डेढ़ दिन की रोशनी वाला ‘शहर’ भराड़ीसैंण, मानसून सत्र के बाद फिर सन्नाटे में डूबी उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी
चमोली जिले के गैरसैंण में विधानसभा सत्र आयोजित हुआ जिससे पूरा इलाका चहल-पहल से भर गया। मुख्यमंत्री मंत्री और कई अधिकारी यहां मौजूद रहे मानो देहरादून ही उतर आया हो। सत्र समाप्त होते ही सब वापस लौट गए और भराड़ीसैण फिर से शांत हो गया। उत्तराखंड आंदोलन की भावनाओं का केंद्र गैरसैंण सत्र के बाद फिर से सन्नाटे में डूब गया।

केदार दत्त, जागरण गैरसैंण। चमोली जिले में दूधातोली पर्वत श्रृंखला की सुरम्य वादी में समुद्रतल से 2390 मीटर की ऊंचाई पर स्थित उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण का भराड़ीसैण विधानसभा परिसर अब एक तरह से छोटे आधुनिक पर्वतीय शहर के रूप में दिखता है।
इसी ‘शहर’ में पिछले डेढ़ दिन से खासी जगमग रही। मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक समेत तमाम आला अफसरों और सुरक्षा कर्मियों की फौज का यहां जमावड़ा रहा। फाइलें मंगवाई गईं। कंप्यूटर सेट लगाए गए। सैकड़ों वाहन पहुंचे।
हेलीकाप्टर ने भी तमाम फेरे लगाए। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मानो देहरादून यहां उतर आया है, लेकिन बुधवार को दोपहर में विधानसभा का मानसून सत्र खत्म होते ही शाम तक पूरा अमला भराड़ीसैंण को छोड़ चुका था। यहां की चकाचौंध मद्धिम रोशनी में तब्दील हो गई और भराड़ीसैंण ने फिर से सन्नाटे की चादर ओढ़ ली।
उत्तराखंड आंदोलन की जनभावनाओं का केंद्र रहा गैरसैंण राज्य के मध्य में अवस्थित है। गैरसैंण से लगभग 10 किलोमीटर पहले भराड़ीसैंण में लगभग 47 एकड़ में फैला विधानसभा परिसर अपनी आलीशान इमारतों से नई इबारत लिख रहा है।
विधानसभा का मुख्य भवन तो अपने आप में दर्शनीय है। भराड़ीसैंण में मंगलवार से प्रारंभ हुए विधानसभा के मानसून सत्र के लिए पूरी सरकार और मशीनरी लगभग 2500 कार्मिकों के दलबल के साथ पहुंची थी। समूचे क्षेत्र की चहल-पहल ऐसी कि वह किसी पर्यटक शहर को भी मात दे दे।
मंगलवार को वहां नजारा ऐसा ही था। पूरा परिसर रोशनी से जगमग था। विधानसभा भवन परिसर तक पहुंचने वाले मार्ग पर जगह-जगह पुलिस कर्मी सुरक्षा में मुस्तैद थे, वह भी घने कोहरे और वर्षा के बीच।
दरअसल, भराड़ीसैण में मौसम लगातार रंग बदलता है। कभी धूप व बादलों की आखमिचौनी तो कभी घना कोहरा और कभी झमाझम वर्षा। इस परिदृश्य के बीच मंगलवार से बुधवार तक भराड़ीसैंण में सियासी पारा भी चरम पर रहा।
बुधवार को दूसरे दिन सत्र स्थगित होने के बाद शाम होते-होते वहां लगा जमावड़ा भराड़ीसैंण के इस आलीशान विधानसभा परिसर को एकांत में छोड़कर वापस देहरादून लौट गया। वहां बने पुलिस बूथों में भी सन्नाटा पसरने के साथ ही भराड़ीसैंण सन्नाटे के आगोश में चला गया कि शायद सालभर फिर से सत्र के दौरान उसे इसी तरह की रंगत देखने को मिलेगी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।