Forest Fire in Uttarakhand : तापमान बढ़ते ही सुलगने लगे जंगल, टिहरी में आबादी क्षेत्र तक पहुंची आग
Forest Fire in Uttarakhand बेकाबू आग गांव की समीप तक पहुंची जिससे स्थानीय ग्रामीणों की सिविल भूमि पर ग्रामीणों के स्वयं के लगाए करीब 300 सौ बांज के पौधे व अन्य प्रजातियों के जलकर राख हो गए।
जागरण टीम, कीर्तिनगर (टिहरी): Forest Fire in Uttarakhand : उत्तराखंड में तापमान बढऩे के साथ ही एक बार फिर जंगल आग की चपेट में आने लगे हैं। टिहरी जिले में कीर्तिनगर रेंज में सुलग रहे जंगल की आग आबादी के पास जा पहुंची। आग से सिविल भूमि पर रोपे गए बांज वृक्ष के तीन सौ से ज्यादा पौधे भी जल गए। वन विभाग के अनुसार आगे पर काबू पा लिया गया है। बीते 24 घंटे में जंगलों में आग की कुल 12 घटनाएं दर्ज की गईं। इनमें सात कुमाऊं और पांच गढ़वाल मंडल में हुईं।
पिछले माह हुई बारिश से ज्यादातर क्षेत्र में जंगलों की आग शांत हो गई थी। वन विभाग भी इससे राहत की सांस ले रहा था, लेकिन बीते एक दो दिन से पारे में हुई वृद्धि के साथ आग फिर से चुनौती बनने लगी है। कीर्तिनगर रेंज के वन में सुलग रही आग विकराल होकर गांवों के पास तक पहुंच गई। वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों की सहायता से किसी तरह आग पर काबू पाया।
कीर्तिनगर रेंज के वन क्षेत्राधिकारी बुद्धि प्रकाश ने बताया कि कुछ दिन पहले भी यह जंगल आग की चपेट में था तब वन विभाग की टीम ने इस पर नियंत्रण पा लिया था, दोबारा आग कैसे लगी इसकी जांच की जाएगी। दूसरी ओर कुमाऊं में पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय और नैनीताल जिले में भीमताल के पास के जंगल भी सुलगने लगे। हालांकि पिथौरागढ़ के जंगल में आग पर नियंत्रण पा लिया गया है, वहीं भीमताल में वन विभाग की टीम आग बुझाने में जुटी है।
साढ़े तीन माह में जल चुका है 3200 हे. वन क्षेत्र
उत्तराखंड में फायर सीजन की शुरुआत 15 फरवरी से मानी जाती है। तब से अब तक करीब साढ़े तीन माह में आग से 3216.57 हे. जंगल जल चुका है। जंगल में सुलगी आग की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है, जबकि छह घायल हुए हैं।
जंगल में लगी आग बुझी, मिली राहत
वहीं कर्णप्रयाग नगर से लगे नंदप्रयाग रेंज के जंगल में बुधवार रात जंगल में लगी आग बुझने से वन कर्मियों एवं क्षेत्रवासियों ने राहत की सांस ली है। हालांकि गुरुवार रात जंगल की आग राजनगर से आईटीआई के शीर्ष में दयूड़ी पहाड़ी तक पहुंचने से वातावरण में धुएं की चादर छा गई थी।
आग को काबू करने में स्थानीय लोगों सहित लाटूगैर आश्रम के संत समाज का विशेष सहयोग मिला। इस कारण जंगल के बड़े हिस्से और बरसाली गांव तक पहुंचने से पहले आग बुझ गई। आश्रम के संत महंत ऐश्वर्यनाथ ने बताया कि जंगल में आग की घटनाओं को रोकने के लिए वन विभाग को तत्परता से कार्य करना चाहिए। बुधवार रात जैसे ही आश्रम के संत समाज को आग फैलने की खबर लगी तो आग को काबू करने का प्रयास किया गया।
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