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    Himalaya Glaciers News: 37 साल में 26 वर्ग किमी पीछे खिसके उच्च हिमालयी क्षेत्र के आठ ग्लेशियर

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Thu, 20 Aug 2020 10:00 PM (IST)

    Himalaya Glaciers News यूनेस्को संरक्षित धरोहर नंदा देवी बायोस्फियर रिजर्व के उच्च हिमालयी के आठ ग्लेशियर 37 साल में 26 वर्ग किलोमीटर (किमी) पीछे खिसके हैं।

    Himalaya Glaciers News: 37 साल में 26 वर्ग किमी पीछे खिसके उच्च हिमालयी क्षेत्र के आठ ग्लेशियर

    देहरादून, सुमन सेमवाल। Himalaya Glaciers News यूनेस्को संरक्षित धरोहर नंदा देवी बायोस्फियर रिजर्व के उच्च हिमालयी क्षेत्र के ग्लेशियरों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। इस क्षेत्र के आठ ग्लेशियर 37 साल में 26 वर्ग किलोमीटर (किमी) पीछे खिसके हैं। इस बात की जानकारी वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान व उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यूसैक) के ताजा अध्ययन में सामने आई है। यह पहली दफा है, जब नंदा देवी क्षेत्र के ग्लेशियरों पर इस तरह का अध्ययन किया गया है।

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    यूसैक के निदेशक डॉ. एमपीएस बिष्ट व वाडिया संस्थान के विज्ञानी डॉ. मनीष मेहता के मुताबिक नंदा देवी क्षेत्र के आठ ग्लेशियरों पर वर्ष 1980 से लेकर 2017 के बीच आए बदलाव का अध्ययन सेटेलाइट के अलावा फील्ड सर्वे में भी किया गया। पता चला कि ग्लेशियर प्रतिवर्ष पांच से लेकर 30 मीटर की दर से पीछे खिसक रहे हैं। इन ग्लेशियरों का जितना आकार है, उसका 10 फीसद भाग अब तक पिघल चुका है।

    यूसैक निदेशक डॉ. एमपीएस बिष्ट ने बताया कि नंदा देवी ग्लेशियरों के तेजी से पीछे खिसकने के पीछे विशेष भौगोलिक परिस्थितियां हैं। यहां गढ़वाल मंडल के अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा 30 फीसद कम बारिश होती है। इसके चलते यहां का तापमान भी बढ़ रहा है। वर्ष 1980 से लेकर 2017 के बीच इस क्षेत्र के तापमान में औसतन 0.5 डिग्री सेल्सियस का इजाफा हुआ है। 

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    अंतरराष्ट्रीय जर्नल में अध्ययन को मिली जगह

    नंदा देवी क्षेत्र के ग्लेशियरों पर किए गए इस अध्ययन को अंतरराष्ट्रीय जर्नल 'क्वाटरनरी इंटरनेशनल' में प्रकाशित किया जा चुका है। अध्ययन टीम में वाडिया संस्थान के डॉ. विनीत कुमार, डॉ. तनुज शुक्ला, श्रीकृष्ण नौटियाल व डॉ. डीपी डोभाल (अब रिटायर) का भी अहम योगदान रहा।

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