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देश के प्रथम प्रधानमंत्री नेहरू ने किया था इस फैक्ट्री को स्थापित, 52 साल बाद हुई बंद

ऋषिकेश में स्थापित आइडीपीएल (इंडियन ड्रग्स एंड फार्मास्युटिकल लिमिटेड) को आखिर 52 वर्ष के सफर के बाद बंद कर दिया गया।

By Edited By: Published: Sun, 01 Sep 2019 07:51 PM (IST)Updated: Mon, 02 Sep 2019 03:36 PM (IST)
देश के प्रथम प्रधानमंत्री नेहरू ने किया था इस फैक्ट्री को स्थापित, 52 साल बाद हुई बंद
देश के प्रथम प्रधानमंत्री नेहरू ने किया था इस फैक्ट्री को स्थापित, 52 साल बाद हुई बंद
ऋषिकेश, जेएनएन। देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा ऋषिकेश में स्थापित आइडीपीएल (इंडियन ड्रग्स एंड फार्मास्युटिकल लिमिटेड) को आखिर 52 वर्ष के सफर के बाद बंद कर दिया गया। यहां तैनात करीब डेढ़ सौ कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। फैक्ट्री के कच्चे माल को कॉरपोरेट ऑफिस वापस भेज दिया गया। सेवानिवृत्त और वर्तमान कर्मचारियों के परिवारों ने केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ संस्थान महाप्रबंधक के घर के बाहर प्रदर्शन कर आक्रोश जाहिर किया। 
1962 में देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने सोवियत संघ के सहयोग से ऋषिकेश में आइडीपीएल (इंडियन ड्रग्स एंड फार्मास्युटिकल लिमिटेड) की आधारशिला रखी थी। साल 1967 में यहां उत्पादन शुरू हुआ था। टेटरासाइक्लिन और अन्य जीवन रक्षक औषधि का निर्माण करने वाली इस फैक्ट्री को ऋषिकेश की अर्थतंत्र की रीढ़ कहा जाता था। साल 1992 में इस फैक्ट्री को रुग्ण इकाई घोषित करने के साथ ही 1996 में उत्पादन सीमित कर दिया गया था। 
यहां काम करने वाले करीब साढे़ चार हजार कर्मचारियों को एच्छिक सेवानिवृत्ति दे दी गई थी। आइडीपीएल के पुनर्जीवन को लेकर सियासत भी कम नहीं हुई। यहां के जनप्रतिनिधियों ने इसके लिए कई वायदे किए। कई स्तर पर बातचीत भी हुई मगर इसके कोई परिणाम नहीं निकले। शनिवार की शाम इस फैक्ट्री को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया। यहां आउटसोर्स के जरिये कार्यरत करीब डेढ़ सौ कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई। यहां की आवासीय कॉलोनी में करीब 26 सौ भवन बने हैं। इनमें 1162 खाली पड़े हैं, जो खंडहर में तब्दील होते जा रहे हैं। 
सेवानिवृत्त कर्मचारियों के कई परिवार यहीं रहकर अभी भी बसर कर रहे हैं। इन्हें जब फैक्ट्री को हमेशा बंद करने की सूचना मिली तो टाउनशिप में जुलूस निकाला। महाप्रबंधक आवास के बाहर प्रदर्शन किया। संस्थान के पूर्व जनसंपर्क अधिकारी केसी जोशी ने बताया कि टाउनशिप में अभी भी पंद्रह सौ परिवार रह रहे हैं। मांग है कि आइडीपीएल आवासीय परिसर को नगर निगम में शामिल किया जाए। प्रदेश सरकार स्वयं इस संस्थान को जनहित में संचालित करें। प्रदर्शन करने वालों में रामेश्वरी चौहान, आरपी भरदूला, बीके नेगी, आनंद सिंह तरियाल, पीएन दुबे, डॉ सुधीर, ओडी तोमर, प्रेम पाटोदिया, सुनील कुटलेड़िया, सारिका आदि शामिल रहे। 
आइडीपीएल से जुड़ी मुख्य बातें 
- 1963 में आइडीपीएल फैक्ट्री का निर्माण शुरू हुआ 
- 1967 में पहला उत्पादन टेटरासाइकलिन का हुआ 
- 1996 में बल्क ड्रग बंद हुआ 
- अब तक माला डी और माला एन का हो रहा था उत्पादन 
- आइडीपीएल का पेट्रोल पंप, वर्कशॉप, फायर ब्रिगेड अधिकतर आवासीय भवन जीर्णशीर्ण हालत में 
- 2600 आवासीय मकानों में 1162 खाली 
- शिवालिक परियोजना बीआरओ को अस्पताल का भवन, बैचलर हॉस्टल सहित करीब 9 आवासीय भवन दिए 
- बीएसएनएल वालों को हॉस्टल और आवास दिए 
- आयकर विभाग को भवन तथा दस कमरे दिए 
- इंटर कॉलेज के स्टाफ को 60 कमरे दिए 
- पुलिस विभाग को चौकी और 81 कमरे दिए

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