Forest Fire: मौसम मेहरबान हुआ तो फायर सीजन में मिली राहत, जंगल की आग की घटनाओं में आई कमी आने से राहत
उत्तराखंड में इस वर्ष मौसम की मेहरबानी से जंगल की आग की घटनाओं में कमी आई है। फायर सीजन के दौरान वर्षा होने से आग पर नियंत्रण पाया गया। वन विभाग अलर्ट पर है और स्थिति पर नजर बनाए हुए है। इस वर्ष सामान्य से अधिक बारिश हुई है जिससे विभाग को राहत मिली है। अधिकारियों ने नियंत्रण कक्षों का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड पर इस वर्ष मौसम की मेहरबानी से वन महकमा भी राहत की सांस ले रहा है। फायर सीजन में उत्तराखंड के जंगलों के सुलगने की घटनाएं कम रहीं। 15 फरवरी को फायर सीजन शुरू होने के बाद से ही मौसम का मिजाज बदलता रहा और वातावरण में नमी के कारण आग की घटनाओं को विकराल रूप लेने से रोक लिया गया।
बीते एक माह में वर्षा के कारण प्रदेशभर में आग घटनाएं स्वत: ही काबू हो गईं। अब जल्द मानसून आने वाला है, ऐसे में इस वर्ष जंगल की आग से राहत रहने की उम्मीद है। हालांकि, फायर अलर्ट पर वन विभाग की पैनी नजर बनी हुई है।
इस वर्ष पूरे ग्रीष्मकाल (एक मार्च से 31 मई) तक प्रदेश में सामान्य से 32 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। जिसमें बागेश्वर में सर्वाधिक 144 प्रतिशत और पिथौरागढ़ में -06 प्रतिशत सबसे कम वर्षा हुई। ज्यादातर क्षेत्रों में वर्षा सामान्य से अधिक रही। जिससे वन विभाग ने राहत की सांस ली। 15 फरवरी से 31 मई तक प्रदेश में 203 घटनाओं में 226 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है।
पूरे फायर सीजन में अब तक करीब सवा दो सौ हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित
अपर प्रमुख वन संरक्षक वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन निशांत वर्मा ने शनिवार को मसूरी वन प्रभाग की रायपुर रेंज में मालसी स्थित मास्टर कंट्रोल रूम और क्रू स्टेशन राजपुर बीट का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मालसी कंट्रोल रूम में जंगल की आग नियंत्रण के लिए किए जा रहे उपायों की जानकारी लेते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
मसूरी वन प्रभाग में फारेस्ट फायर नियंत्रण के लिए मालसी कंट्रोल रूम में सात रेंजों में स्थित 43 क्रू स्टेशन और 16 बेस स्टेशन से सूचना प्राप्त की जा रही है। मास्टर कंट्रोल रूम में उन्होंने पंजिकाओं का भी निरीक्षण किया। उत्तराखंड फारेस्ट फायर एप, एफएसआइ फारेस्ट फायर अलर्ट सिस्टम आदि के संबंध में जानकारी ली। इस अवसर पर उप प्रभागीय वनाधिकारी उदय गौड़, रेंज अधिकारी राकेश नेगी आदि उपस्थित रहे।
इस वर्ष अब तक जंगल की आग की घटनाएं
क्षेत्र, घटनाएं, प्रभावित वन क्षेत्र
गढ़वाल, 109, 114
कुमाऊं, 74, 88
वन्यजीव आरक्षित, 18, 20
कुल, 203, 226
(प्रभावित वन क्षेत्र हेक्टेयर में)
पिछले तीन वर्षों में जंगल की आग की स्थिति
वर्ष, घटनाएं, प्रभावित क्षेत्र
2025, 203, 226
2024, 1177, 1617
2023, 466, 536
एक जून को फारेस्ट फायर अलर्ट
देशभर में 24
उत्तराखंड में 11
लार्ज फारेस्ट फायर अलर्ट
देशभर में दो
उत्तराखंड में एक

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