Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक को हाई कोर्ट से बड़ी राहत, भ्रष्टाचार के आरोप संबंधी याचिका को किया खारिज

    Updated: Thu, 12 Jun 2025 01:26 PM (IST)

    नैनीताल हाई कोर्ट ने ऊर्जा निगम के एमडी के खिलाफ भ्रष्टाचार की याचिका खारिज कर दी है। याचिकाकर्ता बाबी पंवार को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत न्याय ...और पढ़ें

    Hero Image
    स्वाभिमान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बाबी पंवार ने दायर की थी याचिका। जागरण आर्काइव

    जागरण संवाददाता, नैनीताल। हाई कोर्ट ने ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक (एमडी) को राहत देते हुए उनके विरुद्ध टेंडर आवंटन में भ्रष्टाचार करने व आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की जांच की मांग वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. नरेंद्र व न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ के समक्ष दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्होंने याचिकाकर्ता स्वाभिमान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बाबी पंवार को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सक्षम न्यायालय में जाने की छूट दी है। सुनवाई में महाधिवक्ता ने तर्क दिया कि यह जनहित की आड़ में पैसा वसूली याचिका प्रतीत होती है।

    स्वाभिमान मोर्चा के अध्यक्ष बाबी पंवार का आरोप था कि ऊर्जा निगम के एमडी अनिल यादव ने टेंडर आवंटन में भ्रष्टाचार किया है। साथ ही आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है। इस संदर्भ में वर्ष 2018 में पावर ट्रांसमिशन कार्पोरेशन की एक जांच समिति की रिपोर्ट का हवाला भी दिया गया था।

    राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि कार्मिक एवं सतर्कता विभाग ने आठ जुलाई 2024 को इस मामले में जांच बंद करने का निर्णय लिया था। महाधिवक्ता ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता स्वयं कई मामलों में आरोपित है। विधानसभा चुनाव भी लड़ा है। इसलिए यह याचिका जनहित की आड़ में पैसा वसूल याचिका प्रतीत होती है।

    महाधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट में दायर झारखंड राज्य बनाम शंकर शर्मा मामले में दिए निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि ऐसी याचिकाएं जनहित नहीं, बल्कि निजी स्वार्थ से प्रेरित होती हैं। कोर्ट ने कहा कि मामले में तथ्यों, जांच और साक्ष्यों की समीक्षा करनी आवश्यक है।

    यह स्पष्ट किया कि यह कार्य सक्षम ट्रायल कोर्ट की ओर से किया जाना चाहिए। न्यायालय ने याचिकाकर्ता को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत शिकायत दर्ज कराने के लिए सक्षम अदालत में जाने की स्वतंत्रता दी और याचिका का निस्तारण कर दिया।

    सरकार पर लगाया अधिकारी को बचाने का आरोप

    देहरादून : देहरादून में लैंसडौन चौक स्थित उत्तरांचल प्रेस क्लब में उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बाबी पंवार ने पत्रकारों से वार्ता की।

    इस दौरान उन्होंने ऊर्जा निगम में भ्रष्टाचार के मामले में एक अधिकारी के खिलाफ जनहित में दायर याचिका को कमजोर करने के लिए एक सुनवाई पर तकरीबन 20 लाख रुपये की धनराशि खर्च करने की बात कही। उन्होंने सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए। इस दौरान मोर्चा के उपाध्यक्ष त्रिभुवन चौहान, सैनिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष कैलाश देवरानी, राजेंद्र भट्ट, मनोज कोठियाल, प्रमोद काला आदि मौजूद रहे।

    ऊर्जा निगम प्रबंधन ने आरोपों को बताया बेबुनियाद

    ऊर्जा निगम ने बाबी पंवार की ओर से हाइकोर्ट में दायर याचिका में लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताया है। साथ ही पैरवी को लेकर भी स्थिति स्पष्ट की है। प्रबंधन का कहना है कि कोर्ट में सरकारी पक्ष की ओर से केवल शासकीय अधिवक्ताओं ने ही पैरवी की थी।

    शासन की ओर से उच्च न्यायालय में एडवोकेट जनरल व चीफ स्टैंडिंग काउंसिल उपस्थित हुए। प्रश्नगत याचिका में नामित अधिवक्ता नैनीताल के ही हैं और उनकी उपस्थिति विधिक प्रक्रिया के तहत रही। इस मामले में प्रदेश सरकार के शासकीय अधिवक्ताओं के अलावा न तो किसी बाहरी कारपोरेट अधिवक्ता को लाया गया और न ही ऊर्जा निगम की ओर से कोई अधिवक्ता नियुक्त किया गया।