Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Gangotri Yatra 2020: कपाट खुलने के साथ ही धाम में प्रधानमंत्री मोदी के नाम से हुई पहली पूजा

    गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही यहां पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से हुई है। प्रधानमंत्री ने राज्‍य सरकार के जरिये गंगोत्री में पूजन की इच्‍छा जताई थी।

    By Raksha PanthariEdited By: Updated: Sun, 26 Apr 2020 09:44 PM (IST)
    Gangotri Yatra 2020: कपाट खुलने के साथ ही धाम में प्रधानमंत्री मोदी के नाम से हुई पहली पूजा

    देहरादून, जेएनएन। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट तय समय पर विधि-विधान के साथ खोले गए। गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही यहां पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से हुई है। प्रधानमंत्री ने राज्‍य सरकार के जरिये गंगोत्री में पूजन की इच्‍छा जताई थी, इस पर उत्‍तरकाशी जिला प्रशासन ने मंदिर समिति तक उनका संदेश पहुंचाया। पहली पूजा के तौर पर मंदिर समिति में उनके नाम की 1100 रुपये की रसीद भी काटी गई। एसडीएम ने उनके प्रतिनिधि के तौर पर गंगा मैया की आरती में भाग लिया। मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने इसकी पुष्टि की है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए किए गए लॉकडाउन के बीच गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया पर खोल दिए गए हैं। धामों के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा की भी शुरुआत हो गई है। धाम के कपाट 12 बजकर 35 मिनट पर विधि-विधान के साथ खोले गए। अक्षय तृतीया के इस शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीपांच मंदिर समिति गंगोत्री को 1100 रुपये दान स्वरूप भेंट किए। इस दौरान पहली पूजा भी प्रधानमंत्री के नाम से ही हुई। इसकी पुष्टि मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने की।

    गंगोत्री धाम का इतिहास 

    गंगोत्री शहर और मंदिर का इतिहास अभिन्न रूप से जुड़ा हुआ है। बताया जाता है कि प्राचीन काल में यहां मंदिर नहीं था। गंगोत्री में सेमवाल पुजारियों के द्वारा गंगा मां के साकार रूप यानी गंगा धारा की पूजा की जाती थी। भागीरथी शिला के निकट एक मंच था, जहां यात्रा सीजन के तीन-चार महीनों के लिए देवी-देताओं की मूर्तियां रखी जाती थी। इन मूर्तियों को मुखबा आदि गावों से लाया जाता था, जिन्हें यात्रा सीजन के बाद फिर उन्हीं गांवों में लौटा दिया जाता था।

    केदारनाथ 29 अप्रैल और बदरीनाथ के 15 मई को खुलेंगे कपाट 

    केदारनाथ धाम के कपाट पूर्व घोषित तिथि यानी 29 अप्रैल को ही सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर खोले जाएंग। वहीं, बदरीनाथ धाम के कपाट 15 मई को खोले जाएंगे। बता दें कि बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि और भगवान नारायण के अभिषेक को तिलों का तेल निकालने के तिथि वसंत पंचमी पर टिहरी राज परिवार द्वारा निश्चित की जाती है।

    यह भी पढ़ें: Gangotri and Yamunotri yatra 2020  लॉकडाउन के बीच विधि विधान के साथ खोले गए गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट

    अब कोरोना महामारी को देखते हुए टिहरी महाराजा ने बदरीनाथ के कपाट खोलने की तिथि 30 अप्रैल से बढ़ाकर 15 मई और तेल निकालने की तिथि पांच मई निश्चित की है। भगवान बदरी विशाल के प्रतिनिधि के रूप में राजा का यह निर्णय हर दृष्टि से उपयुक्त है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार बदरीनाथ मंदिर के गर्भगृह में रावल के साथ डिमरी पुजारी को भी प्रवेश करने का अधिकार है। लेकिन, भगवान बदरी विशाल के स्वयंभू विग्रह (मूर्ति) को स्पर्श करने का अधिकार सिर्फ रावल को है।  

    यह भी पढ़ें: Kedarnath Yatra 2020: बाबा केदार की उत्‍सव डोली गौरीकुंड के लिए रवाना, 29 अप्रैल को खुलेंगे केदारनाथ के कपाट