यहां महिला सुरक्षा के हालात हैं चिंताजनक, फिर भी नहीं चेत रहा सिस्टम
देहरादून में महिला सुरक्षा के हालत बेहद गंभीर हैं। यहां महिलाओं के खिलाफ अपराध लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं।
देहरादून, जेएनएन। देश-दुनिया में शिक्षा का केंद्र बिंदु माने जाने वाले देहरादून में आधी आबादी की सुरक्षा खतरे में है। यहां घरेलू हिंसा के मामले जहां तेजी से बढ़ रहे हैं, वहीं स्कूली छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं आम हो गई हैं। शुक्रवार को एमकेपी की छात्रा के अपहरण का प्रयास और बीते अगस्त माह में जीआरडी वर्ल्ड स्कूल भाऊवाला में हाईस्कूल की नाबालिग छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म के मामले बिगड़ते हालात के ताजा उदाहरण हैं।
महिला अपराध की स्थिति वैसे तो पूरे उत्तराखंड में चिंताजनक हालात की ओर इशारा करते हैं, लेकिन देहरादून में घटित होने वाले अपराध का असर प्रदेशभर के लोगों के साथ बाहरी लोगों पर भी पड़ता है। इसकी वजह यह है कि यहां राज्य के अलग-अलग हिस्सों के अलावा देश के तमाम राज्यों से छात्र और छात्राएं शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो राज्य में पिछले 10 माह के दौरान दुष्कर्म की 438 व बहला-फुसला कर अपहरण के 226 मामले प्रकाश में आए।
गंभीर बात यह कि दुष्कर्म की 110 घटनाएं अकेले देहरादून में ही घटित हुई हैं, जबकि महिलाओं के अपहरण के अब तक 21 मामले पुलिस की पेशानी पर बल डाल चुके हैं। यह आंकड़े इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि राजधानी में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। कोई घरेलू झगड़ों से परेशान है तो कोई घर के बाहर होने वाली छेड़छाड़ से खौफजदा है। हालांकि, अधिकारी महिलाओं की सुरक्षा के बड़े-बड़े दावे करने से नहीं चूकते। लेकिन, हकीकत सबके सामने है।
कहां है महिला सुरक्षा सेल
महिलाओं पर फब्तियां कसने और छेड़छाड़ करने वाले मनचलों पर शिकंजा कसने के लिए महिला सुरक्षा सेल का गठन किया गया है। इस सेल का काम दिनभर घूमकर ऐसे स्थानों पर छापेमारी करना था, जहां मनचलों की फौज मौजूद रहती है। शुरुआती दौर में टीम की ओर से गांधी पार्क, आइटी पार्क, परेड ग्राउंड में छापेमारी कर कई मनचलों को सलाखों के पीछे पहुंचाया। लेकिन, अब यह सेल सिर्फ नाम का रह गया है।
चेन स्नेचरों की दहशत बरकरार
दून में चेन स्नेचिंग की बीते 10 माह में 21 घटनाएं हुई हैं। इन वारदातों के चलते महिलाएं सोने-चांदी के आभूषण पहन कर घर से बाहर कदम रखने से डरने लगी हैं। हालांकि, पुलिस ने कई शातिर चेन स्नेचरों को दबोचा भी, लेकिन वारदातों का डर और चेन स्नेचरों की दहशत अभी बरकरार है।
फाइलों में कैद हुई महिला चीता
साल 2017 की शुरुआत में तत्कालीन एसएसपी स्वीटी अग्रवाल ने देहरादून में पायलट प्रोजेक्ट के तहत महिला चीता टीम की लॉन्चिंग की थी। इनके मुख्य दायित्व में स्ट्रीट क्राइम को रोकने के साथ सड़क पर छात्राओं-महिलाओं से होने वाली छेड़छाड़ की घटनाओं पर रोक लगाना था। यह चीता टीमें कुछ हफ्ते तो सक्रिय रहीं, लेकिन धीरे-धीरे सभी का दायरा थानों तक ही सिमट कर रह गया।
देहरादून में महिला अपराध के आंकड़े
हत्या, 12
दुष्कर्म, 110
दहेज मृत्यु, 12
चेन लूट, 21
यौन शोषण को अपहरण, 27
अन्य अपहरण, 21
शीलभंग, 59
छेड़खानी, 27
उत्पीड़न, 158
देह व्यापार, 10
एसएसपी निवेदिता कुकरेती बताती हैं कि एमकेपी की छात्रा के अपहरण के मामले को गंभीरता से लिया गया है। सभी थानेदारों को निर्देशित किया गया है कि अपने क्षेत्र में पड़ने वाले स्कूल-कॉलेजों के बाहर पुलिस पिकेट तैनात रखें और छुट्टी होने के दौरान सड़क पर पुलिस मूवमेंट दिखे।
