Kumbh Mela 2027: अर्द्धकुंभ की तैयारियों की कवायद में जुटा मेला प्रशासन, होंगे ये बदलाव
वर्ष 2027 के कुंभ से पहले हरिद्वार का विकास होगा। गंगा कॉरिडोर परियोजना के तहत शहर में तीर्थयात्री सुविधाएँ बढ़ाई जाएंगी। मुख्य सचिव ने पैदल मार्ग सर्किट प्लान 15 दिन में बनाने के निर्देश दिए। हरकी पैड़ी पर भीड़ प्रबंधन और राजाजी पार्क प्रशासन को कार्यदायी एजेंसी बनाने पर जोर दिया गया। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन जैसे कार्यों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए हैं।

जागरण संवाददाता, हरिद्वार। अर्द्धकुंभ-2027 को भव्य, व्यवस्थित बनाने को लेकर मेला प्रशासन अपनी कवायद में जुटा हुआ है। मंगलवार को कुंभ मेला नियंत्रण भवन में कुंभ मेला अधिकारी सोनिका की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई, जिसमें व्यवस्थित संचालन से लेकर श्रद्धालुओं के आवागमन, सुरक्षा, प्रकाश व्यवस्था, सौंदर्यीकरण और यात्री सुविधाओं को लेकर निर्णय लिए गए।
बैठक में मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार अर्द्धकुंभ को ग्रीन कुंभ थीम के आधार व्यवस्थित करने को लेकर निर्णय लिया गया। इसके साथ ही तीर्थ क्षेत्र में प्रस्तावित स्थायी निर्माण कार्यों को शीघ्र शुरू करने तथा ऋषिकुल के प्रांगण में एक्वेरियम स्थापित करने का प्रस्ताव भी रखा गया।
श्रद्धालुओं के लिए गंगा संग्रहालय की स्थापना के साथ समस्त प्रमुख हिन्दू धार्मिक स्थलों का ऐतिहासिक व सांस्कृतिक विवरण एकत्र कर प्रदर्शित करने की योजना बनाई गई। अर्द्ध मेले के दौरान जल भराव की समस्या के स्थायी समाधान के लिए संवेदनशील स्थलों पर त्वरित जल निकासी प्रणाली तैयार करने के निर्देश दिए गए।
हरिद्वार के सभी आंतरिक मार्गों के नव निर्माण और चौड़ीकरण के कार्यों को भी प्राथमिकता दी गई। प्रमुख स्थलों पर स्मार्ट पोल/एलइडी आधारित स्ट्रीट लाइटिंग की व्यवस्था करने और सुरक्षा व्यवस्था को एआई आधारित सर्विलांस सिस्टम से जोड़ने का निर्णय भी बैठक में लिया गया।
इसके अतिरिक्त यूआइआइडी को तीर्थस्थल के प्रमुख क्षेत्रों का सौंदर्यीकरण, घाटों का नवीनीकरण और यात्री सुविधा केंद्रों की स्थापना की विस्तृत कार्ययोजना तत्काल प्रस्तुत करने को कहा गया है। भीड़ प्रबंधन, शौचालयों की संख्या वृद्धि को लेकर भी चर्चा हुई। बैठक में नगर आयुक्त नंदन कुमार, अपर मेला अधिकारी दयानंद सरस्वती, एसपी सिटी पंकज गैरोला, मेला वित्त अजय कुमार मौजूद रहे।
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