तो शक्तिमान प्रकरण से छूटेगा गणेश जोशी का पीछा
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में पुलिस के घोड़े शक्तिमान की टांग तोड़ने के आरोपों को लेकर चर्चाओं में आए विधायक गणेश जोशी का अब इस मामले से पीछा छूट सकता है।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में पुलिस के घोड़े शक्तिमान की टांग तोड़ने के आरोपों को लेकर चर्चाओं में आए विधायक गणेश जोशी का अब इस मामले से पीछा छूट सकता है। शासन में उनसे इस मामले में दर्ज मुकदमा वापसी की कार्यवाही शुरू हो गई है। इसके अलावा लक्सर में गोली चलाने के आरोप में विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन और मारपीट के आरोप में विधायक पूरण सिंह फर्तयाल पर दर्ज मुकदमें भी वापस लेने की कवायद चल रही है।
प्रदेश में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में जम कर मुकदमे वापसी की पत्रावलियां चली थीं। कई गंभीर प्रकरणों में दर्ज मुकदमें वापस लेने को लेकर सरकार पर सवालिया निशान भी लगे। इस दौरान सरकार पर यह भी आरोप लगे कि राजनीतिक द्वेष के कारण भाजपा विधायकों व कार्यकर्ताओं पर मुकदमें दर्ज किए गए।
सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यह स्पष्ट किया था कि भाजपा के जिन कार्यकर्ताओं पर राजनीतिक द्वेष के तहत मुकदमें दर्ज किए गए हैं, उन्हें वापस लिया जाएगा। अब सरकार ने भाजपा विधायक व कार्यकर्ताओं पर दर्ज मुकदमें वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
सरकार बनने के कुछ समय बाद ही कुछ विधायकों पर दर्ज मुकदमें वापस लिए गए। अब मुकदमें वापसी का सिलसिला चल निकला है। इस कड़ी में अब भाजपा विधायक गणेश जोशी, विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन और विधायक पूरण सिंह फर्तयाल के अलावा कुछ अन्य भाजपा नेताओं पर दर्ज मुकदमें वापस लेने की कार्यवाही शुरू हो गई है।
क्या था शक्तिमान प्रकरण
बीते वर्ष 14 मार्च को बजट सत्र के दौरान भाजपा ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार के खिलाफ विधानसभा तक रैली निकाली थी। इस दौरान पुलिस कर्मियों व भाजपा समर्थकों के बीच झड़पें हुईं। आरोप है कि इस दौरान भाजपा विधायक गणेश जोशी ने पुलिस की लाठी छीन कर सड़क पर फटकारी, जिसके चलते पुलिस के घोड़े शक्तिमान की टांग टूट गई।
बाद में घोड़े शक्तिमान की मौत हो गई थी। यह मामला सदन में भी खूब गूंजा। पुलिस ने इस मामले में विधायक गणेश जोशी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। यहां तक कि इस मामले की सीबीसीआइडी जांच के आदेश भी दिए गए थे।
अब इस मामले में मुकदमा वापसी की फाइल चल निकली है। जानकारों की मानें तो मुकदमा वापसी होने पर सीबीसीआइडी जांच अपने आप ही समाप्त हो जाएगी।
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