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    Ganga Arti for Chandrayaan: चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए की मां गंगा से प्रार्थना, आयोजित की गई विशेष आरती

    By Jagran NewsEdited By: Shivam Yadav
    Updated: Wed, 23 Aug 2023 04:50 PM (IST)

    भारत के चंद्रयान मिशन की सफलता तथा चंद्रयान-3 की चंद्रमा के दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र में सॉफ्ट लैंडिंग की कामना के लिए परमार्थ निकेतन की गंगा आरती समर्पित की गई। स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि पूरे भारत के लिए यह उपलब्धि गर्व और गौरव का विषय है। मंगलवार को परमार्थ निकेतन गंगा घाट पर विशेष गंगा आरती कर चंद्रयान-3 की सफलता के लिए प्रार्थना की गई।

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    स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि पूरे भारत के लिए यह उपलब्धि गर्व और गौरव का विषय है।

    ऋषिकेश, जागरण संवाददाता: भारत के चंद्रयान मिशन की सफलता तथा चंद्रयान-3 की चंद्रमा के दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र में सॉफ्ट लैंडिंग की कामना के लिए परमार्थ निकेतन की गंगा आरती समर्पित की गई। स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि पूरे भारत के लिए यह उपलब्धि गर्व और गौरव का विषय है।

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    मंगलवार को परमार्थ निकेतन गंगा घाट पर विशेष गंगा आरती कर चंद्रयान-3 की सफलता के लिए प्रार्थना की गई। स्वामी चिदानंद ने कहा कि चंद्रयान-3 मिशन ने चंद्र कक्षा सम्मिलन (एलओआई) के सफलतापूर्वक पूर्णता के साथ एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। लगातार तीसरी बार इसरो ने मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश करने के अलावा अपने अंतरिक्ष यान को चंद्रमा की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया है, यह पूरे भारत के लिये गर्व व गौरव का विषय है।

    वेदों से विमान तक की उपलब्धियां

    इस अवसर पर मिसाइल मैन व पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को भी याद कर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की गई। स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमने वेदों से विमान तक और उपनिषदों से उपग्रहों तक अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं। कल का दिन हम सभी भारतवासियों के लिये ऐतिहासिक दिन है। भारत निरंतर ऐतिहासिक उपलब्धियों को हासिल कर रहा है। अपनी तकनीकी प्रगति के साथ, इसरो देश में विज्ञान और विज्ञान संबंधी शिक्षा में अभूतपूर्व योगदान प्रदान कर रहा है। इस हेतु इसरो की पूरी टीम बधाई की पात्र है। 

    भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक डाॅ. विक्रम साराभाई को याद करते हुए स्वामी चिदानंद ने कहा कि उनकी दूरदर्शिता ही थी कि आज हम अंतरिक्ष के संसाधनों में इतना समर्थ है। भारत इसी तरह निरंतर प्रगति करता रहे, हमारे युवाओं का रूझान इसी तरह अंतरिक्ष कार्यक्रमों की ओर बढ़ता रहे।