उत्तराखंड में जीएनएम पाठ्यक्रम पर संकट, लटकी बंदी की तलवार
नर्सिंग कॉलेजों में जीएनएम पाठ्यक्रम पर संकट खड़ा हो गया है। भारतीय नर्सिंग परिषद (आइएनसी) अगले सत्र 2020-21 के बाद इस पाठ्यक्रम का संचालन बंद करने जा रही है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। राज्य में नर्सिंग कॉलेजों में जीएनएम पाठ्यक्रम पर संकट खड़ा हो गया है। भारतीय नर्सिंग परिषद (आइएनसी) अगले सत्र 2020-21 के बाद इस पाठ्यक्रम का संचालन बंद करने जा रही है। इससे युवाओं को रोजगारपरक पाठ्यक्रम से तो हाथ धोना ही पड़ेगा, साथ में नए नर्सिंग कॉलेजों की मुश्किलें बढ़ना तय है।
आइएनसी ने अपनी बोर्ड बैठक के फैसलों की ऑनलाइन सूचना दी है। इसके मुताबिक जीएनएम पाठ्यक्रम का संचालन भविष्य में नहीं हो सकेगा। राज्य में तकरीबन नौ राजकीय नर्सिंग कॉलेज हैं। इनमें बाजपुर और रोशनाबाद स्थित नर्सिंग कॉलेजों के साथ ही दून स्थित नर्सिंग कॉलेजों में जीएनएम पाठ्यक्रम संचालित हो रहा है। यही नहीं रुद्रप्रयाग में खुलने वाले नए नर्सिंग कॉलेज में भी जीएनएम पाठ्यक्रम प्रस्तावित किया गया है। उक्त प्रत्येक कॉलेज में जीएनएम की 60 सीट हैं।
खास बात ये है कि जीएनम पाठ्यक्रम अभी तक अच्छा रोजगार देने वाला साबित हुआ है। इस पाठ्यक्रम में अभी विज्ञान विषयों के अतिरिक्त विषय वालों को भी नर्सिंग सेवा में आने का मौका मिलता रहा है। जीएनएम बंद होने के बाद पोस्ट बेसिक नर्सिंग पाठ्यक्रम भी स्वाभाविक रूप से बंद हो जाएगा।
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जीएनएम का सर्टिफिकेट लेने वालों को पोस्ट बेसिक नर्सिंग पाठ्यक्रम की उपाधि लेने का अवसर मिलता रहा है। भविष्य में यह अवसर भी समाप्त हो जाएगा। आइएनसी के इस फैसले ने चिकित्सा शिक्षा महकमे में बेचैनी बढ़ा दी है। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक इस संबंध में विभिन्न पहलुओं से परीक्षण किया जा रहा है।
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