उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के पिता पंचतत्व में विलीन
Anand Singh Rawat and UP CM Yogi Adityanath यूपी के सीएम योगी के पिता आनंद सिंह बिष्ट का लक्ष्मणझूला के पास गंगा तट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
ऋषिकेश, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट का लक्ष्मणझूला के पास गंगा तट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। ज्येष्ठ पुत्र मानवेंद्र सिंह बिष्ट ने उन्हें मुखाग्नि दी। इससे पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, योग गुरु बाबा रामदेव और परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाए, लेकिन मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में उनके ओएसडी राजभूषण सिंह रावत उपस्थित थे।
पौड़ी गढ़वाल जिले के ग्राम पंचुर के निवासी आनंद सिंह बिष्ट (88 वर्ष) का सोमवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दिल्ली में निधन हो गया था। वह लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे। सोमवार को ही देर शाम पार्थिव शरीर को पंचुर स्थित उनके पैतृक आवास लाया गया था। मंगलवार सुबह अंतिम दर्शन के बाद उनका पार्थिव शरीर लक्ष्मण झूला के निकट फूलचट्टी घाट लाया गया।
इससे पहले उत्तराखंड विधानसभा के अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, कबीना मंत्री मदन कौशिक, गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री धन सिंह रावत और विधायक महेंद्र प्रसाद भट्ट ने श्रद्धांजलि दी। इसके अलावा उत्तर प्रदेश शासन की ओर से एडिशनल रेजिडेंट कमिश्नर सौम्या श्रीवास्तव ने पुष्पचक्र अर्पित किया। पुलिस की गारद ने उन्हें सशस्त्र सलामी दी। अंतिम यात्रा में उनके स्वजन व ग्रामीण मौजूद रहे। इस अवसर पर दायित्व धारी भगतराम कोठारी, भाजपा के सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश, प्रांतीय महामंत्री संगठन अजेय, भाजपा की प्रदेश उपाध्यक्ष कुसुम कंडवाल, यूपी निवास दिल्ली के चीफ मैनेजमेंट ऑफिसर राजीव तिवारी, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष अश्वनी त्यागी, यूपी भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता चंद्रमोहन, विधायक देवबंद बृजेश सिंह, राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य अरविंद मेनन, उपाध्यक्ष पौड़ी विक्रम सिंह रौथाण, क्षेत्र पंचायत सदस्य सुदेश भट्ट आदि ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किये।
मुख्यमंत्री योगी की अपील को दिल से स्वीकारा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मां को लिखे पत्र में पिता के अंतिम संस्कार में लॉकडाउन को देखते हुए कम से कम लोगों के शामिल होने की अपील की थी। इस अपील को ध्यान में रखते हुए अंतिम संस्कार में चुनिंदा लोग ही शामिल हुए। साथ ही घाट पर भी शारीरिक दूरी और अन्य बातों का पूरा ध्यान रखा गया। यमकेश्वर प्रखंड के पंचूर स्थिति पैतृक घर से उनके पिता आनंद सिंह बिष्ट की जब अंतिम यात्रा शुरू हुई तो उनके साथ उनके पुत्र मानेंद्र सिंह, शैलेंद्र सिंह व महेंद्र सिंह बिष्ट के अतिरिक्त उनके दामाद और करीबी चुनिंदा परिवारजन व रिश्तेदार शामिल हुए।
