58 साल तक ही कर सकेंगे शैलेश मटियानी राज्य पुरस्कार के लिए आवेदन
शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार के लिए पात्रता और आयु सीमा की शर्तों में सरकार ने तब्दीली कर दी है। अब सेवानिवृत्ति से दो साल पहले यानी 58 साल की आयु तक ही शिक्षक इस पुरस्कार के लिए आवेदन कर सकेंगे।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार के लिए पात्रता और आयु सीमा की शर्तों में सरकार ने तब्दीली कर दी है। अब सेवानिवृत्ति से दो साल पहले यानी 58 साल की आयु तक ही शिक्षक इस पुरस्कार के लिए आवेदन कर सकेंगे। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने गुरुवार को इस संबंध में आदेश जारी किए हैं।
शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार हर साल प्रारंभिक व माध्यमिक के 13-13 शिक्षकों, संस्कृत शिक्षा के दो शिक्षकों और जिला एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) में कार्यरत एक शिक्षक प्रशिक्षक को दिया जाता है। पुरस्कार को लेकर बीती 20 अक्टूबर, 2009 को जारी शासनादेश के प्रविधानों में सरकार ने संशोधन किए हैं। इसके तहत अब पुरस्कार के लिए आवेदन आनलाइन आमंत्रित किए जाएंगे। दूरस्थ क्षेत्रों में जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं है, वहां कार्यरत शिक्षकों को आनलाइन के अलावा आफलाइन आवेदन का विकल्प भी दिया गया है। आदेश के मुताबिक जिस वर्ष के पुरस्कार के लिए चयन होगा, उस वर्ष से पहले वर्ष के कैलेंडर माह में 31 दिसंबर तक शिक्षकों को न्यूनतम 10 वर्ष और प्रधानाध्यापकों अथवा प्रधानाचार्यों को न्यूनतम 15 साल की सेवा पूरी करनी अनिवार्य होगी। उन्हें सेवानिवृत्ति के दो वर्ष पहले तक ही उक्त पुरस्कार के लिए आवेदन करने की अनुमति होगी।
पुरस्कार के लाभ मिलने में अब परेशानी नहीं
दरअसल, पुरस्कार के लिए चयन होने में देरी के चलते कई दफा सेवानिवृत्त होने के बाद शिक्षकों को पुरस्कार मिल रहा है। ऐसे में उन्हें पुरस्कार के रूप में मिलने वाले दो साल के सेवा विस्तार का लाभ लेने में दिक्कतें पेश आ रही हैं। इस मामले में पर कई दफा विवाद की नौबत भी आ चुकी है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय के मुताबिक इसलिए सरकार ने यह व्यवस्था बनाई गई है।
न्यूनतम 60 अंक पर आगे बढ़ेगा प्रस्ताव
पुरस्कार के लिए शिक्षकों के चयन को जिला, मंडल और राज्यस्तरीय चयन समिति का गठन किया गया है। जिला स्तर से किसी भी प्रस्ताव को अग्रसारित करने से पहले जिला समिति को उसका पूरी तरह परीक्षण करना होगा। यह समिति उन्हीं प्रस्तावों को मंडलीय समिति को भेजेगी, जिनमें पुरस्कार के लिए आवेदनकर्ता अभ्यर्थी मानकों के आधार पर न्यूनतम 60 अंक हासिल करेगा। तय किया गया कि जिला समिति प्रारंभिक स्तर पर अधिकतम पांच और माध्यमिक स्तर पर अधिकतम पांच प्रस्ताव प्रेषित कर सकेगी। यदि तीसरे स्थान पर एक से अधिक अभ्यर्थियों के बराबर अंक हों तो अभ्यर्थियों की संख्या उतनी सीमा तक बढ़ाने की अनुमति दी गई है।
मंडलीय समिति करेगी भौतिक सत्यापन
शासनादेश के मुताबिक मंडलीय समिति आवेदनकर्ता की उपलब्धियों का मानक के आधार पर परीक्षण के लिए संबंधित संस्था में जाकर भौतिक सत्यापन करेगी। मंडलीय समिति प्रत्येक जिले के प्रारंभिक व माध्यमिक स्तर के अधिकतम दो-दो प्रकरण राज्य समिति के विचारार्थ भेजेगी। राज्य समिति अभ्यर्थियों को उनकी उपलब्धियों प्रस्तुतीकरण के लिए आमंत्रित करेगी। राज्य समिति शिक्षकों के प्रस्तुतीकरण के आधार पर अंकों का आवंटन करेगी।
विभिन्न समितियों के मूल्यांकन के बाद इस तरह अंक दिए जाएंगे:
- मानक प्रपत्र के अनुसार अधिकतम 85 अंक
- जिला समिति की ओर से अधिकतम अंक पांच अंक
- मंडलीय समिति की ओर से अधिकतम पांच अंक
- राज्य समिति की ओर से अधिकतम पांच अंक।
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