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    Garlic Benefits: लहसुन का एलाइल मिथाइल सल्फाइड वायरस रोकने में सक्षम

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Fri, 28 Aug 2020 10:49 PM (IST)

    Garlic Benefits भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (आइआइपी) के विज्ञानियों ने साबित कर दिया है कि भोजन में लहसुन का प्रयोग शरीर को वायरस से लड़ने में मदद करता ...और पढ़ें

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    Garlic Benefits: लहसुन का एलाइल मिथाइल सल्फाइड वायरस रोकने में सक्षम

    देहरादून, सुमन सेमवाल। Garlic Benefits भोजन में लहसुन का प्रयोग हमारी परंपरा का हिस्सा रहा है। माना जाता है कि लहसुन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर है और चिकित्सक कोरोना के संक्रमण काल में इसके सेवन की सलाह भी दे रहे हैं। अब भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (आइआइपी) के विज्ञानियों ने साबित कर दिया है कि भोजन में लहसुन का प्रयोग शरीर को वायरस से लड़ने में मदद करता है। विज्ञानियों ने पाया कि लहसुन के ‘एलाइल मिथाइल सल्फाइड’ मॉलिक्यूल वायरस को रोकने का काम करते हैं।

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    आइआइपी के वरिष्ठ विज्ञानी डॉ. अनिल सिन्हा के मुताबिक, लहसुन में एलिसिन नामक तत्व होता है। जब हम इसका सेवन करते हैं तो यह टूटकर एलाइल मिथाइल सल्फाइड (एएमएस) केमिकल बन जाता है। यही एएमएस वायरस को रोकने का काम करने लगते हैं। लहसुन की एक गांठ में करोड़ों एलाइल मिथाइल सल्फाइड मॉलिक्यूल पाए जाते हैं, जो जल्द ही वायरस की रफ्तार थामने लगते हैं।

    मॉलिक्युलर मॉडलिंग से पता चला प्रभाव

    डॉ. अनिल सिन्हा ने बताया कि वायरस के ऊपर फॉस्फोलिपिड नाम की फैटी लेयर होती है, जो इसके लिए सुरक्षा कवच का काम करती है। एलाइल मिथाइल सल्फाइड व फॉस्फोलिपिड केमिकल का आपस में रिएक्शन कराया गया। इसके लिए मॉलिक्युलर मॉडलिंग का सहारा लिया गया। पाया गया कि यह फॉस्फोलिपिड के साथ रिएक्शन करने में प्रभावशाली हैं। यानी यह वायरस के रक्षा कवच को भेदने में सक्षम है।

    छह ग्राम लहसुन में करोड़ों एएमएस

    वरिष्ठ विज्ञानी डॉ. सिन्हा के मुताबिक, छह ग्राम लहसुन में करीब 68.3 करोड़ एलाइल मिथाइल सल्फाइड (एएमएस) मॉलिक्यूल होते हैं। इतनी संख्या वायरस से लड़ने के लिए काफी मानी जा सकती है। लिहाजा, कोरोनाकाल में लहसुन का नियमित प्रयोग करना जरूरी है। तभी हमारा शरीर प्राकृतिक रूप से वायरस से लड़ने में सक्षम रहेगा।

    सल्फाइड पर काम करते वक्त सूझा विचार

    आइआइपी के वरिष्ठ विज्ञानी डॉ. सिन्हा ने बताया कि वह बायोजेट फ्यूल का कैटलिस्ट बनाने के लिए सल्फाइड केमिकल पर काम करते हैं। हालांकि, यह केमिकल खरीद कर मंगाया जाता है। जब उन्हें लहसुन में भी इसी तरह के केमिकल होने की जानकारी मिली तो इस दिशा में भी अध्ययन शुरू किया।

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    सभी अंगों तक पहुंचता है एएमएस

    अभी यही माना जाता था कि लहसुन का एलिसिन ही सारा काम करता है। मगर, इसी अध्ययन में पता चला कि एलिसिन शरीर में जाने के बाद टूटकर एलाइल मिथाइल सल्फाइड बनता है, जो हमारे म्यूकस (बलगम), खून, किडनी, दिमाग आदि में जाकर वायरस से लड़ने में मदद करने का काम करता है।

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