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बचपन में खेलती थी लड़कों संग, अब देश के लिए खेलेंगी वर्ल्ड कप; जानिए किसे अपना आइडल मानती हैं स्नेह

ICC Womens Cricket World Cup भारतीय महिला क्रिकेट टीम में उत्तराखंड की स्नेह राणा का भी चयन हुआ है। स्नेह मिताली राज को अपना आइडल मानती है। स्नेह कहती हैं कि आज उनके साथ खेलना बेहद सुखद है। जानिए उनका और क्या कहना है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Fri, 07 Jan 2022 12:08 PM (IST)Updated: Fri, 07 Jan 2022 12:40 PM (IST)
बचपन में खेलती थी लड़कों संग, अब देश के लिए खेलेंगी वर्ल्ड कप; जानिए किसे अपना आइडल मानती हैं स्नेह
बचपन में खेलती थी लड़कों संग, अब देश के लिए खेलेंगी वर्ल्ड कप। जागरण आर्काइव

जागरण संवाददाता, देहरादून। ICC Womens Cricket World Cup भारतीय महिला क्रिकेट टीम की आलराउंडर खिलाड़ी स्नेह राणा जिस तरह क्रिकेट की पिच पर खूंटा गाड़कर बल्लेबाजी व फिरकी गेंदबाजी के लिए जानी जाती हैं, उसी तरह स्नेह ने अपने अब तक के सफर को भी संघर्ष की पिच पर डट कर तय किया है। शुरुआती दौर में तमाम उतार-चढ़ाव और पिता का साथ छूटने के बाद भी स्नेह ने अपने लक्ष्य पर निशाना साधे रखा। परिणाम स्वरूप उनका वर्ल्‍ड कप टीम में चयन हुआ। उन्होंने युवा पीढ़ी को संदेश दिया कि जीवन में परिस्थितियां कितनी भी कठिन क्यों न हो, लेकिन हमें बिना हिम्मत हारे लक्ष्य का पीछा करना है। कठिन परिश्रम से एक दिन सफलता जरूर मिलेगी।

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चार साल की उम्र से हुई क्रिकेट में रुचि

स्नेह राणा ने बताया कि जब वह चार साल की थी तो तबसे ही वह क्रिकेट में रुचि रखती थी। बचपन में जब उनके पास बल्ला नहीं था तो वह घर में कपड़े धोने की थपकी से ही क्रिकेट खेलती थी। इसके अलावा उनके घर के आसपास जब भी लड़के क्रिकेट खेलते थे तो वह उनके साथ खेलने लग जाती थी।

रोजाना 24 किमी साइकिल चलाकर सीखे क्रिकेट के गुर

घर में थपकी के साथ क्रिकेट खेलते देख स्नेह के पिता भगवान सिंह राणा ने उन्हें बल्ला खरीद कर दिया। वह मसूरी रोड स्थित सिनोला गांव से साइकिल से रेस कोर्स स्थित लिटिल मास्टर क्रिकेट क्लब जाती थीं। घर से एकेडमी आने-जाने के लिए उन्हें 24 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता था।

टैलेंट हंट में हुआ था स्नेह का चयन

स्नेह राणा को क्रिकेट की बारीकियां सिखाने वाले कोच नरेंद्र शाह ने बताया कि वह लिटिल मास्टर क्रिकेट क्लब के लिए खिलाड़ि‍यों का चयन करने के लिए टैलेंट हंट करते थे। उस दौरान 100 से अधिक बच्चों में स्नेह एकमात्र लड़की ट्रायल देने आई थी। स्नेह ने लड़कों से बेहतर खेल दिखाया। उस दौरान उन्होंने स्नेह को क्लब में शामिल किया था। कोच ने बताया कि स्नेह राणा मेहनती व सरल स्वभाव की हैं। वह हर परिस्थिति में लड़कर आगे बढ़ने की सोच रखती हैं। स्नेह ने क्लब के साथ देश का मान बढ़ाया है।

