गीता में मनुष्य की हर समस्या का समाधान
अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (इस्कॉन) की ओर से आयोजित विशेष यज्ञ में गीता के संपूर्ण अध्याय के सात सौ श्लोकों का उच्चारण किया गया। ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, देहरादून : गीता जयंती पर शहर के विभिन्न मंदिरों में गीता के श्लोकों का पाठ किया गया। अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (इस्कॉन) की ओर से आयोजित विशेष यज्ञ में गीता के संपूर्ण अध्याय के सात सौ श्लोकों का उच्चारण किया गया। इस्कॉन के अध्यक्ष केशव भारती दास ने कहा कि गीता में मुनष्य की हर समस्या का समाधान लिखा है, जरूरत है तो इसके अनुसरण की।
इस्कॉन की ओर से बल्लूपुर स्थित वनस्थली में कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें सीमित संख्या में श्रद्धालुओं ने गीता जयंती मनाई। इस्कॉन के अध्यक्ष केशव भारती दास ने कहा कि इस्कॉन की ओर से दुनियाभर में 60 भाषाओं में गीता उपलब्ध करवाई जा रही है। इससे गीता के ज्ञान का प्रचार तो हो ही रहा है, साथ ही देश की संस्कृति की झलक भी दुनिया तक पहुंच रही है। इस अवसर पर धनंजय दास, हितेश प्रभू, सतीश प्रभू, अमीन, गोपाल, राधेश, जितेंद्र, आलोक समेत अन्य लोग मौजूद रहे। शोभायात्रा निकाली
डीएल रोड स्थित श्री चैतन्य गौड़ीय मठ मंदिर की ओर से भव्य गीता यात्रा (संकीर्तन शोभा यात्रा) निकाली गई। साथ ही श्रद्धालुओं को गीता भेंट की गई। इस मौके पर भक्त भव्य हरि नाम संकीर्तन कर शोभा यात्रा में चल रहे थे। भक्ति प्रसन्न त्यागी महाराज ने बताया कि गीता जयंती का महत्व सनातन धर्म मे बहुत ज्यादा है। धाíमक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन महाभारत युद्ध से पहले अर्जुन को भगवान कृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र में अर्जुन को कृष्ण ने ज्ञान का पाठ पढ़ाया था। उन्हें सही और गलत का अंतर भी बताया था। इस मौके पर भक्ति विलास त्रिदंडी, विष्णुपद ब्रह्मचारी, मृदुल दास, राधामाधव दास, दुर्गा प्रभु, राजू दास, शुभम, लक्ष्य, हिमाशु, वरुण काग्रेस महानगर अध्यक्ष लाल चंद शर्मा, अक्षत शर्मा, हिमाशु, देविका रानी आदि मौजूद रहे। गीता की शिक्षा आज भी प्रासंगिक
देहरादून : राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एसीईआरटी) की ओर से गीता जयंती पर वेबिनार आयोजित की गई। अध्यक्षता करते हुए संस्कृत शिक्षा विभाग के उपनिदेशक डॉ. वाजश्रवा आर्य ने कहा कि गीता मानव को अपने निस्वार्थ एवं फल की कामना न रखते हुए मानव कल्याण के लिए निरंतर कर्म करने की शिक्षा प्रदान करती है। इस अवसर पर हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. आशुतोष गुप्ता ने कहा कि गीता की शिक्षा आज के युग में भी प्रासंगिक हैं। गीता मानव को कर्म करने के लिए प्रेरित करती है। संचालन कर रहे डॉ. शशिशेखर मिश्र ने कहा कि गीता का विश्व की 197 भाषा में अनुवाद हो चुका है। कहा कि गीता ज्ञानयोग कर्मयोग एवं भक्ति योग का समन्वय है।

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