अपने पिता आनंद सिंह बिष्ट के अंतिम संस्कार में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल नहीं हुए। उन्होंने अपनी ओर से अपील जारी कर कहा था कि लॉकडाउन की सफलता और कोरोना वायरस को परास्त करने की रणनीति के कारण वह अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। लॉकडाउन के बाद वह वहां दर्शनार्थ पहुंचेंगे। फूलचट्टी घाट पर आनंद सिंह बिष्ट के अंतिम दर्शन करने के लिए राजनैतिक प्रतिनिधियों के अलावा अलग-अलग गांवों के लोग भी पहुंचे।
सड़क मार्ग से घाट की दूरी करीब पांच सौ मीटर पैदल है। यहां सड़क से घाट पर सीमित लोगों को ही जाने की अनुमति थी। जन भावनाओं का सम्मान करते हुए प्रशासन ने चार-चार लोगों को अंतिम दर्शन के लिए भेजा और उसके बाद उन्हें वहां से वापस भेजा जाता रहा। घाट पर हाथों में लगाने के लिए सभी को निरंतर सेनीटाइजर दिया जाता रहा। संस्कार स्थल के आसपास शारीरिक दूरी का पूरा ध्यान रखा गया। स्वयं योग गुरु बाबा रामदेव ने स्वयं माइक हाथों में लेकर पूरे समय उपस्थित लोगों से इस तरह का आग्रह किया जाता रहा। घाट पर पर्याप्त जगह होने के कारण लोग उचित शारीरिक दूरी बनाकर घाट पर मौजूद रहे।
स्व. बिष्ट की स्मृति को बनाएंगे चिरस्थायी : मुख्यमंत्री
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट का योगदान समाज के लिए हमेशा प्रेरणादायी रहेगा। उन्होंने कहा कि लंबी राजकीय सेवा के बाद आनंद सिंह बिष्ट ने ऐशो आराम का जीवन त्याग कर गांव की विषम परिस्थितियों में गांव व समाज के विकास के लिए काम किया। कहा कि राज्य सरकार का प्रयास रहेगा कि आनंद सिंह बिष्ट की कर्मभूमि में ही उनकी याद को चिरस्थाई बनाने के लिए सरकार कोई निर्णय लेगी।
भरा पूरा परिवार छोड़ गए
आनंद सिंह बिष्ट अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं। परिवार में उनकी पत्नी सावित्री देवी, सबसे बड़ी बेटी पुष्पा बडोली यमकेश्वर में है। कौशल्य कोटद्वार में और शशि पयाल कोठार यमकेश्वर में हैं। उनके बड़े पुत्र मानवेंद्र सिंह महायोगी गुरु गोरखनाथ महाविद्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर हैं। उनसे छोटे योगी आदित्यनाथ हैं। उनके बाद शैलेंद्र सिंह बिष्ट सेना में सेवारत हैं तो सबसे छोटे महेंद्र सिंह बिष्ट इसी महाविद्यालय में कार्यरत हैं।
लिवर की बीमारी से थे पीड़ित
एम्स के अनुसार, उन्हें लंबे समय से लिवर की परेशानी थी। इधर, करीब एक माह से एम्स में उनका इलाज चल रहा था। 15 मार्च को एयर एंबुलेंस से दिल्ली लाकर उन्हें एम्स में भर्ती किया गया था। गैस्ट्रोलॉजी के डॉ. विनीज आहूजा के नेतृत्व में उनका इलाज चल रहा था। कुछ समय से उनकी हालत ज्यादा गंभीर थी। इस वजह से उन्हें आइसीयू में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। बताया जा रहा है कि वह किडनी की बीमारी से भी परेशान थे। इसके चलते उनका डायलिसिस चल रहा था। रविवार रात को उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई थी। सोमवार सुबह उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर ही उनके पैतृक निवास भेजने की तैयारी चल रही थी। इसी बीच उनका निधन हो गया।
एक परिचय
- नाम आनंद सिंह बिष्ट
- ग्राम-पंचुर, पौड़ी (उत्तराखंड)
- उम्र लगभग 88
- परिवार में पत्नी- श्रीमती सावत्री देवी
- पुत्र - बड़ा मानेंद्र, योगी आदित्य नाथ (अजय सिंह बिष्ट), शैलेन्द्र मोहन, महेंद्र
- एवम 3 पुत्रियां- पुष्पा देवी,कौशल्या देवी, शशि देवी।
- आनंद सिंह बिष्ट वन विभाग में रेंजर के पद पर रहे। सेवा से रिटायर होने के बाद उन्होंने ट्रांसपोर्ट का संचालन भी किया। आनंद बिष्ट गुरु गोरखनाथ महाविद्यालय विठ्यनी यमकेश्वर के संस्थापक अध्यक्ष 1997 से वर्तमान तक।