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आफत की बारिश: केदारनाथ पैदल ट्रैक पर पत्थर गिरे, एक की मौत; 16 तीर्थयात्री घायल

उत्तराखंड में मानसून की बारिश आफत भी ला रही है। भूस्खलन की वजह से केदारनाथ पैदल मार्ग पर मलबा गिरने से आठ तीर्थयात्री घायल हो गए।

By BhanuEdited By: Published: Thu, 11 Jul 2019 11:53 AM (IST)Updated: Thu, 11 Jul 2019 09:07 PM (IST)
आफत की बारिश: केदारनाथ पैदल ट्रैक पर पत्थर गिरे, एक की मौत; 16 तीर्थयात्री घायल
आफत की बारिश: केदारनाथ पैदल ट्रैक पर पत्थर गिरे, एक की मौत; 16 तीर्थयात्री घायल

देहरादून, जेएनएन। मानसून के सक्रिय होने के साथ ही केदारनाथ पैदल ट्रैक पर सफर जोखिम भरा होता जा रहा है। वीरवार को यहां पहाड़ी से गिरे पत्थरों की चपेट में आकर एक घोड़े और उसके संचालक की मौत हो गई, जबकि 16 तीर्थयात्री चोटिल हो गए। इनमें दो को गंभीर चोटें आई हैं। मौसम की खराबी की वजह से इन्हें हेली रेस्क्यू नहीं किया जा सका। दोनों को पालकी से गौरीकुंड लाया जा रहा है। इधर, सुरक्षा के लिहाज से यात्रियों को विभिन्न पैदल पड़ावों पर रोक दिया गया है। यहां रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी है।

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तीर्थयात्रियों को केदारनाथ धाम तक पहुंचने के लिए गौरीकुंड से 16 किलोमीटर का सफर पैदल तय करना होता है। पिछले महीने तक इस ट्रेक पर पहाड़ी से हिमस्खलन का खतरा बना हुआ था तो अब हर वक्त पत्थरों के गिरने की आशंका बनी रहती है। खासकर बारिश वाले दिन यहां सफर ज्यादा जोखिम भरा हो जाता है। बुधवार मध्य रात्रि से ही केदारघाटी में बारिश का क्रम चल रहा था। भीमबलि और लिनचोली के बीच भूस्खलन होने पर जिला प्रशासन ने दोपहर ढाई बजे यात्रा आधा घंटे के लिए रोक दी थी। तीन बजे इसे फिर से चालू कर दिया गया।  

करीब चार बजे लिनचोली और भीमबलि के बीच अचानक पहाड़ी से पत्थर गिरने लगे। यह देख तीर्थयात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। दोनों तरफ खड़े यात्री पत्थर गिरने का सिलसिला थमने का इंतजार करने लगे। तभी एक घोड़ा संचालक, उसका घोड़ा और 16 तीर्थयात्री पत्थरों की चपेट में आ गए। घोड़े और उसके संचालक ने वहीं दम तोड़ दिया। उसकी शिनाख्त प्रदीप (30)पुत्र बसंत निवासी नागनाथ, चमोली के रूप में हुई। वह मूल रूप से नेपाल का रहने वाला था। घायल यात्रियों को राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) और पुलिस की टीम ने लिनचोली और भीमबलि में प्राथमिक उपचार दिलवाया। दो यात्रियों को गंभीर चोटें आई हैं। कोहरे के कारण इन दोनों को हेली रेस्क्यू नहीं किया जा सका। दोनों के सिर और पैरों में चोटें आई हैं। 

रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि इस घटनाक्रम के बाद केदारनाथ जा रहे और दर्शन कर धाम से लौट रहे तीर्थयात्रियों को सुरक्षा की दृष्टि से विभिन्न पड़ावों पर रोक दिया गया। शुक्रवार को मौसम साफ रहने की स्थिति में यात्रा सुचारू कर दी जाएगी।

30 घंटे बाद खुला गंगोत्री हाईवे

तीस घंटे से बंद गंगोत्री हाईवे पर वीरवार सुबह यातायात सुचारु हो गया। जबकि पहाड़ी दरकने की वजह से केदारनाथ हाईवे करीब एक घंटा अवरुद्ध रहा। देहरादून समेत राज्य के कुछ हिस्सों में मध्यरात्रि से दोपहर तक बारिश के दौर चले। कुमाऊं मंडल में बारिश से तीन मकान ध्वस्त हो गए, इससे एक ही परिवार के तीन लोग घायल हो गए। तीन मवेशियों के मरने की भी सूचना है। मौसम विभाग ने विभाग ने राज्य के छह जिलों में अगले चौबीस घंटें के दौरान भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। 

ऑलवेदर रोड का निर्माण चलने के दौरान बड़ेथी में पहाड़ी से पत्थर गिरने की वजह से गंगोत्री हाईवे बंद हो गया था। हालांकि इसके बाद यहां गुजरने वाले वाहनों को वैकल्पिक मार्गों से आवाजाही कराई जा रही थी। 30 घंटे बाद वीरवार सुबह हाईवे को यातायात के लिए खोल दिया गया। यहां अभी भी भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। राज्यभर में दो दर्जन से ज्यादा संपर्क मार्ग अवरुद्ध हैं।

केदारनाथ घाटी मध्यरात्रि से सुबह तक बारिश होती रही। इससे आवाजाही बाधित हुई। केदारनाथ-गौरीकुंड हाईवे पर सुबह के वक्त बांसवाड़ा के निकट पहाड़ी दरक गई। इसके चलते काफी मात्रा में मलबा हाईवे पर जमा हो गया। यहां करीब एक घंटा यातायात ठप रहा। स्थानीय लोगों के साथ ही केदारनाथ जाने वाले तीर्थयात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। हाइवे खुलने तक बांसवाड़ा के दोनो ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई थी। ऑल वेदर रोड़ के निर्माण के कारण इस हाईवे पर कई भूस्खलन जोन सक्रिय हो गए हैं। आने वाले दिनों से इससे यात्रियों की दिक्कतें बढ़ सकती हैं। बदरीनाथ और यमुनोत्री हाईवे पूरे दिन सुचारु रहे। मानसून के सक्रिय होने के साथ ही चारों धाम और हेमकुंड जाने वाले यात्रियों की संख्या में कमी आ गई हैं।

तीन मकान ध्वस्त, तीन घायल

कुमाऊं मंडल में पिथौरागढ़ जिले के सीमांत क्षेत्र दूतीबगड़ जौलजीवी ग्राम पंचायत के गनागांव में बारिश से एक मकान ध्वस्त हो गया। उसमें रह रहे तीन लोग घायल हो गए। यहां मलबे में दबकर तीन बकरियों की मौत हो गई, दो अन्य मवेशी घायल हो गए। बंगापानी तहसील के मेतली गांव में भी एक मकान ध्वस्त हो गया। टनकपुर-तवाघाट हाईवे पिथौरागढ़ से धारचूला के मध्य तीन स्थानों पर मलबा आने से घंटों बंद रहा। बागेश्वर जिले के गरुड़ में बारिश से एक आवासीय मकान ध्वस्त हो गया है। 

राज्य मौसम केंद्र के अनुमान के अनुसार अगले चौबीस घंटों के दरम्यान देहरादून, पिथौरागढ, पौड़ी, चंपावत,  नैनीताल और ऊधमसिंहनगर जिले में भारी वर्षा हो सकती है।

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