शासन ने भी की दगाबाजी, मदद की राशि रोडवेज के वार्षिक बजट से काटी
मुख्यमंत्री ने दो माह पूर्व रोडवेज को 15 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद देने का एलान किया था। शासन द्वारा यह राशि जारी तो की गई मगर इसे रोडवेज के ही वार्षिक बजट से काट लिया।
देहरादून, जेएनएन। कोरोना के चलते खराब वित्तीय स्थिति से गुजर रहे रोडवेज के साथ शासन ने भी दगाबाजी कर दी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दो माह पूर्व रोडवेज को 15 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद देने का एलान किया था। शासन द्वारा यह राशि जारी तो की गई मगर इसे रोडवेज के ही वार्षिक बजट से काट लिया। सरकार रोडवेज को पर्वतीय मार्गो पर संचालन की वजह से होने वाले घाटे की मद में सालाना बजट देती है। इसी मद से यह राशि काटी गई। गुस्साए रोडवेज कर्मचारी सोमवार को मुख्यमंत्री आवास पहुंचे और पर्वतीय मद से राशि काटने का विरोध जताया। रोडवेज कर्मचारियों का दावा है कि मुख्यमंत्री रावत ने अधिकारियों को आपदा राहत मद से 15 करोड़ रुपये देने के आदेश दिए।
रोडवेज में वेतन के संकट को देखते हुए 20 जून को राज्य निगम कर्मचारी/अधिकारी महासंघ व रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर राजकीय कोष से 15 करोड़ की वित्तीय मदद की मांग की थी। मुख्यमंत्री ने इस पर हामी भर दी थी। आरोप है कि पिछले माह शासन ने जो 15 करोड़ रुपये जारी किए वे राजकीय कोष के बजाए रोडवेज के मद से ही जारी कर दिए। अब सरकार ने रोडवेज को फिर से 15 करोड़ रुपये देने के आदेश दिए हैं। आरोप है कि शासन ने इसके लिए जो पत्रवली तैयार की है, उसमें भी पर्वतीय घाटे के मद से यह राशि काटी जा रही है। इसका पता लगते ही कर्मचारी भड़क गए व सीधे मुख्यमंत्री के पास पहुंचे। बताया गया कि मुख्यमंत्री के आदेश के बाद अब राज्य सरकार के कोष से दो से तीन दिन में राशि रोडवेज को मिल जाएगी। इससे कर्मियों को मई का वेतन मिल सकेगा। इस दौरान राज्य निगम कर्मचारी/अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गोसाईं आदि मौजूद रहे।
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आज कर्मचारी यूनियन की वार्ता
रोडवेज कर्मचारियों से वार्ता के क्रम में अपर मुख्य सचिव एवं रोडवेज के निदेशक मंडल की अध्यक्ष राधा रतूड़ी सचिवालय में आज उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारियों से वार्ता करेंगी। बीते पांच दिन से अपर मुख्य सचिव लगातार रोडवेज के अलग-अलग कर्मचारी संगठनों से वार्ता कर उनकी समस्याओं व रोडवेज में सुधार को लेकर वार्ता कर रहीं।