गौचर और चिन्यालीसौड़ को हेली सेवा 26 जनवरी से होगी शुरू
उड़ान योजना के तहत 26 जनवरी से चमोली जिले के गौचर व उत्तरकाशी जिले के चिन्यालीचौड़ के लिए हेली सेवा शुरू करने की तैयारी है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में उड़ान योजना के तहत 26 जनवरी से चमोली जिले के गौचर व उत्तरकाशी जिले के चिन्यालीचौड़ के लिए हेली सेवा शुरू करने की तैयारी है। इसके लिए उत्तराखंड नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (यूकाडा) तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का अनुमोदन मिलने पर 26 जनवरी को इन हवाई सेवाओं को देहरादून के सहस्रधारा हेलीपैड से शुरू कर दिया जाएगा।
प्रदेश में उड़ान योजना के तहत तीन चरणों में इस योजना को शुरू करने का निर्णय लिया गया है। पहले और दूसरे चरण में वायुयान सेवाओं का संचालित प्रस्तावित है। इस योजना के तीसरे चरण में हेली सेवाओं का संचालन प्रस्तावित किया गया है। इसके तहत प्रदेश के 16 स्थानों पर हेली सेवाओं का संचालन किया जाना है। अब विभाग की योजना सबसे पहले गौचर और चिन्यालीसौड़ तक हेली सेवा संचालित करने की है। ये दोनों हवाई सेवाएं देहरादून के सहस्रधारा हेलीपैड से संचालित की जाएंगी और हैरीटेज एविएशन इसका संचालन करेगा। गौचर से जोशीमठ और श्रीनगर के लिए भी हवाई सेवाएं प्रस्तावित की गई हैं लेकिन इनका संचालन अन्य कंपनी करेगी। फिलहाल सरकार का फोकस इन दिनों स्थानों से ही हेली सेवा शुरू करने पर है।
इसके लिए गुरुवार को यूकाडा के तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने चिन्यालीसौड़ हेलीपैड का निरीक्षण भी किया। सचिव नागरिक उड्डयन दिलीप जावलकर ने बताया कि दोनों स्थानों के हेलीपैड का निरीक्षण किया गया है। जो कमियां पहले पाई गई थी वह दूर कर ली गई हैं। इन दोनों स्थानों को हेली सेवा शुरू करने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से समय मांगा गया है। इसके लिए 26 जनवरी की तिथि प्रस्तावित की गई है।
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चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर वायुसेना के विमानों ने की सफल लैंडिंग
चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर 26 दिसंबर 2019 को वायु सेना के मालवाहक 52 सीटर मल्टीपरपज विमान और डोनियर डीओ 228 विमान ने सफलतापूर्वक लैंडिंग और टेकआफ किया। इस दौरान वायु सेना के अधिकारी काफी खुश दिखे। चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी को लेकर वायुसेना लंबे समय से प्रयोग कर रही है। इस हवाई पट्टी से चीन सीमा की हवाई दूरी (एरियल डिस्टेंस) महज 125 किलोमीटर है। ऐसे में चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी वायुसेना के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। पिछले साल वायुसेना ने यहां आपरेशन गगन शक्ति के तहत तीन दिन तक अभ्यास किया था। वायुसेना के आधा दर्जन अधिकारियों ने पहले हेलीकॉप्टर (एएलएच) एसे हवाई अड्डे की रैकी की। फिर पहले डोनियर डीओ-228 विमान ने सफल लैंडिंग की, जिसके बाद वायु सेना का 52 सीटर मल्टीरपज विमान ने लैंडिंग की।
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