वित्तीय वर्ष गुजरा, खर्च में हाथ तंग; उत्तराखंड में 2000 करोड़ की पार्किंग
उत्तराखंड में वित्तीय वर्ष का आखिरी महीना मार्च बजट के इस्तेमाल के लिहाज से बुरा गुजरा है। विभिन्न योजनाओं के करीब दो हजार करोड़ की धनराशि पार्किंग के लिए सरकार मजबूर हो गई।
देहरादून, रविंद्र बड़थ्वाल। उत्तराखंड में पहले कर्मचारियों की हड़ताल और फिर कोरोना महामारी के खतरे के चलते लॉकडाउन यानी वित्तीय वर्ष का आखिरी महीना मार्च बजट के इस्तेमाल के लिहाज से बुरा गुजरा है। महीने के अंतिम दिनों में विभिन्न योजनाओं और कार्यों के करीब दो हजार करोड़ की धनराशि पार्किंग के लिए सरकार मजबूर हो गई। यह राशि खर्च नहीं हो पाई। अब यह राशि नए वित्तीय वर्ष में खर्च होगी। पाबंदी ये है कि पार्किंग होने से इस राशि को खर्च करने के लिए महकमों को शासन से दोबारा मंजूरी लेनी होगी।
उत्तराखंड में सालाना बजट खर्च का आंकड़ा 40 हजार करोड़ से भी काफी पीछे रह गया है। अलबत्ता बजट ऑनलाइन होने से बजट को शासन से लेकर जिलों तक पहुंचाने में तेजी आई। राज्य में बजट का बड़ा हिस्सा अंतिम महीने में ही ठिकाने लगने की परंपरा बदस्तूर जारी है।
वित्तीय वर्ष 2019-20 भी इसका अपवाद नहीं बन सका। बावजूद इसके सरकार अंतिम महीने का सही तरीके से उपयोग नहीं कर पाई। बजट का बड़ा हिस्सा बगैर खर्च रह गया। मार्च महीने के शुरुआती 17 दिन कर्मचारियों की हड़ताल की भेंट चढ़ गए। इसके बाद महीने का शेष बचा हिस्सा कोरोन महामारी से बचने की तैयारी और लॉकडाउन की भेंट चढ़ चुका है।
बजट मंजूर करने की ऑनलाइन प्रक्रिया लागू करने का एक फायदा ये हुआ कि मार्च महीने के अंतिम दिनों में विभिन्न महकमों से संबंधित योजनाओं की बड़ी धनराशि को इसी माह मंजूरी मिली। इसमें से खर्च का बकाया भुगतान किया गया, जबकि बड़ा हिस्सा पाकिर्ंग की नौबत है।
वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए कुल बजट प्रविधान 51043 करोड़ किया गया। इस राशि में से खर्च का आंकड़ा 40 हजार करोड़ से भी काफी नीचे रह गया है। सूत्रों के मुताबिक आखिरी दिन 31 मार्च को करीब 400 करोड़ की राशि को खर्च के लिए मंजूर किया गया। हालांकि कुल बजट खर्च को लेकर तस्वीर कुछ दिनों बाद ही साफ हो पाएगी। केंद्रीय योजनाओं में भी राज्य को करीब 2000 करोड़ की राशि कम प्राप्त हो सकी।
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प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में प्रस्तावित 1000 करोड़ में से महज 500 करोड़ ही राज्य को मिले। समग्र शिक्षा अभियान और राष्ट्रीय कृषि विकास योजनाओं समेत विभिन्न योजनाओं में इस बार राज्य को धन देने में केंद्र सरकार के हाथ तंग रहे हैं। सालाना बजट खर्च में इसका असर भी देखने को मिला है। संपर्क करने पर वित्त सचिव अमित नेगी ने कहा कि बजट खर्च को लेकर तस्वीर कुछ दिनों बाद स्पष्ट होगी।
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