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    हमला करने के छह घंटे बाद गुलदार की मौत, थानो वन रेंज के कोटी मयचक में किसान और वन कर्मियों पर हमला कर किया था घायल

    By Nirmala BohraEdited By:
    Updated: Thu, 19 May 2022 09:59 AM (IST)

    कोटी मयचक निवासी दीवान सिंह ने बताया कि उनके भाई चरण सिंह रावत सुबह छह बजे अपने खेतों में सिंचाई करने के लिए गए थे। तभी वहां पहले से घात लगाकर बैठे हुए गुलदार ने उन पर हमला कर दिया। गुलदार ने उनके हाथ को जख्मी कर दिया।

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    पिंजरा लगाते समय गुलदार ने पुनः हमला कर दिया

    संवाद सहयोगी, डोईवाला : कोटि मयचक गांव में गुलदार के हमले से ग्रामीण समेत दो वन कर्मी घायल हो गए। हमले के करीब छह घंटे बाद गुलदार की भी मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गुलदार की मौत का कारण लंबे समय से बीमार और पैर जख्मी होना बताया गया है।

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    कोटी मयचक निवासी दीवान सिंह ने बताया कि उनके भाई चरण सिंह रावत सुबह छह बजे अपने खेतों में सिंचाई करने के लिए गए थे। तभी वहां पहले से घात लगाकर बैठे हुए गुलदार ने उन पर हमला कर दिया। गुलदार ने उनके हाथ को जख्मी कर दिया। चरण सिंह ने शोर मचाया तो आसपास खेतों में मौजूद लोग वहां पहुंचे। उन्होंने भी शोर मचाया तो गुलदार भाग गया। घायल चरण सिंह को उपचार के लिए जौलीग्रांट स्थित हिमालयन हास्पिटल ले जाया गया है। वहीं ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी। गुलदार के हमला करने की सूचना पर थानों रेंजर नत्थीलाल डोभाल वन कर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे। सुबह करीब सात बजे

    वन कर्मियों की टीम घटना स्थल के पास जैसे ही गुलदार को पकडऩे के लिए पिंजरा लगा रही थी। तभी गुलदार फिर आ धमका और उसने वनकर्मी दीपक राणा और आयुष डबराल पर हमला कर दिया। हमला करने के बाद गुलदार फिर झाडिय़ों की तरफ भाग गया। घायल वन कर्मियों को उपचार के लिए थानों स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया।

    थानों रेंज के रेंजर नत्थी लाल डोभाल ने बताया कि झाडिय़ों से गुलदार को ट्रेंकुलाइज करने की तैयारी की जा रही थी। लेकिन झाडिय़ों में छिपे गुलदार की जब कोई हरकत नहीं की तो वन कर्मियों ने जाल डालकर गुलदार को पकड़ लिया। जब गुलदार को बाहर निकाला गया तो उसकी मौत हो चुकी थी। उन्होंने बताया कि हमले के करीब छह घंटे बाद गुलदार की मौत हो गई। उसके बाद वन विभाग के चिकित्सक डा. अमित ध्यानी की टीम ने गुलदार का पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम में यह बात सामने आई कि इस नर गुलदार की उम्र लगभग ढाई वर्ष थी, वह काफी समय से बीमार व घायल था। उसका पैर जख्मी था जिस पर कीड़े पड़ गए थे। उन्होंने बताया कि बीमार और जख्मी होने के कारण गुलदार पानी की तलाश में आबादी की ओर आ रहा था । रेंजर ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद गुलदार को दफना दिया गया है।

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