस्थिति में की जाए और मौके पर ही मीटर सीलिंग प्रदान की जाए।
इसके लिए कार्यदायी संस्था गढ़वाल स्मार्ट मीटर प्रा. लि. और परीक्षण खंड को आदेशित किया गया है। निगम अधिकारियों ने कहा कि यदि किसी उपभोक्ता को बिल या मीटर संबंधी समस्या बनी रहती है, तो चेक मीटर लगाकर उसका समाधान सुनिश्चित किया जाएगा।
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