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G-20 Summit: हल्के वाहनों के लिए खुलेगा जानकी सेतु, सेफ्टी आडिट करेगी आइआइटी रुड़की की टीम

G-20 Summit मुख्य सचिव शासन एसएस संधु ने 25 व 26 मई को आयोजित होने वाले जी-20 सम्मेलन की तैयारियों को लेकर बीते शुक्रवार को अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की थी। विभाग की ओर से जानकी सेतु का आइआइटी रुड़की से सेफ्टी आडिट कराया जाएगा।

By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraPublished: Sun, 29 Jan 2023 11:23 AM (IST)Updated: Sun, 29 Jan 2023 11:23 AM (IST)
G-20 Summit: हल्के वाहनों के लिए खुलेगा जानकी सेतु, सेफ्टी आडिट करेगी आइआइटी रुड़की की टीम
G-20 Summit: जानकी सेतु का आइआइटी रुड़की से सेफ्टी आडिट कराया जाएगा।

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: G-20 Summit: ऋषिकेश क्षेत्र में मई माह में प्रस्तावित जी-20 सम्मेलन में आने वाले विभिन्न राष्ट्राध्यक्ष और प्रतिनिधियों के रूट प्लान का निरीक्षण करने के बाद मुख्य सचिव एसएस संधु ने लोक निर्माण विभाग नरेंद्र नगर खंड को जानकी सेतु में मेहमानों के वाहनों को संचालित किए जाने की संभावना पर काम करने के निर्देश दिए हैं। विभाग की ओर से जानकी सेतु का आइआइटी रुड़की से सेफ्टी आडिट कराया जाएगा।

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मुख्य सचिव शासन एसएस संधु ने 25 व 26 मई को आयोजित होने वाले जी-20 सम्मेलन की तैयारियों को लेकर बीते शुक्रवार को अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की थी। परमार्थ निकेतन स्वर्गाश्रम आरती स्थल तक बाहर से आने वाले मेहमानों को पहुंचाने और सुरक्षित, आरामदायक यात्रा सुलभ कराने पर शासन की ओर से विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

यही कारण है कि जौलीग्रांट देहरादून एयरपोर्ट से नरेंद्र नगर स्थित होटल तक मेहमानों को पहुंचाने के वैकल्पिक मार्ग का मुख्य सचिव निरीक्षण कर चुके हैं। नरेंद्र नगर तक पहुंचने के लिए रानी पोखरी (डांडी) बाईपास मार्गो को इसका विकल्प बनाया जा रहा है।

मुख्य सचिव ने दो वैकल्पिक रास्तों का निरीक्षण किया

नरेंद्र नगर होटल से परमार्थ निकेतन तक इन मेहमानों को पहुंचाने के लिए मुख्य सचिव ने दो वैकल्पिक रास्तों का निरीक्षण किया। एक विकल्प के रूप में भद्रकाली से तपोवन बाईपास होते हुए गरुड़ चट्टी रूट का उन्होंने निरीक्षण किया। दूसरे विकल्प के रूप में भद्रकाली से तपोवन बाईपास होते हुए पूर्णानंद पार्किंग और वहां से जानकी सेतु होते हुए परमार्थ निकेतन का विकल्प भी उन्होंने देखा है।

जानकी सेतु से अभी दो पहिया वाहन आवागमन करने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। मेहमानों के वाहनों को इस पुल के माध्यम से परमार्थ निकेतन जाने के लिए पुल के मध्य में बनाए गए पार्टीशन को हटाया जाना जरूरी है।

जानकी सेतु का जब डिजाइन तैयार किया गया था तो आपात स्थिति में यहां से चार पहिया वाहन हो निकाले जाने के विकल्प को सुरक्षित रखा गया था। पुल के निर्माण के दौरान इस बात को ध्यान में रखते हुए इसका सेफ्टी आडिट कराया गया था। इसी विकल्प को जी-20 सम्मेलन के दौरान खोले जाने की तैयारी है।

प्रशासन की मानें तो तपोवन बाईपास से गरुड़ चट्टी होते हुए परमार्थ निकेतन तक पहुंचने का जो सड़क मार्ग है वह लंबा ही नहीं बल्कि असुरक्षित भी माना गया है। इसी बात को देखते हुए जानकी सेतु के विकल्प को देखा जा रहा है। प्रशासन की अभी इस संबंध में जो भी तैयारी है वह प्रस्तावित है।

शासन की ओर से जी-20 सम्मेलन में आने वाले विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्ष और प्रतिनिधियों के आवागमन मार्ग के सभी विकल्पों पर जो भी विचार किया जा रहा है वह अभी प्रस्तावित है। जानकी सेतु में जो पैदल और दोपहिया वाहनों के चलने के लिए स्टील बैरिकेटिंग लगाए गए हैं, उन्हें जरूरत पड़ने पर निकालने की भी सुविधा उपलब्ध है। सम्मेलन के दौरान वाहनों को पुल से निकाले जाने के विकल्प से पहले आइआइटी रुड़की से पुल का सेफ्टी आडिट कराया जाएगा। जानकी सेतु से जाने के लिए मेहमानों के लिए विशेष वाहन ( गोल्फ कार) का विकल्प भी खुला है।

- आशुतोष आर्य, अधिशासी अभियंता, लोक निर्माण विभाग, नरेंद्र नगर खंड


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