किसान परिवार से ताल्लुक रखती हैं स्नेह राणा

स्नेह राणा देहरादून के एक किसान परिवार से ताल्लुक रखती हैं। अपने शुरुआती दौर में स्नेह ने आर्थिक समेत कई दिक्कतों का सामना किया है। स्नेह राणा के खेल में किसी तरह की बाधा न आए इसके लिए उनके पिता भगवान सिंह राणा ने अपनी जमीन तक बेच दी थी। पिता को याद कर भावुक हुई स्नेह ने कहा कि पिता का जाना एक ऐसा नुकसान है जिसकी भरपाई नहीं हो सकती, लेकिन उन्होंने मुझे आगे बढ़ना सिखाया है। मैं उन्हीं के बताए रास्ते पर आगे चल रही हूं। पापा जहां भी होंगे वहां से देखकर खुश होंगे। उनका सपना था कि मैं टीम में वापसी करूं। मेरी वापसी से दो माह पहले ही बीमारी के चलते उनका स्वर्गवास हो गया।

टीम में वापसी के लिए पांच साल की मेहनत

वर्ष 2016 में चोट के कारण स्नेह राणा मैदान से दूर हो गई थीं। चोट से उबरने के बाद स्नेह राणा को पांच साल बाद 2021 में इंग्लैंड दौरे के लिए टीम में जगह मिली। इस पर स्नेह ने कहा कि उन्होंने पूरे पांच साल टीम में वापसी के लिए मेहनत की है। रेलवे और घरेलू क्रिकेट खेलने से उनको प्रेरणा मिलती रही। कहा पांच साल के इंतजार के बाद मुझे टीम में जगह मिली जिससे मैं खुश हूं। स्नेह राणा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार, कोच नरेंद्र शाह व दरबार साहिब के महंत देवेंद्र दास महाराज को दिया। स्नेह ने कहा कि इन सभी ने मुझे हर मोड़ पर सहारा दिया है।

वर्ल्‍ड कप के लिए तैयारी जारी

स्नेह ने कहा कि भारत के लिए वर्ल्‍ड कप खेलना मेरा सपना था। मैं अपने सपने को साकार करने जा रही हूं। इसके लिए मैं कड़ी मेहनत के साथ तैयारी कर रहीं हूं। मैं न्यूजीलैंड में हर परिस्थिति के लिए खुद को तैयार कर रही हूं। मैं कितना अच्छा प्रदर्शन करूंगी यह कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन मैं अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन करने का प्रयास करूंगी।

ब्रिस्टन टेस्ट को टर्निंग प्वाइंट मानती हैं स्नेह

विगत वर्ष इंग्लैंड दौरे के दौरान ब्रिस्टन टेस्ट में इंग्लैंड के बल्लेबाजों को अपनी फिरकी पर नचाने के बाद पिच पर खूंटा डालकर पारी खेल स्नेह ने सभी दिग्गजों का ध्यान अपनी और केंद्रित कर लिया था। उस मैच में टीम इंडिया हार की कगार पर थी, लेकिन स्नेह ने फालोआन खेलते हुए नाबाद 80 रन की पारी खेल मैच को ड्रा कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। स्नेह ने उस पारी को करियर की श्रेष्ठ पारी बताया। शायद यहीं टर्निंग प्वाइंट भी है।

क्लब ने किया स्नेह को सम्मानित

शुक्रवार को उत्तरांचल प्रेस क्लब में लिटिल मास्टर क्रिकेट क्लब के संस्थापक किरन शाह व नरेंद्र शाह ने स्नेह राणा को वर्ल्‍ड कप टीम में चयनित होने पर सम्मानित किया। नरेंद्र शाह स्नेह के बचपन के कोच भी हैं। स्नेह जब भी दून आती हैं तो नरेंद्र शाह के निर्देशन में ही अभ्यास भी करती हैं।

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