जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन ने रोस्टर के खिलाफ हाईकोर्ट जाने की दी चेतावनी
रोस्टर में हुए बदलाव के विरोध में उत्तराखंड जनरल ओबीसी-इंप्लाइज एसोसिएशन ने हाईकोर्ट जाने की चेतावनी दी है।
देहरादून, जेएनएन। सीधी भर्ती के नवीन रोस्टर में हुए बदलाव के विरोध में उत्तराखंड जनरल ओबीसी-इंप्लाइज एसोसिएशन ने हाईकोर्ट जाने की चेतावनी दी है। एसोसिएशन ने कहा कि याचिका दाखिल करने से पहले वह मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और रोस्टर तय करने के लिए गठित समिति के अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक से मिलकर अपना पक्ष रखेंगे। यदि सरकार उनकी मागों पर विचार करती है तो ठीक, नहीं तो वह इसे खत्म कराने के लिए एक बार फिर कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं।
उत्तराखंड में सरकारी नौकरियों में सीधी भर्ती के नवीन रोस्टर में बदलाव करते हुए सरकार ने हाल ही में पहला और छठवा पद आरक्षित वर्ग को दे दिया। सरकार के इस फैसले पर उत्तराखंड जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन ने कड़ी नाराजगी जताई है। एसोसिएशन ने इसके खिलाफ हर स्तर पर लड़ाई लड़ने की घोषणा भी कर दी है। मंगलवार को एसोसिएशन ने वेबिनार के जरिये संगठन के पदाधिकारियों के साथ लंबी चर्चा की। एसोसिएशन के प्रातीय अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि सरकार ने आरक्षित वर्ग को पहला और छठवा पद देकर जनरल, ओबीसी के साथ छल किया है।
उन्होंने कहा कि बिना आरक्षण पदोन्नति बहाली के लिए जिस तरह उन्होंने हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लंबी लड़ाई लड़ी, उसी तरह नवीन रोस्टर के खिलाफ भी कानूनी लड़ाई को तैयार हैं। कहा कि हाईकोर्ट जाने से पहले मसले को लेकर मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के सामने अपना पक्ष रखा जाएगा। उन्हें आने वाले दिनों में नए रोस्टर से सरकारी सेवाओं पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव के बारे में बताया जाएगा।
बैठक में एसोसिएशन के प्रातीय महामंत्री वीरेंद्र सिंह गुसाईं, कोषाध्यक्ष सीएल असवाल, जगमोहन सिंह नेगी, अनिल प्रकाश उनियाल, गढ़वाल मंडल के उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह चौहान व अन्य मौजूद रहे। युवाओं को भी करेंगे जागरूक एसोसिएशन के प्रातीय महामंत्री वीरेंद्र सिंह गुसाई ने कहा कि सीधी भर्ती के नवीन रोस्टर का दुष्प्रभाव एक दिन में सामने नहीं आएगा, बल्कि इसका असर आने वाले वर्षों में दिखेगा। उन्होंने कहा कि यदि किसी विभाग में छह पद की वैकेंसी निकलती है तो उसमें पहला और छठा पद आरक्षित वर्ग को चला जाएगा।
ऐसे में जनरल, ओबीसी को केवल चार पद ही मिलेंगे। इस तरह आरक्षित वर्ग को 33 प्रतिशत का आरक्षण मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे सबसे अधिक प्रभावित वह युवा वर्ग होगा। इसलिए युवाओं को जागरूक कर आदोलन में शामिल किया जाएगा। पदोन्नति में आरक्षण के लिए करेंगे आदोलन अनुसूचित जाति जनजाति शिक्षक एसोसिएशन ने कहा कि सीधी भर्ती का नवीन रोस्टर में पहला और छठवा ऑड आरक्षित वर्ग को दिया जाना उचित है।
यह संविधान के तहत मिले समानता का अधिकार की मूल भावना के संदर्भ में भी आवश्यक है। एसोसिएशन के प्रातीय अध्यक्ष जितेंद्र सिंह बुटोइया ने कहा कि प्रतिनिधित्व कोई गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम नहीं है, बल्कि समाज मे समानता लाने के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि कोरोना का संकट खत्म होने के बाद पदोन्नति में आरक्षण बहाली के लिए सरकार से मिलेंगे।
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