जरूरत पड़े तो स्टिंग की सीबीआइ जांच भी हो: इंदिरा
कथित स्टिंग ऑपरेशन को लेकर मुश्किलों में घिरे मुख्यमंत्री हरीश रावत के बचाव में उनके मंत्रिमंडल की वरिष्ठ सदस्य डा. इंदिरा हृदयेश ने मोर्चा संभाला। उन्होंने इस स्टिंग की सीडी को झूठा व फैब्रिकेटेड बताते हुए फोरेंसिंक जांच की मांग उठाई।
देहरादून। कथित स्टिंग ऑपरेशन को लेकर मुश्किलों में घिरे मुख्यमंत्री हरीश रावत के बचाव में उनके मंत्रिमंडल की वरिष्ठ सदस्य डा. इंदिरा हृदयेश ने मोर्चा संभाला। उन्होंने इस स्टिंग की सीडी को झूठा व फैब्रिकेटेड बताते हुए फोरेंसिंक जांच की मांग उठाई। साथ ही, कहा कि जरूरत पड़ी तो इसकी सीबीआइ जांच की भी मांग की जाएगी।
मुख्यमंत्री हरीश रावत के कथित स्टिंग को लेकर प्रदेश में मचे सियासी भूचाल पर संसदीय कार्यमंत्री डा. इंदिरा हृदयेश ने इस सीडी को सरकार की छवि खराब करने का षड्यंत्र करार दिया। विधानसभा में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि देवभूमि में सरकार पर ऐसा आरोप लगाना गलत है। सरकारें आती और जाती हैं, लेकिन नैतिक मूल्यों का पालन करना सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यह स्टिंग सीडी झूठी व फैब्रिकेटेड है, जिसकी वह फारेंसिक जांच की मांग करती हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार बचे या जाए, सवाल यह नहीं है। उत्तराखंड में ङ्क्षहदू, मुस्लिम, सिख, इसाई हर समुदाय का श्रद्धालु गहरी आस्था लेकर आता है। इस षड्यंत्र से श्रद्धालुओं की आस्था व देवभूमि की छवि दोनों को आघात लगा है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यदि जरूरत पड़ी, तो उक्त सीडी की सीबीआइ जांच की मांग भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि 28 मार्च को हरीश रावत सरकार सदन में विश्वास मत हासिल करने जा रही है। यह सब लड़ाई इसे लेकर हो रही है, ताकि इस वजह से सरकार को बहुमत साबित न करने दिया जाए।
सीडी सरासर गलत व सरकार को बदनाम करने की साजिश है। उन्होंने कहा कि पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को पहले ही कहा था कि क्यों 'आत्महत्या' करने जा रहे हो। ये लोग अपने मकसद के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। सीडी बनाने वालों के विरुद्ध भी कार्रवाई होनी चाहिए। बगैर भाजपा के मजबूत सहयोग के पार्टी के बागी विधायक ऐसा नहीं कर सकते थे। वे जहाज में इधर-उधर घूम रहे हैं। उन पर करोड़ों रुपये खर्च किया जा रहा है।
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