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छात्राएं संभालेंगी डीएम और अधिकारियों की कुर्सी, सुनेंगी लोगों की फरियाद

महिला दिवस (आठ मार्च) के उपलक्ष्य में महिलाओं को अनूठे ढंग से सम्मान देने की योजना बनाई गई है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 24 Feb 2020 04:56 PM (IST)Updated: Mon, 24 Feb 2020 08:41 PM (IST)
छात्राएं संभालेंगी डीएम और अधिकारियों की कुर्सी, सुनेंगी लोगों की फरियाद
छात्राएं संभालेंगी डीएम और अधिकारियों की कुर्सी, सुनेंगी लोगों की फरियाद

देहरादून, सुमन सेमवाल। जिला प्रशासन ने महिला दिवस(आठ मार्च) के उपलक्ष्य में महिलाओं को अनूठे ढंग से सम्मान देने की योजना बनाई है। एक दिन के लिए छात्राओं को जिलाधिकारी (डीएम) और अन्य अधिकारियों की कुर्सी पर विराजमान कराया जाएगा। छात्राएं न सिर्फ अधिकारियों की कुर्सी संभालेंगी, बल्कि लोगों की फरियाद भी सुनेंगी। 

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जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव के अनुसार, महिला दिवस आठ मार्च को है और इस दिन रविवार है। लिहाजा, एक दिन पहले सात मार्च को यह कार्यक्रम किया जाएगा। जिलाधिकारी अपने कार्यक्रम में एक दिन की इस व्यवस्था का अनिवार्य पालन कराएंगे, जबकि अन्य अधिकारियों को इसके लिए प्रेरित किया जाएगा। स्वेच्छा से जो भी अधिकारी मातृ शक्ति के सम्मान में इस पहल से जुड़ना चाहेंगे, वह अपने कार्यालय में इस तरह की व्यवस्था कर सकते हैं। माना जा रहा है कि कलेक्ट्रेट परिसर के तमाम अधिकारियों के अलावा विकास भवन और तहसील में भी यह पहल की जा सकती है। 

जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव का कहना है कि इस कार्यक्रम से जहां मातृ शक्ति को सम्मानित किया जाएगा, वहीं उन्हें हर क्षेत्र में आगे बढ़ते रहने के लिए प्रेरित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की कुर्सी पर बैठने के दौरान छात्राएं लोगों की समस्याएं भी सुनेंगी और उनके निस्तारण के लिए निर्देश भी जारी कर सकती हैं। उनके निर्देशों का अनुपालन भी सुनिश्चित किया जाएगा। 

सहयोग के लिए साथ रहेंगे अधिकारी 

जब छात्राओं को कुर्सी पर आसीन कराया जाएगा, उस दौरान संबंधित अधिकारी भी वहीं उपस्थित रहेंगे। अधिकारी छात्राओं को अपने कार्यालय के कामकाज से भी रूबरू कराएंगे और बताएंगे कि उनके समाज के प्रति क्या-क्या दायित्व हैं। इसके अलावा छात्राओं से जनता की समस्याओं के त्वरित निस्तारण या उन्हें किस तरह की प्रशासनिक व्यवस्था चाहिए, इसके सुझाव भी प्राप्त किए जाएंगे। 

पहला ई-कलक्ट्रेट वाला जिला बनेगा देहरादून 

अगले छह माह में देहरादून के कलक्ट्रेट की पहचान प्रदेश के पहले ई-कलेक्ट्रेट के रूप में होगी। रविवार को नत्थनपुर में एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसकी घोषणा की। इसके तुरंत बाद जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने इस पर काम भी शुरू कर दिया। 

जिलाधिकारी डॉ. श्रीवास्तव के मुताबिक ई-कलक्ट्रेट के तहत परिसर के सभी कार्यालय, विकास भवन और सभी तहसीलों (जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी दुरुस्त है) को आपस में ऑनलाइन जोड़ दिया जाएगा। संबंधित कार्यालयों की पूरी व्यवस्था पेपरलेस कर दी जाएगी। सभी काम ऑनलाइन किए जाएंगे और शिकायतें भी ऑनलाइन दर्ज की जाएंगी। जो शिकायतें कागज पर आ रही हैं, उन्हें भी स्कैन कर सिस्टम में अपलोड किया जाएगा। इससे शिकायतों का रखरखाव और उनकी ट्रैकिंग भी आसान हो जाएगी। 

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ई-कलक्ट्रेट के लिए सभी कार्यालयों, उनके कामकाज आदि का ब्योरा सोमवार से जुटाना शुरू कर दिया जाएगा। जिससे हर कार्यालय के लिए उसके कामकाज के हिसाब से गाइडलाइन भी तैयार की जा सके। इस पूरे काम के लिए छह माह का समय तय किया जा रहा है। 

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फाइलों को कलर कोडिंग से जोड़ा जाएगा 

जिलाधिकारी ने बताया कि कार्यालयवार फाइलों और शिकायतों के निस्तारण के लिए अलग-अलग समयसीमा तय की जाएगी। शिकायतों और फाइलों पर कार्रवाई की जा रही है या नहीं, उसकी निगरानी एमडीडीए की तरह कलर-कोडिंग सिस्टम से की जाएगी। किसी पटल पर फाइल या शिकायत के तय समय से अधिक लंबित रहने पर उसकी स्थिति लाल रंग के रूप में प्रदर्शित हो जाएगी। कामकाज की उचित मॉनीटरिंग शुरू होने के बाद लोगों की समस्याओं का भी समय पर निस्तारण होने लगेगा। 

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