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    उत्‍तराखंड में फर्जी बिलों से खजाने पर डाका, टैक्स माफिया पर शिकंजा; 2.21 करोड़ वसूले

    Updated: Fri, 26 Sep 2025 07:47 PM (IST)

    उत्तराखंड में राज्य कर विभाग ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर जीएसटी चोरी करने वाले कारोबारियों पर बड़ी कार्रवाई की। फर्जी बिलों और बोगस फर्मों के जरिए इनपुट टैक्स क्रेडिट हड़पने वाले तीन कारोबारियों पर छापेमारी की गई जिसमें 2.21 करोड़ रुपये की जीएसटी वसूली हुई। लिथियम बैटरी फर्म और ऑटो पार्ट निर्माता फर्म द्वारा की गई गड़बड़ियों का भी पता चला।

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    सरकार टैक्स चोरी करने वालों पर कड़ी निगरानी रख रही है। प्रतीकात्‍मक

    जागरण संवाददाता, देहरादून। प्रदेश में टैक्स चोरी के नए-नए हथकंडे अपनाकर सरकारी खजाने को चूना लगाने वाले कारोबारियों पर राज्य कर (स्टेट जीएसटी) विभाग ने बड़ी कार्रवाई की।

    मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य कर विभाग ने फर्जी बिलों और बोगस फर्मों के जरिए इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) हड़पने वाले तीन कारोबारियों (एक ठेकेदार और दो फर्म) पर छापेमारी की गई।

    संयुक्त आयुक्त (विशेष जांच) काशीपुर और उपायुक्त रुद्रपुर के नेतृत्व में की गई इस कार्रवाई में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पकड़ी गई और तत्काल 2.21 करोड़ रुपये की जीएसटी की वसूली की गई।

    लिथियम बैट्री की फर्म कर रही थी फर्जी खरीदारी

    काशीपुर के महुवाखेड़ा स्थित लिथियम बैट्री का परिशोधन करने वाली फर्म की जांच के दौरान पता चला कि वह दिल्ली स्थित कई बोगस फर्मों से खरीद दिखा रही है और उस पर आइटीसी का दावा किया जा रहा है। हालांकि, कर चोरी के स्पष्ट प्रमाण सामने आने के बाद फर्म संचालक के तत्काल 50 लाख रुपये जमा करा दिए।

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    आइटीसी का किया गलत समायोजन, लौटाने पड़े 13.5 लाख

    रुद्रपुर में भूरारानी रोड स्थित ऑटो पार्ट निर्माता फर्म की जांच में पाया गया कि उसने अपनी देनदारी को आंशिक रूप से गलत ढंग से आइटीसी से समायोजित किया है। इसकी पुष्टि हो जाने के बाद फर्म संचालक से 13.5 लाख रुपये वसूल कर राजकोष में जमा कराए गए।

    सरकार से लिया 8.75 करोड़ का भुगतान और कर नहीं चुकाया

    आयुक्त राज्य कर सोनिका के अनुसार ऐसे कई ठेकेदारों की जांच भी की जा रही है, जो सरकार से विभिन्न कार्यों के एवज में भुगतान प्राप्त करते हैं, लेकिन कर चुकाने में आनाकानी करते हैं। ऐसे ही मामले में काशीपुर के चैती गांव के ठेकेदार पर छापेमारी की गई।

    पता चला कि उसने मई-जून 2025 में 8.75 करोड़ रुपये प्राप्त किए हैं, लेकिन जीएसटी जमा नहीं किया। हालांकि, छापेमारी के दौरान ठेकेदार ने 1.57 करोड़ रुपये जमा करा दिए। कार्रवाई करने वाली टीम में उपायुक्त मो. इसहाक, ज्ञान चंद्र, विनय प्रकाश ओझा, सहायक आयुक्त मो. जीशान मलिक, मो. यासिर, राजेश कुमार आदि शामिल रहे।

    बोगस कंपनियों से लेन-देन दिखाकर आइटीसी का झूठा दावा करने वाले कारोबारी अब विभाग की जांच के दायरे में हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर चल रहा यह अभियान लगातार जारी रहेगा। टैक्स चोरी करने वालों पर कड़ी निगरानी और तुरंत कार्रवाई की जाएगी। - सोनिका, आयुक्त (राज्य कर)