उत्तराखंड में रोडवेज बसों को टैक्स में छूट देने की तैयारी, पढ़िए पूरी खबर
रोडवेज को सरकार अपने प्रदेश में यात्री टैक्स से छूट देने की तैयारी कर रही है जो टैक्स सालाना दिया जाता है। उससे छूट की मांग कर्मचारियों ने अपर मुख्य सचिव कार्मिक से मुलाकात की।
By Edited By: Published: Sat, 22 Aug 2020 03:00 AM (IST)Updated: Sat, 22 Aug 2020 07:35 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। करीब 300 करोड़ रुपये के सालाना घाटे में चल रहे रोडवेज को सरकार अपने प्रदेश में यात्री टैक्स से छूट देने की तैयारी कर रही है। परिवहन विभाग में जो टैक्स सालाना दिया जाता है, उससे छूट की मांग कर्मचारियों ने शुक्रवार को अपर मुख्य सचिव कार्मिक राधा रतूड़ी से मुलाकात की और रोडवेज की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए सुझाव दिए। अपर मुख्य सचिव ने कैबिनेट बैठक मे इस बारे में प्रस्ताव रखने की सैद्धांतिक सहमति दी। अपर मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री की पूर्व की घोषणा के अनुरूप सभी जनपदों में रोडवेज बस अड्डे खोलने के निर्देश भी दिए।
रोडवेज निदेशक मंडल की अध्यक्ष बनने के बाद अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी इन दिनों रोडवेज के कर्मचारी संगठनों के साथ बैठक कर रोडवेज की मौजूदा स्थिति और इसमें सुधार की गुंजाइश पर चर्चा कर रहीं हैं। इस दिशा में रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद और राज्य निगम अधिकारी कर्मचारी महासंघ के प्रतिनिधिमंडल द्वारा अपर मुख्य सचिव से मुलाकात कर अपनी समस्याओं को बताया गया और कुछ सुझाव दिए गए। कर्मचारियों की सबसे बड़ी मांग रोडवेज को आर्थिक रूप से सुधारने की रही। इस दौरान तीन माह से वेतन न मिलने का मामला भी उठाया गया।
वार्ता में सचिव परिवहन शैलेश बगोली, रोडवेज के प्रबंध निदेशक रणवीर सिंह चौहान, अपर सचिव वित्त अरुणेंद्र चौहान व अमिता जोशी, महाप्रबंधक परिवहन दीपक जैन, उप महाप्रबंधक संजय गुप्ता, राज्य निगम अधिकारी कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गोसाई, महासचिव बीएस रावत, रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री दिनेश पंत, उपमहामंत्री विपिन बिजल्वाण आदि मौजूद रहे। भूमि का होगा व्यावसायिक उपयोग बैठक में रोडवेज की परिसंपत्तियों का व्यावसायिक उपयोग करने पर भी मंथन हुआ। सैद्धांतिक सहमति बनी कि रोडवेज के गाधी रोड स्थित पुराने बस अड्डे और मंडलीय संचालक कार्यालय की भूमि को एमडीडीए के जरिए संयुक्त उद्यम के रूप में व्यावसायिक उपयोग किया जाए। रोडवेज को कार्ययोजना बनाने को कहा गया है।
कर्मचारियों की इन मांगों पर अपर मुख्य सचिव ने दी सैद्धांतिक सहमति
-रोडवेज का राजकीयकरण करने के लिए लांबा समिति की रिपोर्ट का अध्ययन किया जाएगा। परीक्षण कराकर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
-कोरोना माहमारी खत्म होने तक रोडवेज कार्मिकों के वेतन के लिए 23 करोड़ रुपए सरकार उपलब्ध कराए। इस मामले में परिवहन सचिव के माध्यम से मुख्यमंत्री से अपील की जाएगी।
-परिसंपत्तियों के बारे में भारत सरकार के नोटिफिकेशन के अनुसार भुगतान दिलाने के लिए सचिव परिवहन और प्रबंध निदेशक की जिम्मेदारी तय की गई।
-रोडवेज निदेशक मंडल की 23 जून को हुई बैठक के फैसले के तहत आइएसबीटी देहरादून का स्वामित्व रोडवेज को दिया जाए। चूंकि, इस समय एमडीडीए उपाध्यक्ष और रोडवेज के प्रबंध निदेशक एक ही हैं, तो इस संबंध में जल्द बैठक की जाएगी।
-रोडवेज में नियमित भर्ती के रिक्त पदों की समीक्षा करते हुए संविदा और विशेष श्रेणी कार्मिकों का नियमितीकरण हो। इस संबंध में नीति बनाई जाएगी।
-रोडवेज के मृतक आश्रितों का विभाग में समायोजन के लिए आगामी निदेशक मंडल की बैठक में प्रस्ताव लाया जाएगा।
-मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप 15 करोड़ रुपये तत्काल रोडवेज को देने के निर्देश वित्त विभाग को दिए गए।
-दिसंबर तक सभी निगम कर्मियों को अटल आयुष्मान योजना का लाभ दिलाया जाएगा।
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