बच्चों को दें हेल्दी नाश्ता, हमेशा रहेंगे सेहतमंद Dehradun News
सुबह उठने के बाद आपकी प्राथमिकता क्या होती है। आप कहेंगे अपने बच्चे को स्कूल के लिए तैयार करना। स्कूल बैग से लेकर लंच बॉक्स तैयार करना और फिर उसे स्कूल ड्रॉप करना।
देहरादून, जेएनएन। सुबह उठने के बाद आपकी प्राथमिकता क्या होती है। आप कहेंगे अपने बच्चे को स्कूल के लिए तैयार करना। स्कूल बैग से लेकर लंच बॉक्स तैयार करना और फिर उसे स्कूल ड्रॉप करना। क्या आप इस बात का ध्यान रखते हो कि स्कूल जाने से पहले बच्चे ने नाश्ता किया। कहीं ऐसा तो नहीं कि आप भी बच्चे को बिना नाश्ता कराए ही स्कूल भेज रहे हो।
सोशल बलूनी पब्लिक स्कूल में दैनिक जागरण के अभियान 'जंक फूड से जंग' के तहत अभिभावकों के लिए व्याख्यान कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्य वक्ता डाइटीशियन एवं न्यूट्रीशियन एडवाइजर डॉ. आस्था रावत ने कहा कि नाश्ता स्किप करना बच्चे की सेहत व विकास के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
उन्होंने कहा कि जो बच्चे नियमित नाश्ता करते हैं, उनका पोषण प्रोफाइल नाश्ता न करने वाले बच्चों से बेहतर होता है। नाश्ता ऐसा होना चाहिए, जो सभी जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर हो और उसे बच्चे भी चाव से खाएं। उन्होंने कहा कि बच्चों को खाना खिलाना दुनिया के सबसे मुश्किल कामों में से एक कहा जा सकता है और इससे भी मुश्किल काम है बच्चों के लिए संतुलित पौष्टिक आहार चुनना। अकसर जो बच्चों की सेहत के लिए अच्छा होता है वह उन्हें स्वादिष्ट नहीं लगता और जो स्वादिष्ट लगता है वह सेहतमंद नहीं होता। ऐसे में इस ओर सजग रहने की जरूरत है।
फाइव मील ऑप्शन पर जोर देते उन्होंने कहा कि दिनभर में समय-समय पर खाना ज्यादा फायदेमंद होता है। क्योंकि इस तरह खाने से हमारे शरीर में फैट बर्न होने की क्षमता तेज हो जाती है। साथ ही इस तरह से खाने से हमारी मेटाबॉलिच्म पावर मजबूत होती है। ऐसे में ब्रेकफास्ट, लंच, डिनर के अलावा दो बार हल्के स्नैक्स ले सकते हैं। यह स्नैक्स घर के बने होने चाहिए।
डॉ. आस्था ने अभिभावकों को यह भी सलाह दी कि बच्चों के साथ कभी बाहर भी जाएं तो जंक फूड के बजाय खाने के स्वस्थ विकल्प ही चुनें। इससे पहले स्कूल की उप प्रधानाचार्य अलका राणा ने सभी का स्वागत किया। उन्होंने दैनिक जागरण की इस मुहिम की सराहना की। कहा कि फास्ट फूड या जंक फूड के नफे-नुकसान से हर कोई परिचित है। फिर भी इसे खाने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ताज्जुब की बात यह है कि बच्चों के साथ अभिभावक भी इसे बड़े चाव के साथ खाते हैं।
अभिभावकों की जिम्मेदारी है कि वे बच्चों को हेल्दी खाना दें। उसका आकार प्रकार भले ही जंक फूड जैसा हो, लेकिन पौष्टिकता भी होनी चाहिए। इस कार्यक्रम में सिप्ला लिमिटेड का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम में प्री प्राइमरी कोऑर्डिनेटर येनी बड़थ्वाल, सिप्ला से संदीप रावत आदि उपस्थित रहे।
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सवाल-जवाब
प्रश्न: दूध में हॉर्लिक्स या बोर्नविटा मिलाकर देना कितना जरूरी है।
उत्तर: हॉर्लिक्स या बोर्नविटा संपूर्ण आहार नहीं बल्कि एक तरह का सप्लीमेंट है। अगर आप ये मानकर चल रहे हैं कि इससे पूरा पोषण मिल रहा है, तो यह गलत है।
प्रश्न: बच्चा नाश्ता नहीं करता, क्या करना चाहिए।
उत्तर: उसे धीरे-धीरे नाश्ते की आदत डालें। सुबह स्कूल के लिए थोड़ा जल्दी उठाएं। क्योंकि बिस्तर छोडऩे व नाश्ता करने के बीच पर्याप्त समय होना चाहिए। अन्यथा मॉर्निंग सिकनेस में बच्चा ठीक से खा नहीं सकेगा।
प्रश्न: मेरा बच्चा सिर्फ पनीर खाता है, कुछ और खाने से मना करता है।
उत्तर: खाने में फाइबर, प्रोटीन, विटामिन सभी जरूरी हैं। पनीर खाना गलत नहीं है, पर शरीर को अन्य पोषक तत्व भी चाहिए। ऐसे में पनीर के साथ सब्जी आदि का विकल्प आजमाएं।
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