Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    फर्जी दस्तावेजों से जल संसाधन में बनी प्रशासनिक अधिकारी, 15 साल बाद ऐसे सामने आया सच

    उत्तराखंड में जल संसाधन प्रबंधन और नियामक आयोग में तैनात महिला अधिकारी अंशुल गोयल के शैक्षणिक प्रमाणपत्र फर्जी मिलने पर मुकदमा दर्ज हुआ है। अंशुल ने 2009 में मृतक आश्रित कोटे से नौकरी पाई थी। शिकायत के बाद जांच में हाईस्कूल के दस्तावेज फर्जी पाए गए जिसके बाद विभाग ने कार्रवाई की। जांच समिति ने भी प्रमाणपत्रों को कूटरचित माना।

    By Soban singh Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sat, 23 Aug 2025 07:51 PM (IST)
    Hero Image
    कैंट कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया है। प्रतीकात्‍मक

    जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड, जल संसाधन प्रबंधन और नियामक आयोग, यमुना कालोनी में प्रशासनिक अधिकारी पद तैनात महिला के शैक्षणिक प्रमाणपत्र फर्जी पाए जाने पर विभाग की ओर से कैंट कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया है।

    आरोपित महिला अंशुल गोयल ने मृतक आश्रित के कोटे से वर्ष 2009 में नौकरी पाई थी। शिकायत के आधार पर उनके शैक्षणिक दस्तावेजों के जांच करवाई गई तो वह फर्जी पाए गए।

    इंद्र सिंह सहायक अभियंता तृतीय अवस्थापना खंड कोतवाली उत्तरकाशी ने पुलिस को तहरीर दी है कि अधिशासी अभियंता, अवस्थापना खंड उत्तरकाशी कार्यालय में पदस्थापित अंशुल गोयल, प्रशासनिक अधिकारी जोकि वर्तमान में उत्तराखंड जल संसाधन प्रबंधन और नियामक आयोग, यमुना कालोनी, देहरादून में संबंध है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वर्ष 2009 में अंशुल गोयल की प्रथम नियुक्ति मृतक आश्रित के रूप में सिंचाई विभाग, उत्तराखंड में कार्यालय अधीक्षण अभियंता लखवाड़ व्यासी निर्माण मंडल-प्रथम, देहरादून में कनिष्ठ सहायक के पद पर की गई। इसके बाद अंशुल गोयल 30 जनवरी 2009 को कार्यालय अधिशासी अभियंता लखवाड़ बांध निर्माण खंड, चतुर्थ, देहरादून में कनिष्ठ सहायक के पद पर अपना योगदान दिया।

    विनीत अग्रवाल निवासी निंबूवाला गढ़ी कैंट ने अंशुल गोयल के विरुद्ध शैक्षिक प्रमाण पत्र (हाईस्कूल की अंकतालिका एवं प्रमाण पत्र) की जांच किए जाने के लिए पत्र लिखा। इसके बाद इस संबंध में मुख्य अभियंता (स्तर-2) सिंचाई विभाग, उत्तराखंड, देहरादून के कार्यालय ने 18 फरवरी 2025 को अंशुल गोयल, प्रशासनिक अधिकारी के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच करवाने के लिए जांच समिति का गठन किया।

    अंशुल गोयल, प्रशासनिक अधिकारी के हाईस्कूल अंकतालिका एवं प्रमाण पत्र की जांच के संबंध में प्रधानाचार्य राजकीय इंटर कालेज पटेलनगर को पत्र प्रेषित किया गया। इंटर कालेज की ओर से अवगत कराया गया है कि विद्यालय अभिलेख के अनुसार वर्ष 2001 में अनुक्रमांक 2206742 एवं कुमारी अंशुल गोयल के नाम से कोई भी परीक्षार्थी पंजीकृत नही है।

    सचिव, उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा प्ररिषद रामनगर (नैनीताल) ने भी अपने पत्र से अवगत कराया है कि हाईस्कूल परीक्षा वर्ष 2001 अनुक्रमांक 2206742 पर यह छात्रा पंजीकृत नहीं है। दोनों संस्थानों की ओर से उपलब्ध कराए गए अभिलेखों से ज्ञात हुआ कि अंशुल गोयल ने की ओर से जो शैक्षणिक प्रमाणपत्र दिए गए हैं वह सही नहीं हैं।

    उन्होंने बताया कि इस संबंध में जांच समिति ने भी अंशुल गोयल के हाईस्कूल अंकतालिका व प्रमाण पत्र को कूटरचित माना है। अधीक्षण अभियंता सिंचाई कार्य मंडल उत्तरकाशी ने सहायक जिला शासकीय वक्ता, देहरादून से विधिक परामर्श के लिए पत्र प्रेषित किया गया। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता से विधिक परामर्श दिया गया कि प्रशासनिक अधिकारी के विद्यालयी प्रमाण पत्र कूटरचित हैं, इसलिए वह अपने पद पर बने रहने की अधिकारी नहीं है।

    कैंट कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक केसी भट्ट ने बताया कि तहरीर के आधार पर अंशुल गोयल निवासी निंबूवाला गढ़ी कैंट के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है।