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    उत्‍तराखंड में बिजली दरों के नए टैरिफ पर रानीखेत में सुनवाई आज

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Sat, 26 Feb 2022 11:14 AM (IST)

    उत्‍तराखंड में ऊर्जा निगम ने बिजली दरों में वार्षिक बढ़ोतरी को लेकर प्रस्ताव भेजा है। इस पर उत्तराखंड नियामक आयोग ने उपभोक्ताओं से सुझाव और आपत्ति मांगी है। इसके लिए प्रदेश में चार स्थानों पर जन सुनवाई होगी।

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    उत्‍तराखंड में बिजली दरों के नए टैरिफ पर रानीखेत में सुनवाई आज।

    जागरण संवाददाता, देहरादून: ऊर्जा निगम की ओर से बिजली दरों में वार्षिक बढ़ोतरी को लेकर प्रस्ताव भेज दिया है। इस पर उत्तराखंड नियामक आयोग की ओर से उपभोक्ताओं से सुझाव और आपत्ति मांगी जाएंगी। इसके लिए प्रदेश में चार स्थानों पर जन सुनवाई होगी। आज इसकी शुरुआत रानीखेत हल्द्वानी से की जाएगी।

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    विद्युत नियामक आयोग के सचिव नीरज सती ने बताया कि दून में दो मार्च को सुबह साढ़े 10 बजे विद्युत नियामक आयोग भवन निकट आइएसबीटी में जन सुनवाई होगी। जिसमें एक बजे तक उद्योग, घरेलू श्रेणी के उपभोक्ता, दोपहर तीन से पांच बजे तक शेष सभी श्रेणी के उपभोक्ता अपने सुझाव व आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। ऊर्जा निगम, पिटकुल, यूजेवीएनएल और एसएलडीसी की ओर से वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए वार्षिक राजस्व रिपोर्ट, बहुवर्षीय टैरिफ व व्यापार योजना आदि का प्रस्ताव आयोग को भेजा गया है। जन सुनवाई के बाद एक अप्रैल से नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत से नया टैरिफ लागू हो जाएगा। 26 फरवरी को सुबह 11 बजे से एक बजे तक होटल रानीखेत ग्रैंड सदर बाजार रानीखेत और 27 फरवरी को सुबह साढ़े 10 बजे से डेढ़ बजे तक विकास भवन नैनीताल रोड, रुद्रपुर में सुनवाई की जाएगी। इसके बाद आठ मार्च को 11 से एक बजे तक आडिटोरियम नगर निगम कोटद्वार में सुनवाई निर्धारित होगी।

    बिजली कार्मिकों ने टैरिफ में रियायत की जताई आस

    बिजली के नए वार्षिक टैरिफ को लेकर मंथन चल रहा है। ऊर्जा के निगमों की ओर से उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग को टैरिफ का प्रस्ताव भेज दिया गया है। वैसे तो बिजली कार्मिकों को बिल में रियायत का प्रविधान है, लेकिन हाल ही में नए कार्मिकों को यह रियायत न दिए जाने का निर्णय निगमों की बोर्ड बैठक में लिया गया, जिस पर कार्मिकों ने नाराजगी जताते हुए आयोग से इस ओर कार्रवाई की आस जताई है। ऊर्जा निगम ने इस बार बिजली की दरों में 4.5 प्रतिशत की वृद्धि प्रस्तावित की है। पारेषण निगम और जलविद्युत निगम को मिलाकर 10.5 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव भेजा गया है।

    पिछली बार निगम ने 13.42 प्रतिशत वृद्धि प्रस्तावित की थी, लेकिन यूईआरसी ने इसके स्थान पर सिर्फ 3.54 प्रतिशत वृद्धि को ही अनुमोदित किया था। बैठक में ऊर्जा निगम ने विद्युत हानियों और संपत्तियों के आधार पर विद्युत दर बढ़ाने को लेकर तर्क दिए। साथ ही निगम कार्मिकों के लिए बिजली की रियायती दर की पैरवी की।

    आयोग इस प्रस्ताव से ही असहमत दिख रहा है, हालांकि इस मामले में फैसला सुनवाई के दौरान ही लिया जाएगा। ऐसा होने पर खर्च ऊर्जा निगमों को ही वहन करना होगा। इसे आम उपभोक्ता पर नहीं डाला जा सकेगा। उधर, उत्तराखंड विद्युत अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष इंसारूल हक ने इस पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि सभी विभागों में कार्मिकों को इस प्रकार की सुविधा दी जाती है। बिजली कार्मिकों को भी बिजली बिल में रियायत दिया जाना लाजिमी है। नए कार्मिकों को इससे वंचित रखना उचित नहीं है।

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