Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मसूरी रोड पर भूस्खलन के उपचार में खर्च होंगे चार करोड़, सीएम धामी ने लिया भूस्खलन जोन का जायजा

    By Sumit KumarEdited By:
    Updated: Thu, 02 Sep 2021 10:50 PM (IST)

    पर्यटन नगरी मसूरी को जोड़ने वाले मार्ग की अहमियत को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को भूस्खलन जोन का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पहाड़ी के उपचार के लिए हरसंभव आधुनिक तकनीक पर काम किया जाए।

    Hero Image
    सीएम धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पहाड़ी के उपचार के लिए हरसंभव आधुनिक तकनीक पर काम किया जाए।

    जागरण संवाददाता, देहरादून: मसूरी रोड पर ग्लोगी पावर हाउस के पास भूस्खलन जोन पिछले कई सालों से सिरदर्द बना है। इस मानसून सीजन में भी यहां की पहाड़ी से निरंतर भूस्खलन हो रहा है। पर्यटन नगरी मसूरी को जोड़ने वाले मार्ग की अहमियत को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को भूस्खलन जोन का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पहाड़ी के उपचार के लिए हरसंभव आधुनिक तकनीक पर काम किया जाए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मुख्यमंत्री के निरीक्षण के दौरान लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) के मुख्य अभियंता एनपी सिंह ने बताया कि पहाड़ी के 80 मीटर लंबाई व 100 मीटर ऊंचाई के हिस्से से निरंतर भूस्खलन हो रहा है। इतने बड़े क्षेत्र के उपचार के लिए विशेष प्रयास करने होंगे। उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले विभाग के भूविज्ञानियों की टीम ने भूस्खलन जोन का सर्वे किया था। जिसमें बताया गया कि यहां पर सुरक्षा दीवार निर्माण जैसे उपाय कारगर नहीं हो सकते हैं। हालांकि, उन्होंने जानकारी दी कि उच्च तकनीक वाली नेलिंग/राक बोल्टिंग, जाल निर्माण आदि माध्यमों से पहाड़ी को सुदृढ़ किया जा सकता है। एक अनुमान के मुताबिक, इस काम में चार करोड़ रुपये से अधिक खर्च आ सकता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जिस भी तकनीक से भूस्खलन रुक सकता है, उस पर तुरंत कार्रवाई की जाए। विभाग के प्रस्ताव को शीघ्र मंजूरी दी जाएगी। निरीक्षण में अधीक्षण अभियंता पीएस बृजवाल, अधिशासी अभियंता डीसी नौटियाल आदि शामिल रहे।

    यह भी पढ़ें-ऋषिकेश से देहरादून के बीच जाखन नदी पर वैकल्पिक मार्ग बनाने का काम तेज

    पहाड़ी के बीच से फूट रहा जलस्रोत

    लोनिवि अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि ग्लोगी पावर हाउस के पास की पहाड़ी के बीच से जलस्रोत भी फूट रहा है। मानसून सीजन में यहां से अधिक पानी निकलता है। यह भी वजह है कि बारिश के दौरान भूस्खलन रफ्तार पकड़ लेता है।

    विभाग नियुक्त करेगा कंसल्टेंट

    मुख्यमंत्री के निर्देश पर लोनिवि ने कंसल्टेंट की नियुक्ति की तैयारी शुरू कर दी है। जो भूस्खलन की प्रकृति व भौगोलिक स्थिति के मुताबिक उपचार के लिए डिजाइन तैयार करेगा। इसी के अनुरूप उपचार के कार्यों को आगे बढ़ाया जाएगा।

    यह भी पढ़ें- टीएचडीसी की मदद से होगा बदरीनाथ हाईवे पर तोताघाटी का ट्रीटमेंट, पढ़ि‍ए पूरी खबर