पूरी बस बेटिकट मिलने के मामले में बड़ी कार्रवाई, पांच अफसर निलंबित; एजीएम को चार्जशीट
रामनगर डिपो की पूरी बस बेटिकट मिलने के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए रोडवेज के प्रबंध निदेशक रणवीर सिंह चौहान ने दो यातायात अधीक्षक समेत पांच अफसरों को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही रामनगर डिपो के सहायक महाप्रबंधक एवं वरिष्ठ केंद्र प्रभारी को चार्जशीट किया गया है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। रामनगर डिपो की पूरी बस बेटिकट मिलने के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए रोडवेज के प्रबंध निदेशक रणवीर सिंह चौहान ने दो यातायात अधीक्षक समेत पांच अफसरों को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही रामनगर डिपो के सहायक महाप्रबंधक एवं वरिष्ठ केंद्र प्रभारी को चार्जशीट किया गया है। बेटिकट मामले में रोडवेज प्रबंधन ने पहली बार इतनी बड़ी कार्रवाई की है। इससे रोडवेज अधिकारियों में खलबली मच गई है। प्रबंध निदेशक की ओर से चेतावनी दी गई है कि भ्रष्टाचार पर कोई शिथिलता नहीं बरती जाएगी।
दिल्ली-रामनगर मार्ग पर मंगलवार तड़के रोडवेज के रामनगर डिपो की साधारण बस (यूके07-पीए-4265) में चेकिंग टीम को सभी 35 यात्री बेटिकट मिले थे। लंबे वक्त से शिकायत मिल रही थी कि बस बेटिकट चल रही। इस वजह से बस की आय डिपो में जमा नहीं हो रही थी। जिस पर नैनीताल मंडल प्रबंधक ने सोमवार रात गोपनीय ढंग से अपनी प्रवर्तन टीम भेजकर बस की जांच कराई थी। टीम द्वारा मंगलवार तड़के दिल्ली से आते वक्त बस को गढ़ क्षेत्र में रुकने का इशारा किया मगर चालक ने बस दौड़ा दी।
टीम ने पीछा किया और बस को जोया टोल प्लाजा पर पकड़ लिया। बस में 35 बेटिकट यात्रियों में से 10 रामनगर, 20 काशीपुर व पांच रुद्रपुर जा रहे थे। परिचालक ने सभी से पूरा किराया लेकर फर्जी टिकट दिए हुए थे। रोडवेज के प्रबंध निदेशक रणवीर सिंह चौहान ने बस चालक अरविंद कुमार समेत परिचालक गौरव रघुवंशी को मंगलवार को ही बर्खास्त कर दिया था। दोनों विशेष श्रेणी के थे। मामले में रामनगर एजीएम व प्रवर्तन टीमों पर भी सवाल उठने पर उनके खिलाफ भी जांच बैठाई गई थी।
गुरुवार को प्रबंध निदेशक चौहान ने बसों की चेकिंग में लापरवाही पर नैनीताल मंडल के यातायात अधीक्षक अनिल सैनी व नरेंद्र सिंह बिष्ट को निलंबित कर दिया। रामनगर डिपो के यातायात निरीक्षक आनंद कुमार व सहायक यातायात निरीक्षक नरेंद्र राम और तरसेम सिंह को भी निलंबित कर दिया गया है। रामनगर डिपो के सहायक महाप्रबंधक और वरिष्ठ केंद्र प्रभारी को चार्जशीट किया गया है।
एजीएम की भूमिका थी संदिग्ध
पूरी बस बिना टिकट दौड़ने पर रामनगर डिपो के सहायक महाप्रबंधक की भूमिका शुरुआत से संदिग्ध थी। बस के लंबे वक्त से बेटिकट दौड़ने की शिकायत थी। सवाल उठ रहे थे कि जब बस कोई आय नहीं ला रही तो सहायक महाप्रबंधक चुप क्यों बैठे रहे। रोडवेज के नियमानुसार दस और इससे अधिक बेटिकट पर एजीएम के खिलाफ भी कार्रवाई का प्रविधान है। रोडवेज मुख्यालय की मानें तो इतना बड़ा भ्रष्टाचार बगैर डिपो अफसरों की मिलीभगत के नहीं हो सकता।
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