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वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पहले सरकार को टेंशन, हर दिन 100 करोड़ के बिल पास

वित्तीय वर्ष (2019-20) की समाप्ति को अब सिर्फ छह दिन शेष बचे हैं। ऐसे में तमाम सरकारी कार्यालयों में बिल पास कराने को लेकर टेंशन दिख रही है।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Published: Thu, 26 Mar 2020 12:41 PM (IST)Updated: Thu, 26 Mar 2020 12:41 PM (IST)
वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पहले सरकार को टेंशन, हर दिन 100 करोड़ के बिल पास
वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पहले सरकार को टेंशन, हर दिन 100 करोड़ के बिल पास

देहरादून, सुमन सेमवाल। वित्तीय वर्ष (2019-20) की समाप्ति को अब सिर्फ छह दिन शेष बचे हैं। ऐसे में तमाम सरकारी कार्यालयों में बिल पास कराने को लेकर टेंशन दिख रही है। वजह यह है कि ज्यादातर कार्यालय बंद हैं और उनके बिल कोषागार नहीं पहुंच पा रहे। दूसरी तरफ वित्तीय वर्ष की समाप्ति (31 मार्च) को भी आगे बढ़ाने की कोई तैयारी नहीं है। ऐसे में प्रदेश सरकार ने बजट लैप्स होने को लेकर बड़ी राहत देने का निर्णय किया है। वित्त विभाग ने इस बात की तैयारी कर ली है कि जो भी बजट लैप्स होगा, उसकी भरपाई अगले वित्तीय वर्ष में कर दी जाएगी।

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वित्त सचिव अमित नेगी के अनुसार इस समय सभी कार्यालय व उनके कार्मिक इसी बात का ख्याल रखें कि कोरोना वायरस के संक्रमण को कम करने में सरकार का सहयोग किया जाए। उन्हें आदेश दिए गए हैं कि वह वह घर पर रहें और वहीं से हरसंभव काम निपटाएं। इस समय वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर विभागों में बजट पास कराने की टेंशन दिख रही है।

कोषागार सीमित समय के लिए खुल रहे हैं और कम से कम कार्मिकों में काम लिया जा रहा है। कोषागारों का भी ध्यान हड़ताल के समय के लंबित बिलों को निपटाने पर है। जो कुछ आवश्यक सेवाओं वाले कार्यालय खुले हैं, उनके बिल भी कोषागार पहुंच रहे हैं। अभी भी रोजाना करीब 100 करोड़ रुपये के बिल पास किए जा रहे हैं। 

इसके बाद भी जिनके बिल कोषागार नहीं पहुंच पाएंगे, उनके लिए अलग व्यवस्था की जा रही है। मार्च फाइनल के बाद वह इस बात का हिसाब देंगे कि उनका कितना पैसा किस मद में लैप्स हो गया है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में उस बजट की लैप्स राशि को समायोजित कर दिया जाएगा।

ई-गवर्नेंस की पोल भी खुली

राज्य सरकार ने भले ही लैप्स होने वाले बजट की पूर्ति की तैयारी कर दी है, मगर इससे कहीं न कहीं हमारी ई-गवर्नेंस की व्यवस्थाओं पर भी सवाल खड़े होते हैं। क्योंकि बिल पास करने के लिए ट्रेजरी में इंटीग्रेटेड फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम (आइएफएमएस) पर पिछले साल मार्च माह से ही काम शुरू कर दिया था। कार्यालयों से बिल भले ही ऑनलाइन दाखिल किए जा रहे हैं, मगर अभी भी किसी न किसी कार्मिक को उनकी हार्डकॉपी कोषागार कार्यालय लानी पड़ती है।

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जीएसटी-इनकम टैक्स में मिली राहत पर काम शुरू

कोरोना वायरस के संक्रमण से जूझ रहे देश के लोगों को जीएसटी व इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए भी 30 जून तक की रियायत दे दी गई है। इस राहत के अनुरूप राज्य में भी इनकम टैक्स, स्टेट जीएसटी व सेंट्रल जीएसटी के अधिकारियों ने अनुपालन शुरू कर दिया है। प्रदेश में इसका लाभ सात लाख से अधिक करदाताओं व कारोबारियों को मिलेगा।

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