बेसमेंट पर लगा दिया भवन कर, होटल संचालक नाराज Dehradun News
शहर में व्यवसायिक भवनों में बेसमेंट पर भी भवन कर लगाने पर होटल संचालकों ने नाराजगी जताई। होटल संचालकों ने बेसमेंट को भवन कर में शामिल न करने की मांग की।
देहरादून, जेएनएन। शहर में व्यवसायिक भवनों में बेसमेंट पर भी भवन कर लगाने पर होटल संचालकों ने नाराजगी जताई है। महापौर सुनील उनियाल गामा से मुलाकात में होटल संचालकों ने बेसमेंट को भवन कर में शामिल न करने और बीते वर्ष की गई 25 फीसद की वृद्धि हटाने की मांग की है।
यही नहीं, संचालकों ने पिछले साल का भवन कर माफ करने की मांग भी की। महापौर ने बताया कि मामला निगम बोर्ड से संबंधित है और आगामी बोर्ड बैठक में इसे एजेंडे में रखा जाएगा।
नगर निगम ने भवन कर की नई दरें बीते साल लागू की थीं। यह दरें 2018-19 से लागू मानी गईं। इसमें 2014 में तय की गई दरों की अपेक्षा 25 फीसद की वृद्धि की गई थी। चूंकि, बीते वर्ष नईं दरें दिसंबर में लागू की गई थीं व उससे पूर्व काफी लोग भवन कर जमा करा चुके थे।
लिहाजा, निगम की ओर से तय किया गया था कि अप्रैल-19 से नई दरों के साथ भवन कर लिया जाएगा और जिन लोगों ने पहले कर जमा कर दिया था, उनसे बढ़ी दरों की शेष राशि भी वसूल की जाएगी। इसके बावजूद बड़ी संख्या में व्यवसायिक भवनों ने भवन कर नहीं अदा किया। अब निगम की ओर से सख्ती होती देख व्यवसायिक भवन संचालक भागदौड़ कर रहे हैं।
इसी संबंध में दून वैली होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष एसपी कोचर समेत अन्य पदाधिकारियों ने महापौर से मुलाकात कर भवन कर में रियायत देने की मांग की। कोचर ने कहा कि 25 फीसद की वृद्धि को घटाकर 10 फीसद किया जाए। इसके साथ ही व्यवसायिक भवनों से साल 2019-20 से भवन कर वसूल किया जाए। इस दौरान राकेश चुघ, सीपी डंग, रवि कुमार, अनिल कुमार आदि मौजूद रहे।
बेसमेंट पार्किंग में वसूल रहे शुल्क
भले ही व्यवसायिक भवन संचालक दावा कर रहे हों कि वह बेसमेंट का व्यवसायिक उपयोग नहीं कर रहे, लेकिन यह दावा झूठा है। शहर के अधिकतर व्यवसायिक भवनों में बेसमेंट में पार्किंग शुल्क वसूला जा रहा। मॉल व कांप्लेक्सों में तो प्रतिघंटे के हिसाब से पार्किंग शुल्क लिया जाता है। यही नहीं, कुछ व्यवसायिक भवन ऐसे भी हैं, जिनके बेसमेंट में दुकानें या गोदाम चल रहे।
नए वार्डों में 2019-20 से भवन कर
महापौर सुनील उनियाल गामा ने बताया कि जिन नए 32 वार्डों में व्यवसायिक भवन कर की दरें बुधवार से लागू की गई हैं, वहां वर्ष 2019-20 से कर वसूला जाएगा। नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने बताया कि नए वार्डों में भवन कर की जो बीस फीसद की छूट मिली है वह 31 जनवरी तक मान्य रहेगी। इसके बाद एक फरवरी से 31 मार्च तक सिर्फ पांच फीसद की छूट ही मिलेगी। इसके बाद भवन कर देने पर जुर्माना वसूला जाएगा।
30 दिन में होगा सत्यापन
महापौर ने 30 दिन में व्यावसायिक भवन कर के भौतिक सत्यापन के आदेश भी दिए हैं। चेतावनी दी कि जो भवन स्वामी स्वत: कर प्रणाली के तहत गलत निर्धारण करेंगे, उनसे विभागीय नियमानुसार दंड भी वसूला जाएगा। भवन कर नगर निगम की आय का सबसे बड़ा साधन है। पिछले वित्तीय वर्ष में लक्ष्य 30 करोड़ रुपये था, जिसे इस साल बढ़ाकर 45 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
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महापौर गामा ने कहा कि कर निरीक्षकों को संबंधित वार्ड में जाकर व्यावसायिक संपत्ति का भौतिक सत्यापन करने का जिम्मा दिया गया है। जो व्यावसायिक संपत्तियां अभी तक व्यावसायिक संपत्ति कर के दायरे में नहीं हैं उन्हें भी तीस दिन के अंदर कर के दायरे में लाया जाएगा। चेतावनी दी गई कि यदि इस अवधि के बाद किसी निरीक्षक के वार्ड में कोई व्यावसायिक संपत्ति पर भवन कर की व्यवस्था से नहीं जुड़ी तो संबंधित निरीक्षक जिम्मेदार होगा। महापौर ने मलिन बस्तियों में भवन कर वसूली के लिए कैंप शेड्यूल तैयार करने के निर्देश भी दिए।
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