पर्यटन को कार ड्राइव से मिलेगी संजीवनी, अपनी कारों से लैंसडौन पहुंचा प्रकृति प्रेमियों का जत्था
द नजिर हुसैन मैमारियाल ड्राइव आफ द 1981 हिमालयन कार रैली ने उत्तराखंड में प्रवेश किया। यह कार रैली नोएडा से शुरू हुई। यह रैली 8 से 13 नवंबर तक चलेगी। इसमें करीब 100 वाहन शामिल हैं। अपनी कारों में सवार होकर प्रकृति प्रेमी पर्यटन नगरी लैंसडौन पहुंचे।
जागरण संवाददाता, कोटद्वार। कोरोना के संक्रमण के चलते पर्यटन की गतिविधियां करीब दो साल तक प्रभावित रही हैं। अब हालात सामान्य जरूर हुए हैं, मगर पर्यटन की गतिविधियां अभी भी टाप गियर में नहीं आ पाई हैं। उत्तराखंड की खूबसूरत वादियों में सैर का जो जुनून देखा जाता है, वह अभी सिर्फ कुछ चुनिंदा पर्वतीय शहरों तक सीमित है। टीम फायरफाक्स की ओर से शुरू की गई नजीर हुसैन मेमोरियल ड्राइव पर्यटन को संजीवनी दे सकती है।
कोरोना संक्रमण के बाद पहली बार इस तरह की ड्राइव का आयोजन हो रहा है। जिसमें लांग ड्राइव पसंद करने वाले प्रकृति प्रेमी हिस्सा ले रहे हैं। इससे पूरी उम्मीद है कि पहाड़ों की सैर करने की इच्छा रखने वाले व्यक्तियों को भी प्रोत्साहन मिलेगा। कोरोना संक्रमण के चलते पर्यटक स्थलों में पसरी वीरानी को तोड़ने के उद्देश्य से नजीर हुसैन मेमोरियल ड्राइव के तहत प्रकृति प्रेमियों का जत्था अपनी कारों में सवार होकर सोमवार को पर्यटन नगरी लैंसडौन पहुंचा। ड्राइव में शामिल तीन बार के हिमालयन कार रैली विजेता राजीव राय ने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते पिछले डेढ़ वर्ष में जीवन थम सा गया है।
आज भी आमजन कोरोना की दहशत से बाहर नहीं निकल पा रहा है। पर्यटक स्थलों की रौनक खत्म सी हो गई है। नजीर हुसैन मेमोरियल ड्राइव इन पर्यटक स्थलों की खोई रौनक को वापस लाने का एक प्रयास है। क्योंकि यह अभियान उत्तराखंड समेत विभिन्न हिमालयी क्षेत्रों से होकर गुजरेगा और सभी जगह यह संदेश भी देगा कि तमाम पर्वतीय क्षेत्र सैलानियों का स्वागत करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं और जीवन को रिफ्रेश करने के लिए उत्तराखंड जैसे क्षेत्रों की वादियों से बेहतर कुछ भी नहीं।
(फोटो : डा संजय पाटिल)
डा.संजय पाटिल (मुंबई) का कहना है कि पर्यटन के क्षेत्र में उत्तराखंड का विश्व में अपना अलग नाम है। लैंसडौन व मसूरी जैसे पर्यटक स्थलों की सैर स्वयं में अलग अनुभूति का अहसास करवाती है। इस ड्राइव का हिस्सा बन उत्तराखंड व हिमाचल प्रदेश के पर्यटक स्थलों की सैर करना स्वयं में अलग अनुभव होगा।
(फोटो : संदीप गांधी)
डा.संदीप गांधी (मुंबई) का कहना है कि कोरोना संक्रमण के बाद जिंदगी थम सी गई थी। एक मैग्जीन में नजीर हुसैन मेमोरियल ड्राइव के बारे में जानकारी मिली तो तत्काल हिस्सा बनने का मन बना लिया। ड्राइव में शामिल होकर उत्तराखंड व हिमाचल प्रदेश के पर्यटक स्थलों की सैर का मौका मिलना रोमांचक होगा।
( फोटो : राजीव राय)
राजीव राय (चेन्नई) का कहना है कि 1981 में भारतीय रेसिंग ड्राइवर नजीर हुसैन ने हिमालयन रूट रैली की शुरुआत की थी, जो कि 1990 तक संचालित रही। 31 वर्ष बाद एक बार फिर ड्राइव से नजीर हुसैन को श्रद्धांजलि दी जाएगी। ड्राइव में शामिल सभी व्यक्तियों में जोश है।
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