मातम में बदली रिटायरमेंट की खुशियां, DAC में तैनात हवलदार का आकस्मिक निधन; घर पहुंचा तिरंगे में लिपटा शव
देहरादून से हवलदार दिनेश चंद्र ममगाईं का ड्यूटी के दौरान निधन हो गया जिससे उनके परिवार में शोक की लहर छा गई। अपनी सेवानिवृत्ति से कुछ घंटे पहले उनका निधन हो गया। 24 वर्ष नागा रेजीमेंट में सेवा देने के बाद उन्होंने डिफेंस सिक्योरिटी कोर में भी काम किया। सैन्य सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई जिसमें कई पूर्व सैनिकों और राजनेताओं ने भाग लिया।

जागरण संवाददाता, देहरादून। कभी-कभी किस्मत ऐसे मोड़ पर ला देती है, जहां शब्द खो जाते हैं। जहां एक ओर परिवार रिटायरमेंट की खुशियों की तैयारी कर रहा था, वहीं दूसरी ओर घर तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर पहुंचा। रिटायरमेंट से कुछ ही घंटे पहले हवलदार दिनेश चंद्र ममगाईं का ड्यूटी के दौरान आकस्मिक निधन हो गया।
गोरखपुर (प्रेमनगर) निवासी दिनेश चंद्र नागा रेजीमेंट की दूसरी बटालियन में 24 वर्षों तक सेवाएं देने के बाद हवलदार पद से सेवानिवृत्त हुए थे। इसके बाद उन्होंने डिफेंस सिक्योरिटी कोर (डीएसी) में दोबारा भर्ती होकर राष्ट्र सेवा जारी रखी। वर्तमान में उनकी तैनाती सरसावा, सहारनपुर, उत्तर प्रदेश में थी और एक जून को उनका डीएसी से रिटायरमेंट था, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।
परिवार के मुताबिक एक जून को दिनेश चंद्र के घर रिटायरमेंट पार्टी होनी थी। रिश्तेदार बुलाए गए थे, घर सजाया गया था। लेकिन, उसी दिन उनका पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटा घर पहुंचा। यह दृश्य देखहर आंख नम हो गईं और परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।
मातमी धुन और सैन्य सलामी के साथ अंतिम विदाई
सोमवार सुबह उनका पार्थिव शरीर गोरखपुर स्थित आवास लाया गया, जहां गोरखा राइफल्स की सैन्य टुकड़ी ने मातमी धुन बजाते हुए उन्हें अंतिम सलामी दी। गौरव सेनानी एसोसिएशन से जुड़े पूर्व सैनिकों ने पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। प्रदेश के कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत और विधायक सहदेव पुंडीर भी पहुंचे और परिजनों को ढाढस बंधाया। इसके बाद अंतिम यात्रा हरिद्वार के लिए रवाना हुई, जहां सैन्य सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि की गई।
गौरव सेनानी एसोसिएशन के उपाध्यक्ष मनवर रौथाण, विक्रम कंडारी, गिरीश जोशी, देव सिंह पटवाल, विरेंद्र कंडारी, विनोद सिंह, लक्ष्मण सिंह, श्याप थापा, अजयवीर सिंह, उत्तम गुसाईं सहित बड़ी संख्या में पूर्व सैनिकों ने अंतिम यात्रा में भाग लेकर श्रद्धांजलि अर्पित की।
पौड़ी के सिमणी गांव से था नाता
हवलदार दिनेश चंद्र मूल रूप से पौड़ी जिले के राठ क्षेत्र के सिमणी गांव के रहने वाले थे। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों से वह गोरखपुर-प्रेमनगर में परिवार संग रह रहे थे। वह अपने पीछे पत्नी आनंदी देवी, तीन बेटे और दो बेटियां छोड़ गए हैं।
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