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    बंद हो सकती है कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए गोल्डन कार्ड योजना, जानिए वजह

    By Raksha PanthriEdited By:
    Updated: Tue, 01 Jun 2021 06:05 AM (IST)

    राज्य कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए शुरू हुई अटल आयुषमान योजना बंद हो सकती है। कर्मचारियों की लगातार इस संबंध में की जा रही मांग को कैबिनेट के समक्ष लाया जा सकता है। सचिव स्वास्थ अमित नेगी ने कहा कर्मचारी संगठन पुरानी व्यवस्था को बहाल करने की मांग कर रहे।

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    बंद हो सकती है कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए गोल्डन कार्ड योजना।

    राज्य ब्यूरो, देहरादून। राज्य कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए शुरू की गई अटल आयुषमान योजना बंद हो सकती है। कर्मचारियों की लगातार इस संबंध में की जा रही मांग को कैबिनेट के समक्ष लाया जा सकता है। सचिव स्वास्थ अमित नेगी का कहना है कि कर्मचारी संगठन इस योजना को समाप्त कर पुरानी व्यवस्था को बहाल करने की मांग कर रहे हैं। इस पर विभाग को कोई आपत्ति नहीं है। इस पर अंतिम निर्णय कैबिनेट स्तर से लिया जाएगा। 

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    उत्तराखंड में इस समय राज्य कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए सरकार ने कैशलेस उपचार के लिए गोल्डन कार्ड योजना शुरू की है। बीते दो माह में इस योजना का तकरीबन आठ हजार कर्मचारी लाभ ले चुके हैं। हालांकि, सचिवालय संघ समेत तमाम कर्मचारी संगठन इसके पक्ष में नहीं हैं। उनका कहना है कि इस योजना में कई विसंगतियां हैं। इसमें मुफ्त ओपीडी सुविधा नहीं मिल रही है और अलग-अलग बीमारियों के लिए अलग-अलग अस्पताल चिह्नित किए गए हैं। इससे कई बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को एक ही जगह उपचार नहीं मिल पा रहा है। 

    कर्मचारियों की मांग पर राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने एक संशोधन प्रस्ताव शासन को भेजा था। इसमें इन खामियों को दूर करने के उपाय सुझाए गए थे। सोमवार को सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी के नेतृत्व में संघ के प्रतिनिधिमंडल ने सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी से मुलाकात कर गोल्डन कार्ड की खामियों को दुरुस्त करने की मांग की। मुलाकात की जानकारी देते हुए संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने बताया कि सचिव स्वास्थ्य ने कहा है कि संघ की मांग पर विचार किया जा सकता है। इस मसले को मंत्रिमंडल के समक्ष लाया जाएगा।

    इस दौरान संघ के उपाध्यक्ष सुनील लखेड़ा, महासचिव विमल जोशी, कोषाध्यक्ष बची सिंह व सलाहकार रीता कौल आदि उपस्थित थे। उधर, सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी का कहना है कि इस योजना को कर्मचारियों की मांग पर सरकार ने लागू किया है। सरकार कर्मचारियों के हितों के लिए प्रतिबद्ध है। अब कर्मचारी संगठन चाहते हैं कि इस योजना काे बंद किया जाए, तो इस पर भी सरकार उचित निर्णय लेगी।

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