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उत्तराखंड में हड़ताल पर गए डेढ़ लाख से अधिक कर्मचारी, तीन को करेंगे विधानसभा घेराव

प्रदेश के करीब डेढ़ लाख से अधिक जनरल-ओबीसी कर्मचारियों की आज से बेमियादी हड़ताल शुरू हो गई। कई दफ्तरों में तालाबंदी कर कार्मिकों के परेड ग्राउंड में पहुंचे।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 02 Mar 2020 10:48 AM (IST)Updated: Mon, 02 Mar 2020 08:42 PM (IST)
उत्तराखंड में हड़ताल पर गए डेढ़ लाख से अधिक कर्मचारी, तीन को करेंगे विधानसभा घेराव

देहरादून, जेएनएन। शासन की नो वर्क नो पे की चेतावनी के बाद भी प्रदेश के डेढ़ लाख से अधिक जनरल-ओबीसी कर्मचारी सोमवार से बेमियादी हड़ताल पर चले गए। इससे राजधानी में सचिवालय समेत जिलों के तमाम सरकारी विभागों में कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया। देहरादून में कर्मचारियों ने नो वर्क नो पे के आदेश की प्रतियां फूंककर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वहीं, पौड़ी समेत कई जिलों में रैली निकाल कर प्रदर्शन भी किया। कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अब नौकरी से बर्खास्त भी कर दिया जाए तो भी वह बिना आरक्षण पदोन्नति बहाली का आदेश लिए काम पर नहीं लौटेंगे।

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सोमवार की सुबह मुख्य सचिव की ओर से नो वर्क नो पे का आदेश जारी कर कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने से रोकने की आखिरी कोशिश की भी नाकाम रही। आदेश जब कर्मचारियों तक पहुंचा तो वह सभी और भड़क गए। सुबह करीब दस बजे कर्मचारी सचिवालय समेत सभी प्रमुख विभागों के कार्यालयों के सामने इकट्ठा हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। फिर वहां से परेड ग्राउंड में एकत्रित हुए। यहां से नारेबाजी करते हुए सचिवालय कूच कर दिया।

कर्मचारी सेवायोजन कार्यालय, तिब्बती मार्केट, लैंसडौन चौक होते हुए कनक चौक पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें आगाह किया कि सचिवालय कूच की उनके पास अनुमति नहीं है। इस पर कर्मचारियों ने कनक चौक पर मुख्य सचिव के आदेश की प्रतियां जलाईं और दोबारा परेड ग्राउंड पहुंचकर सभा शुरू कर दी। उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि तनख्वाह रोकना तो छोटी कार्रवाई है। हमने तय कर लिया है कि अब नौकरी से भी बर्खास्त कर दिया जाए तो भी बिना आरक्षण पदोन्नति बहाली का शासनादेश लिए काम पर नहीं लौटेंगे। 

सरकार की सामने चुनौती 

कर्मचारियों की बेमियादी का हड़ताल का असल असर मंगलवार से शुरू हो रहे गैरसैंण बजट सत्र पर दिखना तय है। एससी-एसटी कार्मिकों ने सरकार को पूरा सहयोग करने की बात तो कही है, लेकिन हकीकत यह है कि सचिवालय समेत तमाम विभागों के महत्वपूर्ण पटल खाली हैं। ऐसे में देखना होगा सत्र के दौरान आने वाली मुश्किलों से सरकार कैसे निपटती है।

दफ्तरों में पसरा रहा सन्नाटा

कर्मचारियों के बेमियादी हड़ताल पर चले जाने का सबसे अधिक असर सचिवालय में दिखा। यहां कई अनुभागों के ताले तक नहीं खुले। वहीं आरटीओ, कलक्ट्रेट, लोक निर्माण विभाग, शिक्षा, सिंचाई समेत तमाम विभागों में भी कामकाज पूरी तरह ठप रहा। 

गैरसैंण में करेंगे प्रदर्शन 

हड़ताल पर गए जनरल ओबीसी कर्मचारी मंगलवार को गैरसैंण में प्रदर्शन करेंगे। देहरादून से कर्मचारियों का दल बस से सोमवार दोपहर की रवाना हो गया। वहीं कुमाऊं और गढ़वाल मंडल के जिलों के भी कर्मचारी सोमवार देर रात तक गैरसैंण पहुंच जाएंगे। 

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