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    अब बरसात में नहीं डूबेगा गौहरीमाफी गांव

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 29 Apr 2019 10:16 PM (IST)

    देर से ही सही लेकिन गौहरमाफी टिहरी फार्म गांव के लिए बाढ़ सुरक्षा कार्य शुरू हो गए हैं। लिहाजा अब बरसात में गांव को बाढ़ का खतरा नहीं रहेगा। सौंग नदी पर तटबंध नाला निर्माण व जल प्रबंधन के लिए 791.34 लाख रुपये मंजूर हुए हैं।

    अब बरसात में नहीं डूबेगा गौहरीमाफी गांव

    संवाद सूत्र, रायवाला :

    देर से ही सही लेकिन गौहरमाफी टिहरी फार्म गांव के लिए बाढ़ सुरक्षा कार्य शुरू हो गए हैं। लिहाजा अब बरसात में गांव को बाढ़ का खतरा नहीं रहेगा। सौंग नदी पर तटबंध, नाला निर्माण व जल प्रबंधन के लिए 791.34 लाख रुपये मंजूर हुए हैं। इस कार्य के लिए राजाजी टाइगर रिजर्व से पहले की सशर्त अनुमति मिल चुकी है।

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    सोमवार से सौंग नदीं किनारे तटबंध बनाने का काम शुरू हो गया। हालांकि मानसून आने में महज डेढ़ माह का वक्त बचा है लेकिन अधिकारियों को उम्मीद है कि बरसात से पहले बाढ़ सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम पूरे कर लिए जाएंगे। सौंग नदीं किनारे सुरक्षा कार्यों के लिए 411.85 लाख रुपये मंजूर हुए हैं। वहीं गांव के भीतर से होकर बह रहे नाले को पक्का करने और जल प्रबंधन के लिए नाबार्ड से 379.49 लाख रुपये मंजूर किए हैं। सिचाई विभाग बाढ़ सुरक्षा कार्य करा रहा है। राजाजी टाइगर रिजर्व क्षेत्र में हो रहे कार्य के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल पहले ही सशर्त अनुमति दे चुका है। एनजीटी की गाइडलाइन के मुताबिक ही निर्माण कार्य होना है।

    विदित हो कि तीन ओर से नदियों से घिरा गौहरीमाफी टिहरी फार्म गांव हर साल बाढ़ की त्रासदी झेलता है। सौंग नदी की बाढ़ से गांव में बड़े स्तर पर खेत और फसलों की हानि होती है। बीती वर्ष बरसात तो गांव के आधा दर्जन मकान, सड़क व कांजवे भी बाढ़ की भेंट चढ़ गए थे। राजाजी पार्क से सटे होने की वजह से बाढ़ सुरक्षा कार्य करने में कानूनी अड़चने आड़े आती रही हैं।

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    450 परिवारों को मिलेगी सुरक्षा

    तटबंध बनने से गांव के करीब 450 परिवार लाभान्वित होंगे। इससे सौंग नदी की बाढ़ के पानी से कटने वाले खेत व फसलों की तबाही तो रुकेगी ही साथ ही राजाजी नेशनल पार्क क्षेत्र की कीमती वन सम्पदा भी नष्ट होने से बचेगी।

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    सुसवा नदी पर भी बनें तटबंध

    सौंग नदी पर तटंबध बनाने के साथ ही गांव की दूसरी ओर बहने वाली सुसवा नदी पर भी बाढ़ सुरक्षा योजना बनाए जाने की आवश्यकता है। तीन ओर से नदियों से घिरे गौहरीमाफी गांव के लिए सही मायने में बाढ़ सुरक्षा का काम तभी पूरा हो पाएगा, जब सौंग के साथ सुसवा नदी पर भी तटबंध बनाए जाएं। बरसाती नालों को साथ लेकर चलने वाली यह नदी भी हर साल गांव में आने वाली भयंकर बाढ़ का कारण बनती है।

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    बाढ़ सुरक्षा योजना के लिए ग्रामीणों ने लंबा संघर्ष किया है। विधायक से लेकर राज्य व केंद्र सरकार के मंत्रियों तक ग्रामीणों ने गुहार लगाई। अब जाकर गांव की सुरक्षा की सुध ली जा सकी। इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल व वन मंत्री हरक सिंह रावत ने वित्तीय स्वीकृति व कानूनी अड़चन दूर कराने में मदद की। मैं सम्पूर्ण ग्राम वासियों की तरफ से दोनों जनप्रतिनिधियों का आभार व्यक्त करती हूं।

    - सरिता रतूडी, ग्राम प्रधान, गौहरीमाफी

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    निश्चित रूप से गौहरीमाफी के निवासियों ने बाढ़ का भयंकर दुख लंबे समय तक झेला है। राजाजी पार्क व अन्य कानूनी दिक्कतों की वजह से योजना की स्वीकृति में विलंब जरूर हुआ है। लेकिन अब जल्द ही पूरी गुणवत्ता के बाढ़ सुरक्षा कार्य पूरे करा लिए जाएंगे। इसके लिए संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की गई है। पूरे सौंग नदी के किनारे पक्का तटबंध बनाने की योजना को भी जल्द मंजूरी दिलाई जाएगी। यह फाइल केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण आयोग को पहले ही भेजी जा चुकी है।

    - प्रेमचंद अग्रवाल, विधानसभा अध्यक्ष, उत्तराखंड