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पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पीएम मोदी से पहले केदारनाथ पहुंच उछाले सवाल, उठाए ये मुद्दे

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पीएम नरेन्द्र मोदी के दौरे से पहले केदारनाथ धाम की यात्रा कर सियासत गर्मा दी। उन्‍होंने पंडा-पुरोहितों और पुजारियों के साथ मुलाकात की। इसके बाद उन्‍होंने देवस्थानम बोर्ड भंग करने की कांग्रेस की घोषणा को दोहराया।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 09:43 PM (IST)Updated: Tue, 26 Oct 2021 09:43 PM (IST)
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पीएम मोदी से पहले केदारनाथ पहुंच उछाले सवाल, उठाए ये मुद्दे
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौरे से पहले केदारनाथ यात्रा कर सियासत गर्मा दी।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौरे से पहले केदारनाथ यात्रा कर सियासत गर्मा दी। पंडा-पुरोहितों और पुजारियों के साथ मुलाकात के बाद देवस्थानम बोर्ड भंग करने की कांग्रेस की घोषणा को उन्होंने दोहराया। साथ में केदारनाथ धाम के पुराने स्वरूप के अनुसार ही हक-हकूकधारियों और पुजारियों की व्यवस्था से छेड़छाड़ नहीं करने का भरोसा देकर उन्होंने पीएम मोदी के लिए भी सवाल उछाल दिए।

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2017 के विधानसभा चुनाव में मोदी लहर में करारी शिकस्त देख चुके हरीश रावत ये जानते हैं कि 2022 में भी उनका मुकाबला मोदी के प्रभामंडल से होना है। उत्तराखंड में प्रदेश कांग्रेस के चुनाव अभियान की बागडोर रावत के हाथों में है। चुनावी साल में मोदी की केदारनाथ यात्रा से कांग्रेस के माथे पर बल डाले हुए है। मोदी प्रतीकों की सियासत के माहिर हैं। आपदा से तबाह केदारभूमि में पुनर्निर्माण कार्य उन्हीं की देखरेख में चल रहे हैं।

केदारनाथ मोदी की तपस्थली रहा है। ऐसे में देवभूमि उत्तराखंड से कायम हुआ उनका रिश्ता कांग्रेस की चिंता का सबब है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की मंगलवार को केदारनाथ यात्रा के पीछे सधी रणनीति है। उन्होंने बाबा केदार के दर पर दस्तक देने के साथ वहां हक-हकूकधारियों, पुजारियों से मुलाकात को खासी तरजीह दी। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस का सियासी स्टैंड भी सामने रख दिया। देवस्थानम बोर्ड को लेकर चार धामों में पुजारियों व हकहकूकधारियों में रोष है। हरदा इस रोष को नई धार देते हुए भी दिखाई दिए।

यही नहीं उन्होंने बाबा भैरवनाथ की पहाड़ी और मंदाकिनी नदी की सुरक्षा दीवार, चौमासी सड़क के मुद्दे भी उछाल दिया। कांग्रेस को उम्मीद है कि ये मुद्दे प्रधानमंत्री मोदी के दौरे पर सवाल बनकर उभरेंगे। इन्हीं मुद्दों को लेकर हरदा ने कई ट्वीट भी किए।

किसी को लाने से फायदा है तो करेंगे विचार

हरीश रावत ने 2022 के चुनाव के मद्देनजर बागियों समेत कांग्रेस में आने की मंशा रखने वालों को फिर आईना दिखाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि यदि पार्टी को लगता है कि किसी को लाने से चुनाव में फायदा है, तो उस पर विचार किया जाएगा। आज भाजपा के अंदर एक भगदड़ की स्थिति है। भाजपा के ऐसे कई लोग हैं जो कांग्रेस में आना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि दरवाजा समय पर खोलना पड़ता है। उन्होंने अपनी टिप्पणी से संकेत दे दिए कि चुनाव में पार्टी जिसे भी फायदेमंद समझेगी, उसे शामिल करने से गुरेज नहीं किया जाएगा।

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