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    Harela Festival 2025: प्रकृति पर्व हरेला आज, प्रदेशभर में रोपे जाएंगे पांच लाख पौधे

    Updated: Wed, 16 Jul 2025 10:17 AM (IST)

    राज्यपाल गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरेला पर्व की शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर प्रदेश में 5 लाख पौधे रोपने का लक्ष्य है। गढ़वाल में 3 लाख और कुमाऊं में 2 लाख पौधे लगाए जाएंगे। यह पर्व प्रकृति के प्रति कृतज्ञता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है। एक पेड़ मां के नाम थीम पर पौधारोपण किया जाएगा।

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    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण

    राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। प्रकृति पर्व हरेला बुधवार को प्रदेशभर में उत्साह के साथ मनाया जाएगा। इस अवसर पर गांव से लेकर शहर तक हरियाली के लिए पौधारोपण की मुहिम चलेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर हरेला पर्व पर एक दिन में ही राज्य में पांच लाख पौधे रोपने का लक्ष्य रखा गया है।

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    गढ़वाल मंडल में तीन लाख और कुमाऊं मंडल में दो लाख पौधे रोपे जाएंगे। एक ही दिन में पौधारोपण का यह एक रिकार्ड होगा। ''''हरेला का त्योहार मनाओ-धरती मां का ऋण चुकाओ'''' और ''''एक पेड़ मां के नाम'''' थीम पर यह पौधारोपण किया जाएगा।

    राज्यपाल व सीएम ने दी हरेला पर्व की शुभकामनाएं 

    राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्यवासियों को हरेला पर्व की शुभकामनाएं दी हैं। साथ ही अधिक से अधिक संख्या में पौधारोपण करने की अपील की है। राज्यपाल ने अपने संदेश में कहा कि हरेला उत्तराखंड की परंपरा, संस्कृति और प्रकृति प्रेम का पर्व है।

    यह हमें हरियाली से जुड़ने और पर्यावरण की रक्षा करने की प्रेरणा देता है। हरेला हमारे जीवन में हरियाली, समृद्धि व शांति लाने वाला पर्व है। यह हमें पेड़-पौधों, जल, जमीन व पर्यावरण से जुड़ने का अवसर देता है। सभी को मिलकर इस परंपरा को आगे बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज जब ग्लोबल वार्मिंग, प्रदूषण जैसी गंभीर समस्याओं का विश्व सामना कर रहा है, ऐसे में हरेला हमें एकजुट होकर प्रकृति की रक्षा का संदेश देता है।

    मुख्यमंत्री धामी ने अपने संदेश में कहा कि हरेला पर्व प्रकृति के प्रति कृतज्ञता प्रदर्शित करने के साथ लोकसंस्कृति एवं पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है। यह हमें धरती व पर्यावरण की देखभाल के प्रति भी प्रेरित करता है। आने वाली पीढिय़ों को शुद्ध और स्वस्थ वातावरण देने के लिए पौधारोपण अत्यंत आवश्यक है।

    उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड अपने धर्म, अध्यात्म व संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता हर किसी को आकर्षित करती है। इसलिए पर्यावरण संरक्षण के प्रति हमारी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है।

    उन्होंने कहा कि हमें जलस्रोतों, नदियों और गदेरों के पुनर्जीवन व संरक्षण के लिए निरंतर प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप हरेला पर्व के साथ एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत प्रदेशभर में वृहद स्तर पर पौधारोपण किया जाएगा।

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