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    श्रीराम मंदिर निर्माण : आधे दिन की मजदूरी रामलला के नाम

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Sun, 24 Jan 2021 06:05 AM (IST)

    न कोई छोटा न कोई बड़ा। न कोई अमीर न कोई गरीब। कहीं कोई भेदभाव नहीं। यही तो है रामराज की परिकल्पना का आधार। द्रोणनगरी में ब्रह्मावाला खाला बस्ती में शनिवार को श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए समर्पण निधि जुटाने के दौरान यही भाव उजागर हुआ।

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    ब्रह्मावाला खाला बस्ती में राम मंदिर निर्माण के समर्पण निधि जुटाने पहुंची श्रीराम जन्मभूमि निधि समर्पण अभियान की टोली।

    राज्य ब्यूरो, देहरादून। न कोई छोटा न कोई बड़ा। न कोई अमीर न कोई गरीब। कहीं कोई भेदभाव नहीं। यही तो है रामराज की परिकल्पना का आधार। द्रोणनगरी में ब्रह्मावाला खाला बस्ती में शनिवार को श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए समर्पण निधि जुटाने के दौरान यही भाव उजागर हुआ। अपने आराध्य श्रीराम के प्रति बस्तीवासियों का समर्पण देखते ही बनता था। बस्ती के अधिकांश परिवारों की आर्थिकी का जरिया मेहनत मजदूरी है, लेकिन जब श्रीराम मंदिर की बात आई तो सभी ने अपनी सामर्थ्‍य के अनुरूप मुक्त हाथों से सहयोग राशि दी। आधे दिन की मजदूरी रामलला के नाम करने में वे पीछे नहीं रहे तो छह साल की साक्षी ने गुल्लक से 10 रुपये का योगदान दिया।

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    देहरादून में सहस्रधारा रोड पर मंदाकिनी विहार के नजदीक है ब्रह्मावाला खाला बस्ती। शनिवार शाम को श्रीराम जन्मभूमि निधि समर्पण अभियान की टोली जब समर्पण निधि जुटाने वहां पहुंची तो बस्तीवासियों ने 'जै श्रीराम' के उद्घोष से स्वागत किया। इसके बाद तो श्रीराम मंदिर के लिए सहयोग राशि देने की बस्तीवासियों में होड़ सी लग गई। उन्होंने अपनी भावनाएं भी खुलकर बयां कीं।

    बस्ती निवासी उमा देवी ने कहा-'बहुत खुशी हो रही है कि मेरे आराध्य प्रभु श्रीराम के मंदिर के निर्माण में उनका परिवार भी योगदान दे रहा है।' उमा के पति मजदूरी करते हैं। इसी बस्ती में रहते हैं राम सेवक। वह भी मजदूरी करते हैं, लेकिन मंदिर निर्माण को सहयोग की बात आई तो झट से टोली को राशि भेंट कर दी। साथ ही बोले-'इससे बड़ा सौभाग्य और क्या होगा कि हम रामलला के भव्य मंदिर निर्माण में भागीदार बन रहे हैं'। दून के एक निजी अस्पताल में हेल्पर के रूप में कार्यरत मंजूरानी हो या फिर बस्ती में चाय की दुकान चलाने वाले रसिकलाल, सभी राम मंदिर निर्माण के लिए योगदान देने पर गदगद थे।

    इस दौरान टोली में शामिल सदस्यों ने एक घर का दरवाजा खटखटाया तो वहां छह साल की बच्ची साक्षी ही मौजूद थी। उसने घर में आने का कारण पूछा तो वह तुरंत भीतर गई और अपने गुल्लक से 10 रुपये निकालकर टोली को सौंप दिए। साक्षी ने कहा कि यह राम मंदिर के लिए उसकी ओर से योगदान है। भगवान राम के प्रति उसकी आस्था को देखकर टोली के सदस्य भी भावविभोर हो गए।

    टोली के सदस्य और श्रीराम जन्मभूमि निधि समर्पण अभियान के प्रांत प्रचार प्रमुख हिमांशु अग्रवाल ने बताया कि न सिर्फ ब्रह्मावाला बल्कि सभी जगह समर्पण निधि को लेकर जनमानस में जबर्दस्त उत्साह है। पूरा समाज एकजुट है और वह हर प्रकार के भेदभाव भुलाकर मंदिर निर्माण में योगदान दे रहा है। टोली की अगुआई अग्रवाल के अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह प्रांत प्रचार प्रमुख संजय कुमार, विभाग प्रचारक भगवती, महानगर कार्यवाह विशाल जिंदल, नगर कार्यवाह संदीप आदि ने की।

    उधर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक युद्धवीर ने कहा कि समर्पण निधि अभियान से गरीब से गरीब व्यक्ति को जोड़ा जा रहा है। हर कोई अपनी सामथ्र्य के अनुसार योगदान दे रहा है। तमाम लोग मंदिर निर्माण में योगदान की रसीद को मंदिर तक में रख रहे हैं। इससे जनमानस के उत्साह का आकलन किया जा सकता है।

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