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    सीमा रेखा पर है देहरादून की हवा की सेहत, खतरे में ये दो इलाके

    Updated: Fri, 17 Oct 2025 03:44 PM (IST)

    दून में वायु प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक है। अभी तक दून विश्वविद्यालय क्षेत्र के आंकड़ों से संतुष्ट थे, लेकिन घंटाघर और नेहरू कॉलोनी क्षेत्र का एक्यूआई सीमा रेखा पर है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, दीपावली पर पटाखे कम जलाने और ग्रीन पटाखों का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है। वायु प्रदूषण बढ़ने से बुजुर्गों और श्वास रोगियों के लिए खतरा बढ़ जाता है।

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    दीपावली के मद्देनजर घंटाघर और नेहरू कालोनी क्षेत्र की हवा की गुणवत्ता दे रही चेतावनी। प्रतीकात्‍मक

    सुमन सेमवाल, देहरादून। शहर में विभिन्न चौराहों में लगे डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड पर एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) के आंकड़े प्रदर्शित होते हैं। गुरुवार को ही कारगी चौक के डिस्प्ले बोर्ड पर एक्यूआइ 49 दिखा रहा था। जिसका मतलब यह हुआ कि दून की हवा सुरक्षित श्रेणी की है। लेकिन, सच्चाई यह है कि ऐसा है नहीं। क्योंकि, यह आंकड़ा दून यूनिवर्सिटी क्षेत्र का है, जो शहर के बाहरी छोर पर स्थित है। अभी तक नियमित एक्यूआइ इसी क्षेत्र का जारी किया जाता है।

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    दीपावली के बहाने उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अति व्यस्त घंटाघर और नेहरू कालोनी (रिहायशी क्षेत्र) का भी एक्यूआइ जारी करना शुरू किया है। यहां के दैनिक आंकड़े बताते हैं कि दून की हवा की गुणवत्ता बार्डर लाइन (सीमा रेखा) पर खड़ी है। 13 अक्टूबर से शुरू की गई थर्ड पार्टी जांच के अनुसार दून का एक्यूआइ 100 से ऊपर ही रहता है। जिसका आशय यह हुआ कि हवा की गुणवत्ता बुरी स्थिति की तरफ बढ़ रही है।

    जिस तरह हम अपनी रक्त की जांच में सेहत के मार्च पर खुद को बोर्डर लाइन पर पाते ही उपचार शुरू कर देते हैं, उसी तरह की हवा का उपचार भी शुरू कर दिया जाना चाहिए। कई बार यह उपचार परहेज के रूप में भी होता है। लिहाजा, वायु प्रदूषण को बढ़ाने वाले कारकों को नियंत्रित करने की आवश्यकता है। नहीं तो वह दिन दूर नहीं, जब दून में भी दिल्ली जैसे हालात होने लगेंगे।

    प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अमित पोखरियाल के अनुसार दून की हवा की गुणवत्ता को नियंत्रित रखने के लिए विभिन्न संस्तुतियां की जाती हैं। इस समय दीपावली पर वायु प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित रखने के लिए नागरिकों को जागरूक किया जा रहा है। अपील की जा रही है कि पटाखे कम जलाए जाएं और ग्रीन पटाखों का ही प्रयोग किया जाए।

    देहरादून में एक्यूआइ

    • स्थान, 13 अक्टूबर, 14 अक्टूबर, 15 अक्टूबर
    • घंटाघर, 113, 106, 120
    • नेहरू कालोनी, 95, 98, 102

     

    दीपावली पर हालात काबू में रखने होंगे

    दून अपने नाम के अनुरूप ही कटोरेनुमा घाटी में बसा है। जिस कारण यहां वायु प्रदूषण लंबे समय तक निचले वातावरण में ही घूमता रहता है। दीपावली के दौरान वायु प्रदूषण बढ़ने से उसे पूर्व की अवस्था में आने में ही कई दिन लग जाते हैं। लिहाजा, यह स्थिति बुजुर्गों और श्वास समस्या से जूझ रहे व्यक्तियों के लिए बेहद घातक साबित होती है।

    एक्यूआइ के मुताबिक हवा का हाल

    • शून्य से 50, अच्छा
    • 51 से 100, संतोषजनक
    • 101 से 200, मध्यम
    • 201 से 300, बुरी
    • 301 से 400 बहुत बुरी
    • 401 व अधिक, अति गंभीर


    पिछली कुछ दीपावली में वायु प्रदूषण की स्थिति (एक्यूआइ में)

    • वर्ष, घंटाघर, नेहरू कालोनी, ऋषिकेश
    • 2024, 288, 243, 173
    • 2023, 333, 349, 196
    • 2022, 252, 242, 236
    • 2021, 248, 306, 257
    • 2020, 317 (एक ही स्थल), 198