छात्राओं की सुरक्षा को अब सीपीयू करेगी पेट्रोलिंग
प्रदेश में बढ़ते महिला अपराधों पर पुलिस मुख्यालय भी चिंतित है। अपराध कैसे रुकें, इसके लिए सभी जिलों के एसपी और एसएसपी को कानून व्यवस्था में ज्यादा ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा स्कूली छात्र-छात्राओं की सुरक्षा चार जिलों में सीपीयू को सौंप दी गई है। स्कूल खुलने और छुट्टी के समय सीपीयू के जवान निगरानी रखेंगे।
राजधानी के डालनवाला क्षेत्र में स्कूली छात्रा से छेड़खानी और अपहरण के प्रयास के मामले में अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने जिला पुलिस से रिपोर्ट मांगी है। साथ ही इस मामले में अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए। इसके अलावा प्रदेश के सभी एसपी और एसएसपी को सर्कुलर जारी करते हुए स्कूली छात्राओं और महिलाओं के साथ बढ़ती आपराधिक घटनाओं का संज्ञान लिया। अपर पुलिस महानिदेशक ने देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर और नैनीताल में सिटी पेट्रोल यूनिट को जिम्मेदारी सौंपी है।
सीपीयू स्कूल खुलने और छुट्टी के दौरान जिम्मेदारी के साथ पेट्रोलिंग करेगी। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही न बरतने के निर्देश दिए गए हैं। खासकर बालिका इंटर कॉलेज, पीजी कॉलेज और अन्य संस्थानों के बाहर भी पुलिस की मौजूदगी बढ़ाई जाएगी। ताकि मनचले छात्राओं से छेड़खानी न कर सकें। इसके अलावा सभी जिलों के थाना, चौकी पुलिस को भी महिला अपराध पर नियंत्रण के निर्देश दिए गए हैं।
सीसीटीवी कैमरे लगाएं स्कूल
पुलिस ने सभी स्कूलों, कॉलेजों और संस्थानों को अनिवार्य रूप से परिसर से लेकर क्लास रूम तक सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए हैं। इससे सुरक्षा कई मामलों में पुख्ता हो जाएगी। सीसीटीवी कैमरों का सही तरीके से संचालन कर इनकी रिकॉर्डिंग की मॉनीटरिंग भी करने को कहा गया है।
आइआइटी प्रोफेसर पर एक और मुकदमा दर्ज
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की की शोध छात्रा की शिकायत पर एक प्रोफेसर के खिलाफ पुलिस ने छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज किया है। एसएसपी रिद्धिम अग्रवाल ने उपाधीक्षकों से छात्रा की शिकायत की जांच कराई थी। आरोपित प्रोफेसर विकास पुरुथी के खिलाफ तीन रोज पहले एक अन्य शोध छात्रा ने भी यौन उत्पीडऩ और जातिसूचक शब्द प्रयोग करने का मुकदमा दर्ज कराया था।
एक रोज पहले शोध छात्रा ने तहरीर देकर आइआइटी के एक प्रोफेसर पर यौन उत्पीडऩ का आरोप लगाया था। एसएसपी ने कनखल के पुलिस उपाधीक्षक स्वप्न किशोर सिंह और रुड़की के पुलिस उपाधीक्षक चंदन ङ्क्षसह बिष्ट की टीम गठित कर मामले की जांच सौंपी थी। शिकायत करने वाली छात्रा और आरोपित प्रोफेसर के बयान लेने के बाद शनिवार को उपाधीक्षकों ने एसएसपी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। एसएसपी ने जांच रिपोर्ट के आधार पर आइआइटी के आरोपित प्रोफेसर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश सिविल लाइंस कोतवाली को दिए गए थे। देर रात इस संबंध में मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
पीड़िता के कोर्ट में दर्ज कराए बयान
तीन रोज पहले आइआइटी प्रोफेसर के खिलाफ यौन उत्पीडऩ और जातिसूचक शब्द प्रयोग करने का मुकदमा दर्ज कराने वाली छात्रा के शनिवार को बयान दर्ज कराए गए। हरिद्वार के जिला जज की अदालत में बयान दर्ज कराने के दौरान सीओ रुड़की चंदन सिंह बिष्ट और अन्य पुलिस अधिकारी भी मौजूद रहे। वहीं, पीडि़ता की तरफ से पुलिस से सुरक्षा की मांग की गई है।
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